Faridabad News: देसी जुगाड़ का कमाल, बिना बिजली-मशीन के ट्रीट हो रहा पानी… देखकर आप भी कह उठेंगे वाह
सेव अरावली के सदस्य जितेंद्र भड़ाना ने बताया कि ये STP नदियों की स्थिति को देखते हुए बनाया गया है। जिस तरह से नदियों से बहता पानी गुजरता है और वह साफ होता चला जाता है उसी तकनीक पर इस STP को बनाया गया है। यह एसटीपी प्रभावी है। इसे नगर निगम बना सकते हैं।
कैसे करता है काम
संस्था के सदस्य राजू रावत और जगमोहन यादव ने बताया कि निगम के मुख्य सीवर लाइन के पास से पानी का कनेक्शन तैयार किया। जहां से सीधा सीवर का पानी STP में आता है। उन्होंने बताया कि 50 मीटर तक एक नाली बनाई गई। इस नाली को जिकजैक बनाया गया, ताकि पानी का मूवमेंट हो सके। सबसे पहले पानी को पत्थरों के बीच से गुजारा जाता है, क्योकि पत्थर में कई तरह के मिनिरल होते हैं, जो खराब तत्व को सोखकर उसे साफ करता है। इसके बाद बीच-बीच में बजरी, रोड़ी भी डाली गई है।
खराब पानी इसके अंदर से भी निकलता है। अंत में चारकोल से पानी को गुजारा जाता है और फिर एक टैंकर में जाकर पानी इकट्ठा हो जाता है। चारकोल पानी के BOD ( बायोकेमिकल ऑक्सिजन डिमांड) और COD (केमिकल ऑक्सिजन डिमांड) को कम कर देता है। पानी पहले टैंक से दूसरे टैंक में जाता है, जिसमें नारियल के छिलके डाले जाते हैं। नारियल का छिलका भी पानी को साफ कर देता है। इसके बाद पानी आखिरी वाले टैंक में चला जाता है जहां से पानी को सिंचाई के लिए इस्तेमाल कर लिया जाता है। इस STP का परीक्षण कर लिया गया है। यह कामयाब है। इस तकनीक के माध्यम से हर रोज 6 हजार लीटर सीवर का पानी ट्रीट किया जा रहा है।
गिरते भूजल स्तर को देख आई सोच
राजू और जगमोहन ने बताया कि सैनिक कॉलोनी स्थित गेट नंबर तीन के पास नर्सरी बनाई गई है। नगर निगम की ग्रीन बेल्ट पर बनी इस नर्सरी में अरावली के अंदर लगाने वाले पौधों को उगाया जाता है। इसके साथ में ही कुछ जमीन पर कूड़ा पड़ा था। इस जगह का इस्तेमाल करने के लिए आइडिया आया कि क्यों न गिरते भूजल स्तर को बचाने के लिए देसी STP का निर्माण किया जाए। दोनों ने इसके बारे में स्टडी की और खाका तैयार कर लिया। राजू ने बताया कि इस वक्त पौधों को पानी देने के लिए साफ पानी का इस्तेमाल किया जाता है। वैसे भी भूजल स्तर गिर रहा है और ट्यूबवेल सूख रहे हैं, इसलिए खराब पानी को अगर ट्रीट करके इस्तेमाल करें तो इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है। इसी सोच के साथ 3 महीने की कड़ी मेहनत के बाद देसी STP तैयार कर लिया।
निगम बना सकता है इसे
इसे नगर निगम भी अपने बड़े पार्कों में बना कर हर रोज कई लीटर सीवर के पानी को ट्रीट कर सकता है। क्योकि इस वक्त नगर निगम एरिया में भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है। इसलिए सीवर के पानी को इस्तेमाल करने की तकनीक पर काम करने की आवश्यकता है।
आसपास के शहरों की खबरें
Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म… पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप