लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए निर्मला सीतारमण नें दिए 10 मंत्र

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निर्मला सीतारमण
निर्मला सीतारमण

ऑटो सेक्टर में आयी मंदी और RBI के गवर्नर द्वारा देश में अर्थव्यवस्था को लेकर आये बयान ने मोदी सरकार को परेशान कर सकता है। इस बीच धीमी अर्थव्यवस्था पर सफाई देने और इससे निपटने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 अगस्त को शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सीतारमण के साथ वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद रहे। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई तरह की घोषणाएं की। आइये जानते हैं की वित्त मंत्री ने कौन-कौन सी घोषणाएं की-

1- सीतारमण ने वैश्विक मंदी को समझने को कहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और जर्मनी में भी इसका असर है। भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया के मुकाबले फिर भी अच्छी है।

2- सीतारमण ने कहा कि GST को और सरल बनाया जाऐगा। यह सरकार की पहली प्राथमिकता रही है। निर्मला ने आगे कहा कि भारत में कारोबार करना सरल हुआ है। चीन और अमेरिका के बीच चल रहे ट्रेड वॉर के कारण पूरी दुनिया पर मंदी का खतरा बढ़ गया है।

3- सीतारमण ने कहा कि आर्डर, नोटिस, सम्मन, लेटर ये सभी अब सेंट्रलाइज तरीके से किसी को भेजें जाएंगे, ताकि इसका गलत इस्तेमाल न हो। 1 अक्टूबर के बाद सिर्फ सेंट्रलाइज नोटिस चलेंगे।

4- इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरना पहले से काफी आसान हुआ है। इनकम टैक्स को लेकर किसी को नोटिस 1 अक्टूबर के बाद सिर्फ सेंट्रलाइज सिस्टम से ही भेजा जा सकेगा।

5- सरचार्ज-लांग और शार्ट टर्म केपिटल गेन के लिए एफपीआई पर लगाया गया सर चार्ज वापस लिया गया। स्टार्टअप में अगर कोई टैक्स रिलेटेड समस्या है तो उसे जल्द सुलझाया जा सकेगा।

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6- बैंकों को 70 हज़ार करोड़ की पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी। जिससे बैंक लोगों को ज्यादा से ज्यादा कर्ज़ दे सकें। बैंकों ने तय किया कि ब्याज दर घटाने के लिए MCLR को कम करेंगे। बैंक रेपो रेट लिंक्ड लोन प्रोजेक्ट लेकर आएंगे। जिसमें होम लोन कार लोन शामिल हैं। होम लोन की ब्याज दर से लोन प्रोडक्ट्स की ऑनलाइन ट्रैकिंग की जा सकेगी।

7- बैंक ऑनलाइन sattlement पालिसी लेकर आएंगे। कार, घर और अलग गुड्स खरीदने के लिए लिक्विडिटी को 20 हज़ार से 30 हज़ार करोड़ किया गया। ब्याज दर घटेगी तो ईएमआई भी कम होगी।

8- एमएसएमई की परिभाषा बदलने के लिए एमएसएमई एक्ट में बदलाव होगा. आधार बेस्ड KYC को काफी मजबूत करने की कोशिश, ताकि कस्टमर को समस्या न हो। सरकार और सरकारी कंपनियों द्वारा देरी से भुगतान की निगरानी एक्सपेंडिचर विभाग नज़र रखेगा और कैबिनेट सेक्रेटरी इसकी समीक्षा करेंगे।

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9- ऑटो मोबाइल सेक्टर के लिए बड़ी राहत वित्त मंत्री ने दी है। बीएस 4 वाहन अब 31 मार्च 2020 तक खरीदा और पंजीकरण कराया जा सकेगा। 31 मार्च 2020 तक खरीदे गए BS-4 वाहन मान्य होंगे।

10- रेजिस्ट्रेशन फीस की समीक्षा को जून 2020 तक टाला गया। सरकार ने सरकारी विभागों द्वारा नई गाड़ियों के खरीदने पर लगाए बैन को वापस लिया। वित्त मंत्रालय अलग-अलग सेक्टर के हितधारकों के साथ समय समय पर लगातार बातचीत जारी रखेगी। NCR ओर अन्य शहरों में अटके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट पर जल्द ही वित्त मंत्रालय जरूरी कदम का एलान करेगी।