Faridabad News: खुले नाले में गिरने से हुई मौत, नगर निगम की लापरवाही ने ले ली 11 साल के कुनाल की जान

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Faridabad News: खुले नाले में गिरने से हुई मौत, नगर निगम की लापरवाही ने ले ली 11 साल के कुनाल की जान

Faridabad News: खुले नाले में गिरने से हुई मौत, नगर निगम की लापरवाही ने ले ली 11 साल के कुनाल की जान

एनबीटी न्यूज, फरीदाबाद: नगर निगम की लापरवाही ने एक और घर के चिराग को बुझा दिया है। 60 फीट रोड के एयरफोर्स चौक पर शनिवार रात 10 से 15 फुट गहरे नाले में गिरने से 11 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। कुछ देर तक घर न पहुंचने पर घरवाले उसे तलाश करने पहुंचे। कुछ दूर भीड़ देखकर घरवालों को पता चला कि नाले में उनका बेटा गिर गया है। उस समय फायर ब्रिगेड और पुलिस मौके पर मौजूद थी, लेकिन वह मूकदर्शक बनी रही। दो व्यक्तियों ने मशक्कत के बाद शव को बाहर निकाला। गुस्साए घरवालों व कॉलोनी के लोगों ने शव रखकर प्रदर्शन किया। पुलिस के साथ तीखी झड़प भी हुई। लोगों ने नगर निगम पर इस हादसे का आरोप लगाते हुए एयरफोर्स रोड और बीके चौक पर शव रख कर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन शनिवार रात से लेकर रविवार शाम तक चलता रहा। इससे जाम लगने से लोगों को परेशानी भी उठानी पड़ी।

बच्चे को निकालने का नहीं किया गया प्रयास
अर्जुन सिंह डबुआ-एयरफोर्स रोड स्थित कॉलोनी में परिवार के साथ रहते हैं। अर्जुन ट्रक ड्राइवर हैं और उनकी पत्नी मुन्नी देवी गृहिणी हैं। उनके दो बेटी हैं और छोटा व इकलौता बेटा कुनाल था। वह तीसरी कक्षा में पढ़ता था। अर्जुन यूपी के रामपुर शहर गए थे। शनिवार रात करीब 9:30 बजे कुनाल कोई सामान लेने के लिए निकला, लेकिन घर से करीब 200 मीटर दूर खुले नाले में गिर गया। उस समय वहां अंधेरा था। एक कूड़े बीनने वाले व्यक्ति ने बच्चे को गिरते हुए देखा और निकालने का प्रयास किया, लेकिन वह हाथ में नहीं आया। यह देखकर आसपास के लोग एकत्रित होने लगे। पुलिस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी मौके पर पहुंची, लेकिन किसी ने बच्चे को निकालने की हिम्मत नहीं की। जब बेटा घर नहीं पहुंचा तो घरवाले बाहर निकले और नाले में गिरने का पता चला।

फायर ब्रिगेड कर्मियों ने कांटा डालकर उसे ढूंढने का प्रयास किया। उसी समय पलवल से बाइक लेकर आए अभिषेक गोस्वामी भीड़ देखकर रुक गए। वहीं रेहड़ी लगाने वाले रामेश्वर भी पहुंच गए। अभिषेक और रामेश्वर रस्सी बांधकर नाले में उतरे और दोनों ने डेढ़-दो घंटे की मेहनत के बाद मृत अवस्था में निकाल लिया। पुलिस और परिवार के लोग कुनाल को लेकर बीके अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अभिषेक और रामेश्वर का भी इलाज कराया गया, क्योंकि इन दोनों की हालत भी खराब हो गई थी।

गुस्साए लोगों ने सांसद कृष्णपाल गुर्जर, वर्तमान विधायक नीरज शर्मा, पूर्व विधायक नगेंद्र भड़ाना और पार्षदों के खिलाफ जमकर नारे लगाए। रोड पर शव रखकर प्रदर्शन किया। कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई। डीसीपी एनआईटी नरेंद्र कादियान मौके पर गए। डीसीपी से भी नोक-झोक हुई। लोगों की मांग थी कि कुनाल का पोस्टमॉर्टम नहीं कराया जाए। पीड़ित परिवार के लोग नगर निगम के संबंधी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग कर रहे हैं।

