30 साल पुराने रोडरेज केस में सुप्रीम कोर्ट ने किया सिद्धू को बरी

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मशहूर हस्तियों का कोर्ट -कचहरी के केसों में उलझना कोई नयी बात नहीं है l छोटे न्यायलयों में इनके खिलाफ मुकदमें चलते है,सज़ा मिलती है,और तब ये खटखटाते है सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा ,जहाँ 100 में से 90 बार फैसला इनके पक्ष में ही आता है l
ऐसा ही कुछ हुआ आज , सुप्रीम कोर्ट में जहाँ ,पूर्व क्रिकेटर और पंजाब से सांसद नवजोत सिंह पर चल रहे रोडरेज के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई l शीर्ष अदालत ने तमाम गवाहों और सबूतों को मद्देनज़र रखते हुए सिद्धू को 1000 रुपये के मामूली जुर्माने के साथ बाइज्ज़त बरी कर दिया l Navjot Singh Sidhu 1 news4social -

क्या है पूरा मामला ?
27 दिसम्बर ,1988 को पंजाब के पटियाला में शेरनवाला गेट चौरोह के पास सड़क के बीच में खड़ी एक जिप्सी में नवजोत सिंह सिद्धू अपने मित्र रुपिंदर सिंह संधू के साथ थे l उसी समय वहां से गुरनाम सिंह और दो अन्य लोग अपनी मारुती कार से पैसे निकालने बैंक जा रहे थे l गुरुनाम सिंह ने सिद्धू और संधू से जिप्सी हटाने को कहा जिसके बाद दोनों में कहा सुनी हो गयी l बताया जा रहा है कि इस कहा सुनी के दौरान सिद्धू ने गुरुनाम को बुरी तरह पीटा और अस्पताल ले जाने पर उनकी मौत हो गयी l जिसके बाद ये मामला पंजाब -हरियाणा के हाई कोर्ट में ले जाया गया l साल 2006 में हाईकोर्ट ने बेशक से सिद्धू और एक अन्य आरोपी रुपिंदर सिंह संधू को 3 साल की सजा सुनाई हो, लेकिन 1999 में ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के दौरान दोनों आरोपियों को बरी कर दिया थाl मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचने के बाद 2007 में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोनों को दोषी ठहराने के फैसले पर रोक लगा दी थीl सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही सिद्धू अमृतसर से विधानसभा चुनाव लड़ पाए थेl आपको बता दें कि इस मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सिद्धू को तीन साल की कैद की सजा सुनाई थीl हाईकोर्ट द्वारा सजा का ऐलान किए जाने के बाद सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया थाl

SC ने 1 हजार रुपए का जुर्माना लगाकर नवजोत सिंह सिद्धू को किया बरी
आज सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार की ओर से उपस्थित वकील सनराम सिंह सरों ने 30 साल पुराने मामले में सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ के समक्ष कहा कि जहाँ ये साबित किया गया कि साक्ष्य के अनुसार सिद्धू द्वारा मुक्का मारने से पटियाला के निवासी गुरनाम सिंह संधू की मौत हो गई थीl सरकार ने कहा कि निचली अदालत का यह निष्कर्ष गलत था सिंह की मौत ब्रेन हैमरेज से नहीं, बल्कि हृदय गति रुकने से हुई थीl उन्होंने कहा कि इस बात का एक भी सबूत नहीं है जिससे यह पता चले कि मौत की वजह दिल का दौरा था, न कि ब्रेन हैमरेजl पंजाब सरकार के वकील ने कहा, ‘निचली अदालत के फैसले को उच्च न्यायालय ने सही निरस्त किया थाl उन्होंने ये भी कहा कि आरोपी सिद्धू ने संधू को मुक्का मारा था जिसके बाद उनका ब्रेन हमेरेगे हो गया और जिससे उन्हें अपनी जान गवानी पड़ी l हालांकि सुप्रीम कोर्ट में वो इसका कोई सबूत नही पेश करवाए जिसका निष्कर्ष ये रहा कि , 30 साल पुराने रोडरेज केस में मात्र हज़ार रुपये का जुर्माना लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू को बाइज्ज़त बरी कर दिया l