विहिप अध्यक्ष पद से मुक्त होकर राम मंदिर निर्माण के लिए ये बड़ा क़दम उठाने वाले हैं प्रवीण तोगड़िया

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अगर भारतीय राजनीति के सबसे चर्चित मुद्दे की बात की जाए तो राम मंदिर का मुद्दा अव्वल दर्जे पर आएगा. शायद ही कोई दिन जाता हो जब कोई चर्चित व्यक्ति इस मामले पर टिप्पणी न करता हो. इस बार विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के पूर्व अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने ये बीड़ा उठाया है. देखा जाए तो प्रवीण तोगड़िया के प्लान के लिए ये सबसे अनुकूल समय है. वो अभी-अभी इतने बड़े पद से हटे हैं, ज़िम्मेदारियों से मुक्त हुए हैं इसलिए अब वो अपनी पूरी क्षमता के साथ मोदी सरकार पर दबाव बना सकते हैं.

प्रवीण तोगड़िया मंगलवार से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर अनिश्चितकालीन उपवास रखेंगे. इसके साथ ही उन्होंने विहिप के नवनिर्वाचित अध्यक्ष सदाशिव कोकजो को भी उपवास में शामिल होने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा है कि या तो वह इस उपवास में शामिल हों या संसद में राम मंदिर निर्माण के लिए विधेयक लाने का दबाव बनाएं.

इस मौके पर तोगड़िया ने कहा कि विहिप ने कहा था कि एक बार हम (संघ परिवार) संसद में आएंगे तो हम विधेयक पास कर राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेंगे. परिषद ने अयोध्या में लोगों से कार सेवा करने के लिए शहादत देने को कहा था. इसके लिए करीब 60 लोगों ने अपनी शहादत भी दी और साथ ही गुजरात के हज़ारों लोगों ने भी योगदान दिया.

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उल्लेखनीय है कि प्रवीण तोगड़िया ने एक बार फिर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा. तोगड़िया ने पीएम के पांच दिनों के विदेश दौरे पर हमला बोलते हुए कहा कि पीएम ऐसे समय में विदेश जा रहे हैं जब देश की सीमाओं पर सैनिक सुरक्षित नहीं हैं, किसान खुदखुशी कर रहे हैं, हमारी बेटियां हमारे घरों में सुरक्षित नहीं हैं और हमारे प्रधानमंत्री विदेश दौरे पर गए हैं.

बता दें तोगड़िया 32 सालों तक परिषद के अध्यक्ष रह चुके हैं. लेकिन उन्हें परिषद की टीम में कोई नया दायित्व नहीं मिला है. उन्होंने हिमाचल प्रदेश के पूर्व गवर्नर वीएस कोकजे के विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद संगठन से इस्तिफा दे दिया था. उन्हें समर्थन देते हुए विहिप के 5,000 जिला स्तरीय कार्यकर्ताओं ने भी संगठन छोड़ दिया.

वहीं तोगड़िया का खुलकर समर्थन करने वाले विहिप गुजरात के प्रवक्ता का कहना है कि राज्य की पूरी इकाई इस तेज़तर्रार नेता के साथ खड़ी है.