Fifa World Cup: 3500 करोड़ की प्राइज मनी देता है फीफा, नॉन-प्रॉफिट होकर भी खजाने में कहां से आता है इतना पैसा?

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Fifa World Cup: 3500 करोड़ की प्राइज मनी देता है फीफा, नॉन-प्रॉफिट होकर भी खजाने में कहां से आता है इतना पैसा?


Fifa World Cup: 3500 करोड़ की प्राइज मनी देता है फीफा, नॉन-प्रॉफिट होकर भी खजाने में कहां से आता है इतना पैसा?

नई दिल्ली: कतर फीफा विश्व कप 2022 का फाइनल मैच रविवार, 18 दिसंबर को अर्जेंटीना और फ्रांस के बीच खेला जाएगा। लगभग एक महीने तक चलने वाले इस टूर्नामेंट में कुल 32 देशों ने भाग लिया। हालांकि कुछ टीम ग्रुप स्टेज से बाहर हो गई तो कुछ ने राउंड ऑफ 16 में अपनी जगह बनाई जबकि कुछ का सफर क्वार्टर फाइनल में जाकर खत्म हुआ। आखिर में चार टीमें सेमीफाइनल पहुंची, जिसमें दो को फाइनल का टिकट मिला। ऐसे में इस विश्व कप में चैंपियन बनने वाली टीम को करीब 347 करोड़ की रकम मिलेगी।

ऐसे में सवाल ये उठता है कि फीफा जिस तरह से टीमों के बीच प्राइज मनी का वितरण करता है, उसके लिए इस संस्था के पास पैसा कहां से आता है जबकि वह एक नॉन-प्रॉफिट आर्गेनाईजेशन है। उसका बिजनेस मॉडल क्या है और किस तरह से वह पैसा कमाता है।

कब हुआ फीफा का गठन

फुटबॉल एक ग्लोबल खेल है। यही कारण है कि बांकी अन्य खेलों से अलग हर चार साल में जब विश्व कप का आयोजन किया जाता है तो इसमें 30 से अधिक टीमें हिस्सा लेती है। टीमों की संख्या में अलग-अलग समय पर बदलाव होता रहा है। विश्व स्तर पर फुटबॉल के खेल को नियंत्रित करने वाली फीफा का गठन साल 1904 में हुआ था। फीफा शुरुआत से ही एक नॉन-प्रॉफिट संस्था रही है, जिसका उद्देश्य पैसा कमाना कभी नहीं रहा बल्कि जो भी रेव्यू हासिल होता है उससे वह इसी खेल को और बेहतर बनाने का काम करता है।

क्या है फीफा का बिजनेस मॉडल

फीफा जब विश्व कप का आयोजन करता है तो वह इसमें हिस्सा लेने वाली सभी टीमों को कुछ ना कुछ प्राइज मनी देता है। विजेता टीम के खाते में लगभग 350 करोड़ जाता है जबकि रनरअप रहने वाली टीम को भी 248 करोड़ मिलते हैं। वहीं जो टीम तीसरे स्थान पर रहती है उसे 223 करोड़ और चौथे स्थान पर रहने वाली टीम को 206 करोड़ मिलता है।

ऐसे में यह जान लेना भी जरूरी है कि आखिर फीफा की कमाई का जरिया क्या है। दरअसल फीफा चार तरीकों से पैसा जुटाता है। इसमें पहले नंबर पर है टेलीविजन राइट्स, दूसरा है मार्केटिंग राइट्स, तीसरा लाइसेंसिंग राइट्स और चौथा है टिकट की ब्रिकी।

टेलीविजन राइट्स- फीफा की कमाई का सबसे बड़ा जरिया टेलीविजन राइट्स को माना जाता है। विश्व कप जैसे टूर्नामेंट के आयोजन के लिए दिग्गज टेलीविजन कंपनियां राइट्स के पाने के लिए बोली लगाती है। इस दौरान जो सबसे अधिक बोली लगाता है उसे प्रसारण का अधिक मिलता है। भारत में फीफा विश्व कप 2022 का टेलीविजन राइट्स स्पोर्ट्स 18 को मिला है। वहीं टेलीविजन के बाद अब फीफा की कमाई डिजिटल राइट्स से भी होने लगी है।

मार्केटिंग राइट्स- फीफा की कमाई का दूसरा माध्यम है मार्केटिंग राइट्स। इसमें फीफा को स्पॉन्सर, रिजनल सपोर्ट्स और नेशनल सपोटर्स से रेवेन्यू हासिल होता। विश्व कप जैसे टूर्नामेंट में फीफा इन चार तरीकों से राइट्स बेचकर पैसा जुटाता है।

लाइसेंसिंग राइट्स– इसके अलावा फीफा को रॉयल्टी और ब्रांड लाइसेंसिंग के राइट्स से भी रेवेन्यू बनता है। फीफा की कमाई का यह भी एक सबसे बड़ा माध्यम है।

टिकट की बिक्री- इसके अलावा जिन देशों को फीफा की मेजबानी मिलती है वहां होने वाले मैचों के टिकट की बिक्री से भी संस्था को अरबों की कमाई होता है। कतर फीफा विश्व कप के नॉकआउट में एक टिकट की कीमत 15 लाख से भी ऊपर की रखी गई है।

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