FIR से गल्ले की दुकान का लाइसेंस निरस्त करना अवैध: तमाम जिला आपूर्ति अधिकारियों का आदेश रद्द , तत्काल दूकान बहाली का निर्देश – Prayagraj (Allahabad) News

2
FIR से गल्ले की दुकान का लाइसेंस निरस्त करना अवैध:  तमाम जिला आपूर्ति अधिकारियों का आदेश रद्द , तत्काल दूकान बहाली का निर्देश – Prayagraj (Allahabad) News
Advertising
Advertising

FIR से गल्ले की दुकान का लाइसेंस निरस्त करना अवैध: तमाम जिला आपूर्ति अधिकारियों का आदेश रद्द , तत्काल दूकान बहाली का निर्देश – Prayagraj (Allahabad) News

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 में एफआईआर दर्ज होने मात्र से सस्ते गल्ले की दूकान का लाइसेंस निलंबित/निरस्त नहीं किया जा सकता।उसकी विधिवत जांच होनी चाहिए।

Advertising

.

कोर्ट ने मेरठ, आगरा, मुरादाबाद अमरोहा सहित तमाम जिलों के दूकानदारो की याचिकाएं स्वीकार करते हुए केवल एफआईआर दर्ज होने के कारण लाइसेंस निरस्त करने के आदेशों को रद्द कर दिया है और तत्काल दूकान बहाल करने का निर्देश दिया है।

Advertising

कोर्ट ने कहा अधिकारियों ने लाइसेंस निलंबित/निरस्त करने में 5 अगस्त 19 के शासनादेश व हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का पालन नहीं किया।

यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाड़िया की एकलपीठ ने मेसर्स साजिद, यतीस कुमार सहित कुल 22 याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए दिया है।

कोर्ट के समक्ष विधि प्रश्न था कि क्या एफआईआर दर्ज होने मात्र से बिना विधिवत जांच किए सस्ते गल्ले की दूकान का लाइसेंस निलंबित/निरस्त किया जा सकता है ?

Advertising

याची अधिवक्ता का कहना था कि याची का लाइसेंस जिला आपूर्ति अधिकारी मेरठ ने बिना जांच व सुनवाई का मौका दिए केवल एफआईआर दर्ज होने के आधार पर निरस्त कर दिया। पूरी जांच नहीं की , चार्जशीट नहीं दी और न ही गवाहों का परीक्षण करने दिया।आदेश के खिलाफ अपील भी कमिश्नर ने खारिज कर दी।

कहा गया कि सरकार के 5 अगस्त 19 के शासनादेश का भी पालन नहीं किया जिसमें प्रारंभिक जांच करना जरूरी है। हाईकोर्ट की पूर्णपीठ के बजरंगी तिवारी केस में दिए गये फैसले का पालन नहीं किया। जिसमें एफआईआर दर्ज होने के आधार पर लाइसेंस निरस्त करने को अवैध करार दिया गया है। इसलिए लाइसेंस निलंबित/निरस्त करने का आदेश रद्द किया जाय।

राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता अशोक मेहता का तर्क था कि जांच में आधार कार्ड के दुरुपयोग से राशन की ब्लैक मार्केटिंग का खुलासा हुआ और एफआईआर दर्ज की गई है। जिसके आधार पर कार्रवाई की गई है।

Advertising

कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के हवाले से कहा बिना जांच केवल एफआईआर दर्ज होने के आधार पर दूकान का लाइसेंस निरस्त नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने आदेश रद्द कर सभी याचिकाएं स्वीकार कर ली है।

उत्तर प्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Uttar Pradesh News

Advertising