Faridabad News: 336 लोगों ने देखा घर का सपना, लोन लेकर पैसा भी जमा करवा दिया, 8 साल बाद भी नहीं मिला फ्लैट

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Faridabad News: 336 लोगों ने देखा घर का सपना, लोन लेकर पैसा भी जमा करवा दिया, 8 साल बाद भी नहीं मिला फ्लैट

Faridabad News: 336 लोगों ने देखा घर का सपना, लोन लेकर पैसा भी जमा करवा दिया, 8 साल बाद भी नहीं मिला फ्लैट

फरीदाबाद: ग्रेटर फरीदाबाद के सेक्टर-84 में 336 परिवार परेशान हैं। लोगों ने अपने घर का सपना देखा, पैसा भी जमा करवा दिया, लेकिन फ्लैट नहीं मिला। लोग अब बैंक से लिए लोन की किस्त चुका रहे हैं और किराये पर रहने को भी मजबूर हैं। 2018 में सभी बायर्स को फ्लैट दिए जाने थे, लेकिन हालत ऐसी है कि जहां फ्लैट दिए जाने थे, वहां कई टावर में अभी निर्माण कार्य भी शुरू नहीं हुआ है। पीड़ितों ने तीन बिल्डर्स के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई है। लोगों को डर है कि कहीं आरोपी विदेश न भाग जाएं। वहीं पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। लोगों को 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत त्रिशूल ड्रीम होम लिमिटेड में फ्लैट बुक कराया था। 2017-18 तक करीब 75 फीसदी पैसे दे दिए थे। अब बायर्स का आरोप है कि बिल्डर उन्हें धमका रहा है। तीनों आरोपी त्रिशूल ड्रीम होम लिमिटेड के डायरेक्टर हैं।

त्रिशूल ड्रीम होम बायर्स असोसिएशन के प्रधान अनिल गुप्ता ने पुलिस को शिकायत दी है। सेक्टर-84 में त्रिशूल ड्रीम होम लिमिटेड की ओर से शुरू किया गया अफोर्डेबल ग्रुप हाउसिंग प्रधानमंत्री आवास योजना का पहला प्रॉजेक्ट है। इसमें 336 फ्लैट बायर्स हैं। 2015 में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अंतर्गत नगर योजनाकार की ओर से उन्हें फ्लैट अलॉट किए गए थे। एक फ्लैट की कीमत करीब 19 लाख रुपये बताई गई थी। कहा गया था कि 2018 में सभी बायर्स को फ्लैट दे दिए जाएंगे। सभी बायर्स निर्धारित फ्लैट के दाम की करीब 75 प्रतिशत राशि जमा कर चुके हैं। इसके बावजूद उन्हें फ्लैट नहीं मिले हैं।

आरोप है कि इस प्रॉजेक्ट में शामिल कंपनी के डायरेक्टर दीनदयाल अग्रवाल ने मोटी रकम लेकर अपने शेयर किसी अन्य को बेच दिए हैं। दूसरे डायरेक्टर हरीश चंद्र अग्रवाल ने भी अपना शेयर इस प्रॉजेक्ट से निकाल लिया है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। आरोप है कि बिल्डर ने फ्लैट देने के लिए सभी से 2017 में नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट पर भी साइन करा लिए। इसके बावजूद उन्हें फ्लैट नहीं दिए गए। यहां तक कि उनके अलॉट फ्लैट को किसी दूसरे टावर में भी शिफ्ट नहीं किया गया। उन्हें हर महीने बैंक की किस्त के साथ किराये के रूप में मोटी राशि खर्च करनी पड़ रही है।

आरोप: बाउंसर धमकाते हैं, रुपयों की मांग करते हैं
प्रधान अनिल गुप्ता ने बताया कि सभी बायर्स किराये के मकानों में रह रहे हैं। वह हर महीने बैंक से लिए होम लोन की किस्त भी चुका रहे हैं। इससे उनकी परेशानी बढ़ गई है, जबकि उन्हें दिए जाने वाले फ्लैट के टावर नंबर-ए-1, ए-5, ए-6, ए-7 आदि का निर्माण कार्य भी शुरू नहीं किया गया है। जब वह मौके पर जाते हैं तो उन्हें बाउंसर धमकाते हैं, साथ ही और रुपयों की मांग करते हैं।

लोग बोले- पुलिस जमा कराए आरोपियों के पासपोर्ट
पीड़ित लोगों को शक है कि ये सभी डायरेक्टर्स यहां से विदेश भागने की फिराक में हैं। आरोपी यहां से भाग गए तो उनकी जीवनभर की पूंजी पर संकट हो जाएगा व घर बनाने का सपना अधूरा रह जाएगा। लोगों ने मांग की है कि ऐसे में इन डायरेक्टरों के पासपोर्ट पुलिस अपने पास जमा करवा लें, ताकि लोग पैसा लेकर देश छोड़कर न भाग सकें। त्रिशूल ड्रीम होम बायर्स असोसिएशन के प्रधान अनिल गुप्ता की शिकायत पर सेक्टर-31 थाना में दिल्ली स्थित अशोक विहार फेस-तीन निवासी सुरेश चंद अग्रवाल, गुड़गांव सेक्टर-43 निवासी हरीश चंद्र अग्रवाल, दिल्ली स्थित महावीर अपार्टमेंट, सेक्टर-22 निवासी दीन दयाल अग्रवाल के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य धाराओं मे रिपोर्ट दर्ज की गई है। तीनों त्रिशूल ड्रीम होम लिमिटेड के डायरेक्टर हैं। इनसे मोबाइल पर संपर्क करने के प्रयास किए गए, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुए।

पुलिस और अफसरों पर सुनवाई न करने का आरोप
शिकायतकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने मामले की शिकायत पंचकूला स्थित रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) में शिकायत दर्ज कराई। रेरा ने बिल्डर को आदेश दिया कि वह जुलाई-2022 तक सभी बायर्स को फ्लैट बनाकर दें। इसके बावजूद बिल्डर ने रेरा के आदेश को अनसुना कर दिया। CM विंडो पर शिकायत के बाद भी लोगों को अभी तक कोई फायदा नहीं मिला है। आरोप है कि प्रशासन ने पीड़ित लोगों की शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया। पुलिस और ज़िला नगर योजनाकार ने भी उनकी नहीं सुनी। आरोप है कि BPTP थाना की पुलिस ने मामले में लापरवाही बरती। कई बार शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। नगर योजनाकार पुलिस के पास भेजती रहीं और पुलिस योजनाकार के पास जाने को कहती रही।

यहां करें शिकायत
ऐसे मामलों में पीड़ित बायर्स सबसे पहले लोकल स्तर पर अपने क्षेत्र के थाने या फिर सेक्टर-12 के लघु सचिवालय स्थित डीसी ऑफिस, सेक्टर-12 में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण परिसर में स्थित डिस्ट्रिक्ट टाउन प्लानर, सीनियर टाउन प्लानर को शिकायत कर सकते हैं। इनके अलावा CM विंडो और नैशनल कोर्ट ऑफ ट्रिब्यूनल ला की भी शरण ली जा सकती है। इनके अलावा कई बार लोक अदालत भी लगती है, वहां से भी लोग अपनी समस्या बता सकते हैं।

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