विदेश मंत्री सुषमा स्वाराज ने दी जानकारी इराक में लापते हुए 39 भारतीय मारे जा चुके हैं

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राज्यसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इराक के मोसूल में 4 साल से लापता 39 भारतीय नागरिकों को लेकर बड़ा बयान दिया है. मंगलवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में इस बात की जानकारी दी. सुषमा स्वराज ने कहा कि मोसूल में लापता 39 भारतीय मार दिये गये हैं. उन्होंने कहा कि सभी मृतकों के डीएनए से भी यह स्पष्ट हो चुका है कि वे सभी मारे गये हैं. सुषमा स्वराज ने कहा कि 39 भारतीयों की हत्या आईएसआईएस ने की है. उन्होंने कहा कि बंधक बनाए जाने की कहानी झूठी थी.

कंपनी और स्थानीय लोगों ने दी जानकारी

राज्यसभा में सुषमा स्वराज ने अपनी ओर से दिए गए एक बयान में बताया कि जून 2014 में इराक के मोसूल शहर में आतंकी संगठन आईएसआईएस ने कम से कम 40 भारतीयों का अपहरण किया था. इनमें से एक व्यक्ति खुद को बांग्लादेश से आया मुस्लिम बता कर बच निकला. शेष 39 भारतीयों को बदूश ले जा कर मार डाला गया. उन्होंने बताया कि अपहृत भारतीयों को बदूश शहर ले जाए जाने के बारे में जानकारी उस कंपनी से मिली जहां ये भारतीय काम करते थे.

सुषमा ने बताया कि विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह ने इराक में भारतीय राजदूत और इराक सरकार के एक अधिकारी के साथ बदूश शहर जा कर जब अपहृत भारतीयों की खोज शुरू की तब वहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि आईएसआईएस आतंकियों ने कुछ शव दफनाए हैं. विदेश मंत्री ने बताया कि ‘डीप पेनिट्रेशन रडारों’ की मदद से पता लगाया गया कि जिस गड्ढे में शवों को दफनाए जाने की बात कही जा रही है, उसमें सचमुच क्या है. रडारों से जांच करने पर पता चला कि गड्ढे में शव हैं.

डीएनए की वजह से हुई शिनाख्त

सुषमा ने बताया कि भारतीय अधिकारियों ने अपने इराकी समकक्षों से शव खोद कर निकालने का अनुरोध किया. खुदाई करने पर पूरे 39 शव मिले. साथ ही कुछ पहचान पत्र, कड़ा, लंबे बाल और ऐसे जूते मिले जो इराकी नहीं थे. इन शवों को डीएनए जांच के लिए बगदाद भेजा गया. विदेश मंत्री ने बताया कि बगदाद में मार्टायर्स फाउंडेशन से इन शवों की डीएनए जांच करने का अनुरोध किया गया. जांच में 38 भारतीयों का डीएनए मैच हो गया जबकि 39वें शव का डीएनए उसके करीबी रिश्तेदारों के डीएनए से 70 फीसदी मैच हो गया है. डीएनए की जांच के लिए उनके परिवार के लोगों को वहां भेजा गया. इस पूरी प्रक्रिया में पंजाब, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार की सरकारें शामिल रहीं. उन्होंने बताया कि मारे गये 39 भारतीयों में से से 31 पंजाब के और चार हिमाचल प्रदेश के हैं. वहीं, मृतकों में बिहार और पश्चिम बंगाल के लोग भी हैं. विदेश मंत्री ने मृतकों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिवार के लोगों के प्रति संवेदना जताई.

जनरल वीके सिंह ने नामुमकिन को मुमकिन किया

सुषमा स्वराज ने कहा कि इराक में मारे गए भारतीयों के नश्वर अवशेषों को वापस लाने के लिए जनरल वीके सिंह इराक जाएंगे. शवों के अवशेष को ले जाने वाला विमान पहले अमृतसर, फिर पटना और फिर कोलकाता जाएगा.

राज्यसभा में जानकारी देते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि हमें कल इस बात की जानाकरी मिली कि जिन भारतीयों की इराक में मौत हुई है, उन 39 के डीएनए 70 फीसदी मैच कर रहे है. बता दें कि ये सभी 2014 में ही लापता हो गये थे और साल 2016 के बाद से सरकार को इसकी कोई जानकारी नहीं थी.

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सुषमा स्वराज ने कहा कि लापता भारतीयों को खोजने के लिए जनरल वीके सिंह ने बहुत मशक्कत की. उन्होंने कई बार मोसूल और बगदाद की यात्राएं कीं और इराक के गांवों तक पहुंचे. जनरल सिंह गांव के एक छोटे कमरे में ज़मीन पर सोए, लेकिन लापता लोगों के मृत होने का पुख्ता प्रमाण लेकर ही लौटे. उन्होंने कहा, ‘मैं धन्यवाद करना चाहती हूं इराक सरकार का भी जिन्होंने हमारे अनुरोध को स्वीकार कर लिया. मैं प्रधानमंत्री जी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करना चाहूंगी जिन्होंने 3 वर्षों तक मुझे जांच जारी रखना दिया. मैं चाहूंगी कि सदन के सभी सदस्य उन्हें भाव भरी श्रद्धांजलि दें.’

झूठी थी हरजीत की कहानी

सुषमा स्वराज ने कहा कि मुझे 40 अगवा लोगों में से एक जीवित बचे शख्स हरजीत मसीह ने फोन किया था और बचाने की अपील की थी. उसने कहा था कि मुझे बचा लो. मगर मैंने उससे पूछा कि तुम कैसे उनसे अलग वहां पहुंचे. तो उसने कहा कि उसे पता नहीं है. उसने जो भी कहानी बताई थी कि 39 लोगों को सिर में गोली मारी गई और उसे पैर में. वह जंगल में भाग गया, यह सब गलत है. सुषमा ने कहा कि वह अली बनकर ट्रक में छिपकर भागा और इसकी पुष्टि भी जिस कंपनी में काम करता था उसने कर दी है.’

ज़बान पर कायाम रहीं सुषमा

इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि इराक के मोसूल में लापता 39 भारतीयों की के बारे में बिना सबूतों के इन भारतीयों को मृत घोषित नहीं किया जा सकता. यह एक पाप है और वे ऐसा पाप नहीं करेंगी. सुषमा स्वराज ने कहा था कि वह पुख्ता सबूत मिलने के बाद ही इन भारतीयों के परिजनों को जानकारी देंगी. सुषमा स्वाराज के मुताबिक वह इस मसले को लेकर इन परिवारों से 12 बार मुलाकात कर चुकी हैं.