Faridabad News: सुप्रीम फैसले से अब बचेगी अरावली, 110 से ज्यादा अवैध निर्माण टूटेंगे

54
Faridabad News: सुप्रीम फैसले से अब बचेगी अरावली, 110 से ज्यादा अवैध निर्माण टूटेंगे

Faridabad News: सुप्रीम फैसले से अब बचेगी अरावली, 110 से ज्यादा अवैध निर्माण टूटेंगे

फरीदाबाद:सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अरावली के बचने की उम्मीद फिर जगी है। एक केस की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब भू-संरक्षण अधिनियम (पीएलपीए) 1900 की धारा 4 में होने वाले सभी गतिविधियों को हटाने के आदेश दिए हैं और धारा 4 को पूरी तरह से फॉरेस्ट माना है। अब वन विभाग को 3 महीने के अंदर कार्रवाई कर सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट देनी है। दूसरी तरफ फरीदाबाद के मेवमला महाराजपुर, अनखीर, अनंगपुर इलाके में 110 से ज्यादा अवैध निर्माण हैं जो पूरी तरह से हटाए जाएंगे।

वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि अवैध निर्माणों को हटाने से पहले लोगों को सुनवाई का एक मौका दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार द्वारा पीएलपीए 1900 में बदलाव का जो प्रस्ताव दिया था उसे भी मानने से इनकार कर दिया। इसका मतलब यह हुआ कि अगर सेक्शन 4 के अंदर कोई गतिविधि करनी होगी तो उसके लिए केंद्र सरकार के वन मंत्रालय से इजाजत लेनी होगी।

शुरू में अरावली को नहीं माना गया था फॉरेस्ट
अरावली को शुरू में फॉरेस्ट नहीं माना गया था। हालांकि 7 जून 2021 को जब सुप्रीम कोर्ट ने खोरी फॉरेस्ट एरिया में बने अवैध निर्माणों को ढहाने का आदेश दिया। इस पर खोरी संघर्ष समिति ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि जब खोरी फॉरेस्ट में आती है तो अरावली के अंदर बने सभी निर्माण भी फॉरेस्ट में आते हैं। वहां बने सभी तरह के फार्म हाउस, गेस्ट हाउस, बैंक्वेट हॉल को हटाना चाहिए। वह भी पीएलपीए1900 की धारा 4 और 5 के अंतर्गत आते हैं। इसको लेकर वन विभाग ने 500 हेक्टेयर अरावली एरिया में बने 140 अवैध निर्माणों को हटाने के लिए नोटिस जारी कर दिया। इसके बाद करीब 30 अवैध निर्माण तोड़े गए। इसके बाद फार्म हाउस मालिक कोर्ट पहुंच गए। वहीं हरियाणा सरकार ने भी पीएलपीए 1900 में संशोधन की बात सुप्रीम कोर्ट में कही। इसमें साफतौर पर सेक्शन 4 को फॉरेस्ट से बाहर रखने की बात थी। इससे अरावली को नुकसान होता है। इस केस की सुनवाई में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि सेक्शन 4 के अंतर्गत केवल फॉरेस्ट आएगा और यहां पर किसी तरह की गतिविधि नहीं हो सकेगी।

अरावली को बचाना बहुत जरूरी है। जो फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दिया है वह पहले भी दिया हुआ है लेकिन लोकल स्तर पर प्रशासन उसे लागू नहीं कर पाता है। अब देखते हैं कि जिला प्रशासन अरावली के अवैध निर्माण को 3 महीने में कैसे हटाता है।

विष्णु गोयल, पर्यावरणविद्

फरीदाबाद के 110 से ज्यादा निर्माण टूटेंगे
फरीदाबाद में 500 हेक्टेयर वन भूमि पर 110 से ज्यादा अवैध निर्माण बने हुए हैं। वन विभाग के रिकॉर्ड को मानें तो इनमें सबसे ज्यादा फार्म हाउस, बैंक्वेट हॉल बने हुए हैं। अनंगपुर, मेवला महाराजपुर, अनखीर इलाके में से निर्माण सबसे ज्यादा है। अब वन विभाग इन सभी इलाकों में बने अवैध निर्माणों को नोटिस भेजकर सुनवाई का मौका देगा। इसके बाद 3 महीने के अंदर इन सभी को हटाकर वन विकसित करेगा।

ये अच्छा फैसला है। अरावली के सभी अवैध निर्माण को हटाकर वन विकसित करना चाहिए। इस बार सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया है कि सेक्शन 4 में किसी भी तरह की गतिविधी नहीं की जा सकती है। फरीदाबाद में अरावली सेक्शन 4 के अंतर्गत ही आती है।

जितेंद्र भड़ाना, पर्यावरणविद्

सरकार का तर्क भी फेल
शहर के पर्यावरण प्रेमी जितेंद्र भड़ाना ने बताया कि इंडियन फॉरेस्ट ऐक्ट 1927 में संरक्षित और आरक्षित वनों के बारे में बताया है। जिसमें फरीदाबाद में संरक्षित फॉरेस्ट में 176 हेक्टेयर और आरक्षित में 1334 हेक्टेयर एरिया है। ये शहर की भौगौलिक स्थिति का मात्र 2 प्रतिशत है। वहीं पीएलपीए 1900 की धारा 4 को साधारण कैटिगरी में दिखाया है। मतलब यह कि जनरल धारा 4 में अगर-नॉन फॉरेस्ट गतिविधि करनी होती है तो उसके लिए वन विभाग से इजाजत मिल जाएगी।

पीएलपीए का कुल नोटिफाइड एरिया 17 लाख 39 हजार 907 हेक्टेयर है जो हरियाणा के भूगौलिक एरिया का 39 प्रतिशत हिस्सा है। इसमें साधारण धारा 4 की जमीन 10 लाख हेक्टेयर के करीब है और स्पेशल सेक्शन 4 और 5 में 31 हजार 738 हेक्टयेर जमीन है जिस पर से कब्जा हटाना है। सरकार कुल एरिया में से कब्जा हटाने की बात कह कर सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने की बात कर रही थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने नहीं माना। अब सेक्शन 4 में किसी तरह की गतिविधि नहीं हो सकती है।

पंजाब की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Punjab News