Farmers On Union Budget 2022: किसानों को नहीं भाया मोदी सरकार का बजट, बोले- इसमें हमारे लिए तो कुछ भी नहीं

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Farmers On Union Budget 2022: किसानों को नहीं भाया मोदी सरकार का बजट, बोले- इसमें हमारे लिए तो कुछ भी नहीं

गाजियाबाद:उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) से पहले नाराज किसानों (Farmers Protest) को मनाने के लिए भाजपा के पास आम बजट का मौका था। उम्मीद जताई जा रही थी कि बजट में किसानों (Union Budget 2022 Farmers Reactions) का खास ध्यान रखा जाएगा लेकिन सरकार की ओर से पेश किए बजट से किसान निराश हैं। कुछ किसान नेताओं का कहना है कि सरकार ने प्रधानमंत्री के सपनों का बजट पेश किया है, जिसमें किसानों के लिए कुछ नहीं है।

केंद्र सरकार के पास नाराज किसानों को मनाने का मौका था, लेकिन उसे भी गंवा दिया। सरकार किसानों के लिए कागजों में घोषणा करती है जो कभी पूरी नहीं होती। निर्मला सीतारमण कोई अर्थशास्त्री नहीं हैं। उन्हें प्रधानमंत्री जैसा कहते हैं वैसा बजट वह बनवा लेती हैं और उसे पेश कर देती हैं। यह बजट केवल प्रधानमंत्री मोदी के सपनों का बजट है, इसमें किसानों के लिए किसी तरह की राहत नहीं है। इस बजट का उत्तर प्रदेश ही नहीं पांचों प्रदेशों में होने वाले विधानसभा चुनावों पर प्रभाव पड़ेगा। सरकार बजट के लिए अर्थशास्त्रियों की भी सलाह नहीं लेती, जिससे बजट के जरिए देश की जनता को कुछ राहत मिल सके। सरकार बजट में घोषणाएं तो करती है, लेकिन उन्हें पूरा नहीं करती।
– राजवीर सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष, भारतीय किसान यूनियन

केंद्र सरकार ने जो बजट पेश किया है वह किसान विरोधी और शुगर कोटेड है। सरकार ने किसानों को लॉलीपॉप थमाने का काम किया है। बजट में किसानों के हित में कोई योजना नहीं है। किसान परिवारों के लिए किसी तरह की छूट या लाभ का कोई प्रावधान नहीं है। किसानों को खेती उपकरणों में किसी तरह की छूट नहीं दी गई है। सरकार ने बजट के जरिए गरीबों की जेब काटकर अमीरों की जेब भरने का काम किया है। बजट में किसानों के बच्चों की शिक्षा और भविष्य के लिए भी कोई योजना नहीं है। अगर किसान का बेटा या बेटी एमबीबीएस करना चाहे तो उसे अपनी जमीन ही बेचनी पड़ेगी।
– बीएल शर्मा, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी, भारतीय किसान यूनियन (बलराज)

मैं भी एक किसान परिवार से ही संबंध रखता हूं और सरकार ने बजट में किसानों के लिए बहुत अच्छे प्रावधान किए हैं। भारत की अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह बेहतरीन बजट है। नदी किनारे की जो जमीन खादर में आती थी, उसे खेती योग्य बनाने की योजना बनाई गई है, जिसका सीधा लाभ किसानों को ही मिलेगा। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए बजट में प्रावधान किया गया है। सरकार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज को भी रिवाइव कर रही है, जिससे आधुनिक खेती के तरीकों में सुधार होगा और किसानों को उसका लाभ मिलेगा। खेती से जुड़े कार्यों के लिए भी सरकार ने स्टार्टअप की घोषणा की है।
– गुंजन शर्मा, भाजपा महानगर के मंत्री



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