सरकार की मदद से पहली बार हज पर जाएगा कोई किन्नर

465

जब भी समाज के तीसरे तबके यानी कि किन्नरों और ट्रांसजेंडर लोगों की बात आती है हम एक सीमा में बंध जाते हैं. ये दायरा इतना छोटा होता है कि हम उनके मूलभूत अधिकारों को भी नज़रंदाज़ कर देते हैं. लेकिन किन्नर समाज के प्रयासों और आम लोगों की मदद की वजह से अब ये तस्वीर धीरे-धीरे बदल रही है.

पड़ोस से आयी है खुशखबरी

पाकिस्तान जैसे कट्टरपंथी देश से एक खुशनुमा खबर आ रही है. पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार एक ट्रांसजेंडर युवा साल 2018 में होने वाली हज यात्रा के दौरान सऊदी अरब भेजे जा रहे स्काउट की एक टीम का हिस्सा होगा.

एक्प्रेस ट्रिब्यून ने आईपीसी सिंध ब्वॉयज स्काउट्स के आयुक्त आतिफ अमीन हुसैन के हवाले से कहा है कि ट्रांसजेंडर युवाओं को सालाना हज के दौरान सेवाकर्ताओं के तौर पर सेवा देने के लिए सऊदी अरब भेजे जाने का प्रयास हो रहा है.

Pakistan law 1 -

पकिस्तान की ट्रांसजेंडर कल्याण संस्था ब्लू वेंस इस मुद्दे पर आईपीसी के साथ समन्वय कर रही है. स्काउट्स आयुक्त आतिफ अमीन हुसैन ने कहा- ‘‘शेष तीन प्रांतों में से प्रत्येक से कम से कम दो या तीन ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को स्काउटिंग समुदाय में शामिल होने के लिए चुना जाएगा जो हर साल सऊदी अरब जाता है.’’ उन्होंने बताया कि हाल में सिंध से 40 ट्रांसजेंडरों को पाकिस्तान ब्वॉय स्काउट्स एसोसिएशन (पीबीएसए) में शामिल होने के लिए शपथ दिलाई गई थी.

भारत में भी कोशिशें

भारत में अभी किन्नरों के हज पर तो कोई चर्चा नही हुई हके मगर दुनियाभर में ट्रांसजेंडर के लिए हो रहे बदलाव का असर यहाँ भी बखूबी दिख रहा है. हाल ही में भारत के नागपुर में जिला प्रशासन ने ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों के लिए शहर में दो सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण करने का फैसला किया. ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए काम करने वाले सारथी ट्रस्ट के सदस्यों ने जिला कलेक्टर सचिन कुर्वे से मुलाकात कर समुदाय के लिए पृथक सार्वजनिक शौचालयों की मांग की थी. इसके बाद यह फैसला किया गया. कुर्वे ने बताया- ‘हमने पचपावली और सीताबुल्दी इलाके में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए शौचालय बनाने का फैसला किया है.’