Faridabad News: अवैध निर्माण और बंधवाड़ी प्लांट ले रहा अरावली के जंगल में मौजूद तेंदुओं की जान?

135
Faridabad News: अवैध निर्माण और बंधवाड़ी प्लांट ले रहा अरावली के जंगल में मौजूद तेंदुओं की जान?

Faridabad News: अवैध निर्माण और बंधवाड़ी प्लांट ले रहा अरावली के जंगल में मौजूद तेंदुओं की जान?

फरीदाबाद : अरावली क्षेत्र में ताबड़तोड़ अवैध निर्माण और बंधवाड़ी ट्रीटमेंट प्लांट से विलुप्त हो रहे वन्य जीवों के जीवन पर विपरीत असर पड़ रहा है। खासकर तेंदुए पर। पिछले दिनों गुड़गांव में एक तेंदुए का शव मिला था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि कैंसर से उसकी मौत हुई थी। हाल ही में केंद्रीय पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने हरियाणा सरकार से रिपोर्ट मांगी है कि तेंदुए की मौत क्यों हो रही है। अब सरकार केंद्र को पूरी रिपोर्ट भेजेगी। 2017 के सर्वे में अरावली के अंदर तेंदुए की संख्या 31 बताई गई है जबकि 2012 के सर्वे में 8 तेंदुए थे। कोविड के कारण 2021 में सर्वे नहीं हुआ, इस साल सर्वे किया गया है। इसे अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया। अब उम्मीद जताई जा रही है कि नए सर्वे में इनकी संख्या बढ़ कर 50 से ज्यादा हो गई होगी। उधर, पर्यावरण प्रेमियों व एक्सपर्ट का कहना है कि कूड़े के पहाड़ व अवैध कब्जों से वन्य जीवों पर कहर टूट रहा है। उनका कहना है कि यदि वन्य जीव विभाग थोड़ी सतर्कता बरते तो यह संख्या और बढ़ेगी।

तेंदुए और लकड़बग्गों की स्थिति काफी बेहतर
2017 की सर्वे रिपोर्ट में सबसे ज्यादा तेंदुए, लकड़बग्घा और गीदड़ की संख्या में इजाफा हुआ है। फरीदाबाद और गुड़गांव जिले के घामरोज, भोंडसी, रायसीना, मांगर, गोठड़ा, बड़खल, कोटला, कंसाली, नीमतपुर, खोल और पंचोटा में तेंदुए और लकड़बग्गों की स्थिति काफी बेहतर है। वाइल्ड लाइफ विभाग को 2021 में सर्वे करना था। हालांकि कोविड के कारण यह नहीं हो सका। इसी साल अप्रैल में वाइल्ड लाइफ इंडस्टीट्यूट ऑफ इंडिया देहरादून की टीम ने सर्वे किया है। इसे अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है।

केंद्र सरकार ने जो रिपोर्ट मांगी है उसे दी जाएगी। वैसे अरावली में तेंदुए के संरक्षण पर काम हो रहा है। 50 से ज्यादा कृत्रिम तालाब बनाए गए हैं। फरीदाबाद-गुड़गांव रोड पर पुराने अंडरपास को खोलने का विचार है। इसके लिए बजट पास हो चुका है।

एमएस मलिक, संरक्षक, वाइल्ड लाइफ गुड़गांव डिविजन


जंगल में अवैध निर्माण और गंदगी से दिक्कत

पीपल फॉर एनिमल ट्रस्ट के संस्थापक सदस्य और वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट रवि दुबे ने बताया कि जंगली जीव शांत माहौल में रहना पसंद करते हैं। लेकिन अरावली में धड़ल्ले से अवैध निर्माण की वजह से वे आबादी की तरफ भागते हैं। इस कारण कभी दुर्घटना तो कभी लोगों की वजह से उनकी जान चली जाती है। वहीं, बंधवाड़ी प्लांट से भी निकलने वाला जहरीला पानी भी काल बन जाता है।

10 साल में 5 तेंदुए मारे गए-

जनवरी 2011 : खेड़ी गुजरान गांव में तेंदुआ घुसा, जिसे लोगों ने मार दिया।

नवंबर 2016 : मंडावल गांव में लोगों ने मौके पर ही मार दिया।

नवंबर 2019 : नानक चंद कॉलोनी की एक फैक्ट्री से रेस्क्यु किया गया, अगले दिन उसने दम तोड़ दिया।

अगस्त 2020 : फरीदाबाद-गुड़गांव रोड पर हादसे में गई जान।

जून 2021 : सूरजकुंड को जाने वाले रास्ते पर दुर्घटना में मारा गया।
यहां यहां दिखाई दिये तेंदुए-

दिसंबर 2016 में 4 साल का नर तेंदुआ मेवात के मल्हाका गांव में दिखा।

फरवरी 2017 में 3 साल का नर तेंदुआ पलवल में दिखा।

अप्रैल 2017 में सोहना में देखा गया था।

अक्टूबर 2017 में मारुति प्लांट में घुसा, सुरक्षित बचाया।

7 मार्च 2019 को पलवल के एक घर में घुसा आया था।

पंजाब की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Punjab News