Farmers Protest: महिलाओं, बच्चों को आंदोलन से बाहर भेजे किसान नेता, सरकार बातचीत को तैयार: केंद्रीय मंत्री

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नई दिल्ली: भारत सरकार ने कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों और किसान नेताओं से कहा है कि देश में कोरोना की दूसरी लहर चल रही है. ऐसे में वो प्रदर्शन स्थल से महिलाओं और बच्चों को वापस भेज दें. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार तो लगातार बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन किसान नेताओं में ही आपसी सहमति नहीं बन पा रही है. उन्होंने कहा कि देश के कई किसान संगठन और अर्थशास्त्री कृषि बिल की तारीफ कर चुके हैं, वो कृषि कानूनों की वकालत कर रहे हैं. लेकिन कुछ किसान सिर्फ प्रदर्शन कर रहे हैं. 

नरेंद्र सिंह तोमर का बयान

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार ने किसान संगठनों के साथ 11 दौर की वार्ता की है. सरकार आगे भी बातचीत को तैयार है. उन्होंने कहा कि सरकार ने किसान संगठनों से कहा है कि वो किसान बिल के किन प्रावधानों से उन्हें दिक्कत है, ये बताएं. सरकार उसमें बदलाव करेगी. लेकिन किसान संगठनों ने इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया और इसकी कोई वजह भी नहीं बताई. उन्होंने कहा कि अगर सरकार बातचीत ही नहीं करती, तब तो प्रदर्शन की वजह बनती है, लेकिन सरकार तैयार है, तो ये लोग बातचीत क्यों नहीं करते. हालांकि बातचीत कब और कैसे होगी, ये किसान संगठनों को तय करना है. सरकार तो हमेशा तैयार है. 

कोरोना की वजह से बुजुर्गों-बच्चों को घर भेजें किसान संगठन

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मैंने खुद कई बार किसान संगठनों के नेताओं से कहा है कि वो बच्चों और बुजुर्गों को वापस घर भेज दें. क्योंकि कोरोना लगातार बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि अब कोरोना की दूसरी लहर चल रही है. ऐसे में किसानों को और उनकी यूनियनों को कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए. उन्हें चाहिए कि वो प्रदर्शनों को आगे बढ़ा दें और हमारे साथ समस्याओं पर चर्चा करें.

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कृषि बिल के विरोध में चल रहा प्रदर्शन

बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली समेत कई शहरों, जिलों में किसान संगठन केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए 3 कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. हालांकि केंद्र सरकार ने बिल को लागू करने का समय दो साल के लिए आगे बढ़ा दिया है. इसके बावजूद किसान संगठन कानून को पूर तरह से वापस लेने की मांग पर दिल्ली समेत कई जगहों पर डटे हुए हैं और उन्होंने ऐलान किया है कि जबतक केंद्र सरकार इन कानूनों को पूरी तरह से वापस नहीं ले लेती, तबतक प्रदर्शन चलता रहेगा. 





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