flex-fuel: कई तरह के इंधन से चलने वाले वाहन का सपना जल्द हो सकता है पूरा

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flex-fuel: कई तरह के इंधन से चलने वाले वाहन का सपना जल्द हो सकता है पूरा

नई दिल्ली
क्या आप भी पेट्रोल-डीजल की महंगाई (Petrol-diesel prices) से परेशान हैं और कार चलाते वक्त यह सोचते हैं कि काश आपके पास भी सीएनजी या सस्ते इंधन वाली कोई कार होती? अगर ऐसा है तो अब आपका सपना सच होने वाला है। भारत सरकार फ्लेक्स फ्यूल (Flex Fuel) के मॉडल पर काम कर रही है जिसमें वह कार कंपनियों से यह कह सकती है कि कार में इंधन के कई तरह के विकल्प दिए जाएं। इससे प्रदूषण फैलाने वाले जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuel) पर निर्भरता घटेगी और देश में प्रदूषण का स्तर कम करने में मदद मिलेगी।

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नई गाइडलाइन्स जल्द
केंद्र सरकार फ्लेक्स फ्यूल (FFV) के मामले में नई गाइडलाइंस बना रही है और उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में इसे जारी कर दिया जाएगा। फ्लैक्सिबल फ्यूल व्हीकल (FFV) के नाम से तैयार की जाने वाली यह गाइडलाइंस इंजन का कंफीग्रेशन और अन्य बदलाव के बारे में दिशा निर्देश देगी।

इंजन बनाने पर इंसेंटिव
इसके साथ ही केंद्र सरकार वाहनों में लगाए जाने वाले फ्लेक्स इंजन के इस्तेमाल के लिए निर्माता कंपनियों को इंसेंटिव स्कीम देने पर भी विचार कर रही है। इस बारे में जब पॉलिसी सामने आएगी तभी इसका खुलासा हो पाएगा। फ्लैक्सिबल फ्यूल व्हीकल (FFV) के बारे में सरकार गंभीरता से सोच रही है। केंद्र सरकार की योजना यह है कि इस तरह के इंजन में बायोफ्यूल का भी इस्तेमाल कर उसे चलाया जा सके। पेट्रोलियम सेक्रेटरी तरुण कपूर ने यह जानकारी दी है।

ब्राजील में सफल है मॉडल
फ्लैक्सिबल फ्यूल व्हीकल (FFV) वास्तव में किसी वाहन का एक मोडिफाइड वर्जन है जिसमें वाहन गैसोलीन या एथनॉल मिक्स पेट्रोल के जरिए चलाया जा सकता है। इस समय इस तरह का मॉडल ब्राजील में सफलतापूर्वक चल रहा है। इसमें लोगों के सामने यह विकल्प होता है कि वह गैसोलीन या एथनॉल पर अपने वाहन का इंजन स्विच कर सकें। लोग कीमत और अपनी सुविधा के हिसाब से इंजन को स्विच कर लेते हैं। पिछले कुछ दिनों में ब्राजील में बिकने वाले अधिकतर वाहनों में फ्लैक्सिबल फ्यूल व्हीकल की अधिकता है।

भारत में क्या होगा फायदा?
भारत में फ्लैक्सिबल फ्यूल रिटर्न का फायदा यह है कि देश के अलग-अलग इलाके में पेट्रोल में एथनॉल की अलग-अलग मिक्सिंग का फायदा उठाया जा सकेगा। भारत के मौजूदा नियमों के मुताबिक पेट्रोल में 10 फ़ीसदी एथनॉल मिलाने की मंजूरी दी गई है। ट्रांसपोर्टेशन संबंधी दिक्कतों और एथनॉल की कम आपूर्ति की वजह से देश के सिर्फ 15 राज्यों में ही 10 फ़ीसदी एथनॉल मिक्स वाला पेट्रोल उपलब्ध है। देश के बाकी राज्यों में 0 से 5 फ़ीसदी बायो ईंधन वाला पेट्रोल ही उपलब्ध है।

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