निगम के हिस्से का नाला ओपन
यह नाला नगर निगम के अधीन है। एयरफोर्स ने अपने हिस्से की जमीन में बने नाले पर सड़क बना दी है, लेकिन निगम के हिस्से का नाला खुला है। यहां पर लोग कूड़ा-पॉलिथिन फेंकते हैं। इससे पता नहीं चल पाता है कि आगे नाला है। ऊपर से मोड़ पर होने और अंधेरे के कारण यह नाला दिखाई नहीं देता। कई बार इसमें गाय गिर गई हैं और एक बार स्कूटी सवार एक व्यक्ति गिर गया था पर तब समय रहते हुए उसे बचा लिया था। विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि उन्होंने इस चौके पर हाई मास्ट लाइट लगवाने और नाला ठीक करवाने के लिए कई बार निगम अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन अधिकारी ध्यान नहीं देते हैं।

अभिषेक और रामेश्वर ने जान की परवाह नहीं की
रामेश्वर साहनी कपड़ा कॉलोनी में और अभिषेक गोस्वामी डबुआ में रहते हैं। दोनों ने बताया कि बच्चे के परिवार के लोग बेटे के लिए बिलख रहे थे। ऐसे में वे खुद को रोक नहीं सके और उसकी जान बचाने के लिए अपने बारे में बिना सोचे रस्सी बांधकर नाले में उतर गए। जबकि फायर ब्रिगेड के कर्मी मूकदर्शक बने हुए थे।

2015 में वर्क ऑर्डर जारी हुआ पर ठेकेदार ने नाले पर स्लैब बनाया ही नहीं
एयरफोर्स चौक के पास जिस खुले नाले में एक मासूम की जान गई उस पर स्लैब लगाने के लिए टेंडर कर दिया गया था। उसके बाद भी कार्य नहीं किया गया। इसी जगह पर दो साल पहले हाईमास्ट लाइट लगाने का टेंडर छोड़ा गया पर यहां से बिना किसी मंजूरी के इसे कहीं और जगह शिफ्ट कर दिया गया। नाले पर स्लैब लगा रहता और लाइट होती तो शायद कुनाल जिंदा होता।

सड़क से चिपका है नाला, बननी चाहिए चारदीवारी
एनआईटी स्थित एयरफोर्स रोड की बात करें तो यहां से रोज 5 हजार के करीब वाहन चालक गुजरते हैं। 2 हजार लोग पैदल चलते हैं। एयरफोर्स रोड के दोनों तरफ नाले बने हुए हैं जिसमें बरसाती पानी गुजरता है। एयरफोर्स चौक के पास नाला इस कदर कूड़े से भरा है कि पता ही नहीं चलता कि ये नाला है या सड़क का हिस्सा। इस के चारों तरफ दीवार बनाने और स्लैब लगाने के लिए स्थानीय लोग नगर निगम को पिछले 2 साल से बोल रहे हैं। निगम सूत्रों की मानें तो 2015-16 में इसी नाले के सामने वाले नाले के ऊपर स्लैब रखने का टेंडर हुआ था। ठेकेदार को वर्क अलॉट भी हुआ लेकिन उसने काम नहीं किया।

नेता के कहने पर शिफ्ट कर दी हाईमास्ट लाइट
एयरफोर्स चौक के पास ही निगम ने हाईमास्ट लाइट लगाने के लिए प्लानिंग की थी। इसके लिए टेंडर जारी कर वर्क अलॉट भी कर दिया था। स्थानीय लोगों की मानें तो किसी नेता के कहने पर अधिकारियों ने लाइट की साइट को बिना किसी प्रशासनिक मंजूरी के दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया।

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