Faridabad Scam : एक ही दिन में 184 करोड़ के काम मंजूर किए थे, शक के घेरे में IAS अफसर

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Faridabad Scam : एक ही दिन में 184 करोड़ के काम मंजूर किए थे, शक के घेरे में IAS अफसर

फरीदाबाद: बिना काम 50 करोड़ रुपये के पेमेंट घोटाले में चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं। इंजीनियरिंग ब्रांच के बड़े अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद अब 2017 से 2019 के बीच में कार्यरत आईएएस ऑफिसरों पर भी कार्रवाई होने वाली है। दो आईएएस अफसरों पर कार्रवाई से पहले स्टेट विजिलेंस ने सरकार से इजाजत मांगी है। इसी बीच ऐसे कागजात सामने आए हैं, जिनसे आईएएस शक के घेरे में आ चुके हैं। पता चला है कि 2018 में एक ही दिन में 184 करोड़ रुपये के विकास कार्यों को मंजूरी दी गई है। वहीं, इन सभी कार्यों की फाइल का डिस्पैच नंबर भी एक ही है, जो आईएएस को संदेह के घेरे में ला रहा है। स्टेट विजिलेंस ने इस संबंध में जांच शुरू कर दी है।

सभी फाइलों के डिस्पैच नंबर एक
2018 में एक आईएएस ने 3 दिसंबर को 159 करोड़ रुपये के विकास कार्यों को मंजूरी दी। इसी दिन 25 करोड़ के एस्टिमेट को रिवाइज कर बढ़ा दिया गया। कोई काम 50 लाख में होना था तो उसे डेढ़ करोड़ कर दिया गया। इन रिवाइज फाइलों की कुल संख्या 19 है, जिसमें से 18 फाइलें सतबीर ठेकेदार की हैं। इन सभी फाइलों के भी डिस्पैच नंबर 159 करोड़ के विकास कार्यों की फाइल से मैच होते हैं। नियम अनुसार डिस्पैच नंबर अलग-अलग होना चाहिए। रिवाइज राशि मिलाकर देखें तो एक ही दिन में एक ही डिस्पैच नंबर से 184 करोड़ के विकास कार्यों की फाइलों को पास कर सरकार के पास भेजा गया।

एक्सपर्ट ने बताया, गड़बड़ी कहां
पूरे मामले में गड़बड़ी कहां-कहां नजर आ रही है, यह जानने के लिए एक्सपर्ट से बात की गई। नगर निगम से रिटायर्ड एसई रामप्रकाश ने बताया कि किसी विकास कार्य की फाइल बनती है और उसे मंजूरी मिल जाती है तो उसे दूसरी जगह भेजने से पहले डिस्पैच नंबर लगाया जाता है। सभी फाइलों का डिस्पैच नंबर अलग होना चाहिए। ऐसा कभी भी नहीं हो सकता कि इतनी सारी फाइलों का डिस्पैच नंबर एक हो सके।

लाखों के काम थे, करोड़ों में भी नहीं हुए
नगर निगम के इंजीनियरिंग ब्रांच के अधिकारियों व आईएएस ने मिलकर 2019 में 19 फाइलों को रिवाइज किया था। रिवाइज का बजट भी दो बार बदला गया। सूत्रों के अनुसार, वॉर्ड-14 में एनआईटी-5 नंबर के ब्लॉक में इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाने के लिए 8 नवंबर 2017 को 55 लाख का बजट तैयार किया, लेकिन इसे रिवाइज करके 99 लाख का बना दिया गया। दूसरी बार 30 अक्टूबर 2018 में रिवाइज करके 1 करोड़ 97 लाख का बजट बनाया गया। वॉर्ड-17 में 3 ट्यूबवेल लगाने के लिए 21 लाख 25 हजार का बजट बनाया गया। बाद में उसे रिवाइज करके 97 लाख कर दिया गया। अक्टूबर 2018 में इसे और बढ़ाकर 1 करोड़ 97 लाख कर दिया गया, जबकि 3 ट्यूबवेल लगाने का खर्च 30 लाख रुपये से भी कम का आता है। कई एरिया ऐसे हैं, जहां काम न होने से अब तक लोग परेशान हैं।

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