धोनी के पांच चौंकाने वाले फैसले, जो इतिहास बन गए | Captain Mahendra singh Dhoni’s 5 shocking decisions yet he won which became history | Patrika News

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धोनी के पांच चौंकाने वाले फैसले, जो इतिहास बन गए | Captain Mahendra singh Dhoni’s 5 shocking decisions yet he won which became history | Patrika News


धोनी के पांच चौंकाने वाले फैसले, जो इतिहास बन गए | Captain Mahendra singh Dhoni’s 5 shocking decisions yet he won which became history | Patrika News

1) 2007 टी-20 वर्ल्ड कप में आखिरी ओवर जोगिंदर से करवानागौरतलब है कि भारतीय क्रिकेट टीम ने पहली बार खेले गए टी20 क्रिकेट वर्ल्ड कप को जीता था। इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम ने फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान को रोमांचक तरीके से 5 रनों से हराकर ट्रॉफी पर कब्जा किया था। बता दें कि उस समय टीम इंडिया की तरफ से आखिरी ओवर करने के लिए हरभजन सिंह और यूसुफ पठान भी मौजूद थे। लेकिन धोनी ने उन दोनों से कम अनुभवी जोगिंदर शर्मा को ओवर थमाया और वह धोनी के फैसले पर खरे उतरे।

2) 2011 वर्ल्ड कप में यूसुफ की जगह रैना को खिलाना
महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम ने 28 साल बाद क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता था, इससे पहले भारतीय टीम ने 1983 में कपिल देव की कप्तानी में वर्ल्ड कप उठाया था। इस दौरान महेंद्र सिंह धोनी ने क्वार्टर फाइनल, सेमीफाइनल और फाइनल मुकाबले में यूसुफ पठान की जगह सुरेश रैना को टीम में खिलाया, जो धोनी का सही फैसला साबित हुआ। रैना ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मुकाबले में युवराज के साथ छठे विकेट के लिए 74 रनों की साझेदारी की और खुद 28 गेंदों में 34 रनों की जुझारू पारी खेली। धोनी के फैसले के बाद भारतीय टीम सेमीफाइनल में पहुंच चुकी थी।

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suresh_raina_and_yuvraj_singh_cricket_world_cup_2011.jpg3) 2011 वर्ल्ड कप फाइनल में युवराज से पहले आए धोनीटीम इंडिया को क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 जिताने में युवराज सिंह ने शानदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने गेंद और बल्ले से भारतीय टीम को इस बड़े टूर्नामेंट में जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। लेकिन फाइनल मुकाबले में महेंद्र सिंह धोनी युवराज से पहले बल्लेबाजी करने आए और यह फैसला टीम इंडिया के लिए सही साबित रहा। इस मैच में महेंद्र सिंह धोनी ने 91 रनों की शानदार पारी खेली और भारत को विश्व चैंपियन बनाया था।

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ms_dhoni_cricket_world_cup_2011.jpg4) चैंपियन ट्रॉफी 2013 में भुवनेश्वर और उमेश की बजाए ईशांत से ओवर करवानागौरतलब है कि भारतीय टीम ने साल 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड को 5 रनों से हराकर ट्रॉफी पर कब्जा किया था। इस मुकाबले में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 7 विकेट के नुकसान पर 129 रन बनाए और इंग्लैंड के सामने जीत के लिए 130 रनों का लक्ष्य रखा। 17 ओवर तक इंग्लैंड इस मैच में टीम इंडिया पर बढ़त बनाए हुए थी और इयोन मोर्गन 33 और रवि बोपारा 30 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद थे।

ऐसा लग रहा था इंग्लैंड भारत को हरा देगी लेकिन इसके बाद महेंद्र सिंह धोनी ने ऐसा फैसला लिया जिसने इतिहास रच दिया। धोनी ने 18वां ओवर भुवनेश्वर कुमार और उमेश यादव की बजाय इशांत शर्मा से करवाया और उन्होंने इस ओवर में मोर्गन और रवि बोपारा का विकेट निकालकर, भारतीय टीम को फाइनल में जीत दिला दी। धोनी का यह फैसला क्रिकेट इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा।

5) 2007 वर्ल्ड को सुपर ओवर में तेज गेंदबाजों की बजाए स्पिनरों पर भरोसा करनाक्रिकेट वर्ल्ड कप 2007 में टीम इंडिया का पहला मैच पाकिस्तान के साथ टाइ हो गया था और इस मैच का फैसला सुपर ओवर में विकेट हिट से निकला, जिसमें भारत ने बाजी मारी। मैच का फैसला सुपर ओवर में आया जो भारत के ने अपने नाम किया, भारत और पाकिस्तान को पांच बार गेंद विकेट पर हिट करनी थी और जो भी टीम सबसे ज्यादा बार गेंद विकेट पर हिट करती वह जीतती। भारत की तरफ से वीरेंद्र सहवाग, हरभजन सिंह और रोबिन उथप्पा ने विकेट हिट किया जबकि पाकिस्तान ने इस काम के लिए तेज गेंदबाजों को चुना।

यासिर अराफात, उमर गुल विकेट हिट नहीं कर पाए और तीसरी बार में शाहिद अफरीदी भी विकेट विकेट हिट नहीं कर पाए। इसके साथ ही भारत ने यह मैच जीत लिया, इस मैच में धोनी का फैसला एकदम सही साबित हुआ जो उन्होंने तेज गेंदबाजों के बजाय स्पिन गेंदबाजों से हिट विकेट करवाया। जबकि टीम में आरपी सिंह, अजीत आगरकर, इरफान पठान और जोगिंदर शर्मा जैसे तेज गेंदबाज थे।





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