स्मार्ट कार्ड भूल जाइए… मेट्रो में एंट्री का नया तरीका, बस मोबाइल रहे आपके पास

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स्मार्ट कार्ड भूल जाइए… मेट्रो में एंट्री का नया तरीका, बस मोबाइल रहे आपके पास

स्मार्ट कार्ड भूल जाइए… मेट्रो में एंट्री का नया तरीका, बस मोबाइल रहे आपके पास

नई दिल्ली : मेट्रो में सफर करने के लिए टोकन या स्मार्ट कार्ड खरीदने, कार्ड को बार-बार रिचार्ज कराने और स्मार्ट कार्ड अलग से साथ लेकर चलने के झंझट से यात्रियों को जल्द ही मुक्ति मिलने वाली है। मेट्रो स्टेशनों पर एंट्री-एग्जिट के सिस्टम को और आसान बनाने के लिए डीएमआरसी पूरे नेटवर्क में सभी स्टेशनों पर नैशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) के साथ-साथ मोबाइल पर क्यूआर कोड आधारित टिकटिंग सिस्टम को भी लागू करने जा रही है।

डीएमआरसी के अधिकारियों का कहना है कि अगर कोई अड़चन नहीं आई, तो अगले साल फरवरी-मार्च तक पूरे दिल्ली मेट्रो नेटवर्क में यह सिस्टम लागू कर दिया जाएगा। सभी मेट्रो स्टेशनों पर कम से कम दो ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन (AFC) गेट्स ऐसे होंगे, जहां से कॉमन मोबिलिटी कार्ड या मोबाइल क्यूआर कोड के जरिए यात्री स्टेशन में एंट्री या एग्जिट कर सकेंगे। जैसे-जैसे इसका इस्तेमाल बढ़ता जाएगा, गेटों की संख्या भी बढ़ा दी जाएगी। इस सिस्टम को लागू करने के लिए स्टेशनों पर नए एएफसी गेट लगाने और सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करने का काम तेजी से काम चल रहा है।

अधिकारियों के मुताबिक, पूरे मेट्रो नेटवर्क में अभी कुल 286 मेट्रो स्टेशंस हैं, जिनमें एंट्री-एग्जिट के लिए करीब 3300 एएफसी गेट लगे हुए हैं। इनमें से करीब 550 गेटों को बदला जा रहा है। इन्हीं गेटों पर लोग मोबाइल क्यूआर कोड या कॉमन मोबिलिटी कार्ड पंच करके स्टेशन में प्रवेश या निकासी कर सकेंगे। इन गेटों को अलग-से पहचाना जा सके, इसके लिए इनके आस-पास जरूरी साइनेज भी लगाए जाएंगे। साथ ही, इनकी लोकेशन भी एएफसी गेटों के सबसे दाहिनी या बाईं तरफ रहेगी, ताकि क्यूआर कोड या कॉमन मोबलिटी कार्ड से यात्रा कर रहे यात्री साइड से निकल सकें और पीक आवर्स के दौरान भीड़भाड़ वाले स्टेशनों पर उन्हें लाइन में न लगना पड़े।

फिलहाल एयरपोर्ट लाइन पर है यह सुविधा

अभी दिल्ली मेट्रो की एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर मोबाइल क्यूआर कोड और कॉमन मोबिलिटी कार्ड के जरिए एंट्री-एग्जिट की सुविधा लागू है। बड़ी संख्या में लोग इसका लाभ भी उठा रहे हैं। रोज करीब 16 हजार यात्री क्यूआर कोड के जरिए एयरपोर्ट लाइन पर यात्रा कर रहे हैं। सिंगल ट्रिप और राउंड ट्रिप के अलावा 15, 30 और 45 ट्रिप की वैलिडिटी वाले क्यूआर कोड जेनरेट करके भी रोज किन्हीं दो पूर्व निर्धारित स्टेशनों के बीच यात्रा की जा सकती है। यही सुविधा अब बाकी स्टेशनों पर भी मिल सकेगी। इसके साथ ही नैशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड के जरिए भी लोग पूरे मेट्रो नेटवर्क में यात्रा कर सकेंगे। इसके लिए लोगों को अपने बैंक से रूपे आधारित डेबिट कार्ड जारी करवाना होगा। यह कार्ड बैंक के एटीएम कार्ड के साथ-साथ मेट्रो के स्मार्ट कार्ड के रूप में भी काम करेगा।

कुल मिलाकर मार्च तक मेट्रो में यात्रा के लिए चार अलग-अलग तरह के टिकटिंग सिस्टम लागू हो जाएंगे और यात्री अपनी सहूलियत के मुताबिक उनमें से किसी भी एक सिस्टम को चुनकर मेट्रो में यात्रा कर सकेंगे। अभी मेट्रो के करीब 2 से 3 करोड़ स्मार्ट कार्ड सर्कुलेशन में हैं और करीब 77 पर्सेंट यात्री स्मार्ट कार्ड के जरिए ही मेट्रो में यात्रा करते हैं। टोकन लेने और कार्ड रिचार्ज कराने के लिए स्टेशनों पर 1200 वेंडिंग मशीनें भी लगी हुई हैं। क्यूआर कोड से यात्रा का सिस्टम शुरू होने के बाद यात्रियों का मोबाइल ही उनके लिए मेट्रो के स्मार्ट कार्ड की तरह काम कर सकेगा।

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