Faridabad News: क्रेडिट कार्ड के फायदे बताए, वॉट्सएप पर भेजा लिंक, क्लिक करते ही बैंक कर्मचारी के उड़ गए 1.88 लाख रुपये

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Faridabad News: क्रेडिट कार्ड के फायदे बताए, वॉट्सएप पर भेजा लिंक, क्लिक करते ही बैंक कर्मचारी के उड़ गए 1.88 लाख रुपये

Faridabad News: क्रेडिट कार्ड के फायदे बताए, वॉट्सएप पर भेजा लिंक, क्लिक करते ही बैंक कर्मचारी के उड़ गए 1.88 लाख रुपये

नगर संवाददाता, फरीदाबाद: साइबर ठग आपके इर्द-गिर्द घूम मौजूद हैं। आपसे एक गलती हुई और पलभर में काम तमाम। इसी सिलसिले में क्रेडिट कार्ड बनवाने के नाम पर साइबर ठगों ने एक निजी बैंक के कर्मचारी से ही करीब 1.88 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित ने मामले की शिकायत एनआईटी साइबर थाने में दी है। रवि कुमार कुमार ने बताया कि वह एक निजी बैंक में सेल्स टीम में काम करते हैं। वह अपने परिवार के साथ शिव दुर्गा विहार लक्कड़पुर में रहते हैं। उन्होंने बताया कि 30 जुलाई, 2022 को उनके मोबाइल फोन पर एक फाइनैंस कंपनी से फोन आया। कॉल करने वाली महिला थी। उसने नया क्रेडिट कार्ड बनवाने को कहा।

पीड़ित ने बताया कि पहले तो उन्होंने उसे क्रेडिट कार्ड बनवाने से मना कर दिया और कहा कि उनके पास पहले से ही एक बैंक का कार्ड है। महिला जोर देकर कार्ड बनवाने व उसके फायदे बताने लगी। इसके बाद उन्होंने कार्ड बनवाने की हामी भर दी। इसके बाद उनके वॉट्सऐप नंबर पर एक लिंक आया। उसमें वह अपनी पूरी डिटेल, बैंक खाता संख्या, पहले से मौजूद क्रेडिट कार्ड नंबर आदि भर दिए और सेंड कर दिया। कुछ देर बाद मोबाइल नंबर पर करीब 1.88 लाख रुपये की निकासी होने का मैसेज आया। इसके बाद उन्हें साइबर ठगी का अहसास हुआ। पीड़ित ने साइबर थाने में 3 अगस्त, 2022 को मामले की शिकायत दी। जांच के बाद साइबर थाना की पुलिस ने सोमवार रात पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज किया।

सेफ रहने के मजबूत तरीके क्या हैं?

-साइबर एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल ने बताया कि ऑनलाइन फ्रॉड के दो सबसे बड़े कारण कार्ड क्लोनिंग एवं पासवर्ड की चोरी है। इससे बचने का सबसे बड़ा उपाय है कि एटीएम और पॉइंट ऑफ सेल्स (पीओएस) मशीनों में बिना डेबिट/क्रेडिट कार्ड के भी पेमेंट की सुविधा उपलब्ध करा दी जाए।

-पिन नंबर ओटीपी की तरह जनरेट किया जाए, जिसे एटीएम एवं पॉइंट ऑफ सेल्स मशीनों में फीड कर पैसे भी निकाले जा सकें।

-सरकार के भीम यूपीआई या अन्य बड़ी कंपनियों के यूपीआई का ज्यादा इस्तेमाल किया जाए, उपभोक्ताओं को डेबिट एवं क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कम करना चाहिए।

फ्रॉड के शिकार होने पर क्या करें
साइबर एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल ने बताया कि आरबीआई की 2017-18 की गाइडलाइंस के मुताबिक धोखाधड़ी की सूचना दर्ज कराने के बाद ट्रांजैक्शन की पूरी जिम्मेदारी बैंक पर होती है, यदि तय प्रक्रिया के मुताबिक संबंधित बैंक को सूचित नहीं किया गया तो जिम्मेदारी उपभोक्ता की होती है। इस स्थिति में बैंक पर रिफंड करने की कानूनी बाध्यता लागू नहीं होती। धोखाधड़ी के शिकार होने पर अपने बैंक के संबंधित अधिकारी को तुरंत सूचित करें। इसके अलावा कस्टमर केयर सेंटर पर सूचना दर्ज कराएं और दर्ज सूचना का नंबर भविष्य के लिए सुरक्षित रखें, ताकि बैंक आपके पैसे आपको रिफंड कर सके।

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