Gai Ghat Remand Home : जब पूछ रही थी मीडिया तो नहीं रेंगी कानों में जूं , अब पटना हाई कोर्ट के आदेश पर SIT का गठन
पटना के गाय घाट रिमांड होम मामले में कोर्ट के आदेश के बाद SIT का गठन किया गया है। ये SIT इस पूरे मामले की जांच करेगी। लेकिन जब मीडिया यही सवाल पूछ रही थी तब तमाम अधिकारी या तो फोन उठाने से बच रहे थे या इस माममे में लड़की पर ही उंगली उठा कर मामले से पल्ला झाड़ने का प्रयास कर रहे थे। समाज कल्याण विभाग ने तो बाकायदे इस पूरे मामले में लड़की के सारे आरोपों को खारिज करते हुए लेटर भी जारी कर दिया। लेकिन अब ये मामला माननीय पटना हाई कोर्ट के संज्ञान में है।
पटना हाई कोर्ट
पटना : जब राजधानी पटना की पूरी मीडिया गाय घाट रिमांड होम मामले को लेकर पुलिस और अधिकारियों से सवाल पूछ रही थी तब इस मामले की लीपा पोती हो रही थी। इस पूरे मामले में लड़की को पागल और बैड कैरेक्टर बताया जा रहा था। इस बात का प्रमाण समाज कल्याण विभाग ने लेटर जारी कर के भी दिया है। वैसे पीडि़त लड़की के वीडियो के सामाने आने से पहले तक पुलिस और अधिकारी इस मामले में लड़की को ही शक की निगाह से देख रहे थे। लेकिन अब कोर्ट के आदेश के बाद गाय घाट रिमांड होम मामले में जांच अब एसआइटी को सौंप दी गई है। यानी अब एसआइटी इस पूरे मामले में जांच और पूछताछ करेगी।
SIT में शामिल हैं ये सदस्य
सचिवालय एसएसपी काम्या मिश्रा इस जांच टीम को लीड करेंगी। पटना के SSP मानवजीत सिंह ढ़िल्लो ने एक स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन कर दिया है। इस SIT में एक महिला IPS, 2 महिला इंस्पेक्टर, 5 सब इंस्पेक्टर और एक ASI समेत 9 लोग शामिल हैं। इस स्पेशल टीम को IPS अधिकारी और सचिवालय ASP काम्या मिश्रा लीड करेंगी। जांच में इनकी मदद के लिए SIT में महिला थाना की थानेदार व इंस्पेक्टर किशोरी सहचरी, इंस्पेक्टर आरती जायसवाल, सब इंस्पेक्टर धर्मेंद्र कुमार, अमरेंद्र कुमार, लूसी कुमारी, स्मिता सिन्हा, कुमारी अंचला, और ASI प्रतिमा कुमारी को शामिल किया गया है।
कोर्ट के आदेश के बाद जागी पटना पुलिस, उठ रहे कार्यशैली पर सवाल
बताते चलें कि जब से गाय घाट रिमांड होम का मामला सामने आया है तब से राज्य सरकार और पटना पुलिस की कार्यशैली को लेकर गले की फांस बनता जा रहा है। गाय घाट रिमांड होम की लड़की ने जो आरोप लगाए उस आरोप का वीडियो सामने आने के बाद आने के बाद से राज्य सरकार की किरकिरी होने लगी। पहले राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग की ओर आनन फानन में मामले पर पर्दा डालने का प्रयास किया। बाद में मीडिया रिपोर्ट के आधार पर पटना हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर इस पूरे मामले की सुनावाई शुरू की। कोर्ट ने पीडि़ता को लीगल एड प्रोवाइड करने का आदेश दिया है। पटना पुलिस की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा था। लेकिन कोर्ट के संज्ञान के बाद 11 फरवरी को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ही पटना पुलिस को इस मामले की जांच डीएसपी स्तर के अधिकारी से कराने का आदेश दिया है जिसके बाद SIT का गठन कर दिया गया है।
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Web Title : gai ghat remand home when the media was asking, it would not crawl in the ears, now the formation of sit on the orders of patna high court
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पटना के गाय घाट रिमांड होम मामले में कोर्ट के आदेश के बाद SIT का गठन किया गया है। ये SIT इस पूरे मामले की जांच करेगी। लेकिन जब मीडिया यही सवाल पूछ रही थी तब तमाम अधिकारी या तो फोन उठाने से बच रहे थे या इस माममे में लड़की पर ही उंगली उठा कर मामले से पल्ला झाड़ने का प्रयास कर रहे थे। समाज कल्याण विभाग ने तो बाकायदे इस पूरे मामले में लड़की के सारे आरोपों को खारिज करते हुए लेटर भी जारी कर दिया। लेकिन अब ये मामला माननीय पटना हाई कोर्ट के संज्ञान में है।
पटना हाई कोर्ट
सचिवालय एसएसपी काम्या मिश्रा इस जांच टीम को लीड करेंगी। पटना के SSP मानवजीत सिंह ढ़िल्लो ने एक स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन कर दिया है। इस SIT में एक महिला IPS, 2 महिला इंस्पेक्टर, 5 सब इंस्पेक्टर और एक ASI समेत 9 लोग शामिल हैं। इस स्पेशल टीम को IPS अधिकारी और सचिवालय ASP काम्या मिश्रा लीड करेंगी। जांच में इनकी मदद के लिए SIT में महिला थाना की थानेदार व इंस्पेक्टर किशोरी सहचरी, इंस्पेक्टर आरती जायसवाल, सब इंस्पेक्टर धर्मेंद्र कुमार, अमरेंद्र कुमार, लूसी कुमारी, स्मिता सिन्हा, कुमारी अंचला, और ASI प्रतिमा कुमारी को शामिल किया गया है।
कोर्ट के आदेश के बाद जागी पटना पुलिस, उठ रहे कार्यशैली पर सवाल
बताते चलें कि जब से गाय घाट रिमांड होम का मामला सामने आया है तब से राज्य सरकार और पटना पुलिस की कार्यशैली को लेकर गले की फांस बनता जा रहा है। गाय घाट रिमांड होम की लड़की ने जो आरोप लगाए उस आरोप का वीडियो सामने आने के बाद आने के बाद से राज्य सरकार की किरकिरी होने लगी। पहले राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग की ओर आनन फानन में मामले पर पर्दा डालने का प्रयास किया। बाद में मीडिया रिपोर्ट के आधार पर पटना हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर इस पूरे मामले की सुनावाई शुरू की। कोर्ट ने पीडि़ता को लीगल एड प्रोवाइड करने का आदेश दिया है। पटना पुलिस की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा था। लेकिन कोर्ट के संज्ञान के बाद 11 फरवरी को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ही पटना पुलिस को इस मामले की जांच डीएसपी स्तर के अधिकारी से कराने का आदेश दिया है जिसके बाद SIT का गठन कर दिया गया है।
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