Faridabad News: अफसरों की हरी झंडी से फरीदाबाद की ग्रीन बेल्ट पर कब्जा, 200 से ज्यादा जगहों पर अवैध निर्माण

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Faridabad News: अफसरों की हरी झंडी से फरीदाबाद की ग्रीन बेल्ट पर कब्जा, 200 से ज्यादा जगहों पर अवैध निर्माण

Faridabad News: अफसरों की हरी झंडी से फरीदाबाद की ग्रीन बेल्ट पर कब्जा, 200 से ज्यादा जगहों पर अवैध निर्माण

फरीदाबाद: कहने को शहर में ग्रीन बेल्ट हैं, लेकिन यहां अवैध निर्माण और कब्ज़ों की भरमार है। ऐसा हो रहा है कार्रवाई करने वाले अधिकारियों की लापरवाही के कारण। हाल ही विधानसभा में रोहतक से कांग्रेस विधायक बीबी बतरा ने हरियाणा के हर ज़िले में ग्रीन बेल्ट पर हुए अवैध कब्ज़े के बारे में सवाल पूछा। जवाब में सरकार ने कहा कि वह अवैध कब्ज़े हटाने का काम कर रही है। वहीं, फरीदाबाद में नज़र दौड़ाई जाए तो ग्रीन बेल्ट से कब्ज़े हटाने का काम होता दिखाई नहीं दे रहा है। वैसे सरकार ने प्रश्न के उत्तर में फरीदाबाद के अंदर ग्रीन बेल्ट में 22 अवैध निर्माण की लिस्ट बताई है, लेकिन यहां 200 से ज्यादा अवैध निर्माण आज भी ग्रीन बेल्ट पर हैं। कई जगह झुग्गी वालों ने ग्रीन बेल्ट पर टेंट लगा लिया है। कुछ जगह फुट स्टॉल व खोखे खुल चुके हैं। नगर निगम सूत्रों की मानें तो सभी अवैध निर्माण बड़े अधिकारियों की हरी झंडी के कारण चल रहे हैं, तभी आज तक इन्हें हटाने की कार्रवाई तक नहीं की गई है।

कागज़ों में इतना है ग्रीन बेल्ट एरिया

शहर में ग्रीन बेल्ट की स्थिति खराब है। नगर निगम सीमा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्रीन बेल्ट में अतिक्रमण व अवैध कब्ज़ा ज्यादा है। अफसरों की मानें तो इसे हटाने के लिए नगर निगम प्रयास कर रहा है, लेकिन उसमें पूरी तरह कामयाबी नहीं मिल पा रही है। सबसे पहले ग्रीनरी के मामले में NIT फरीदाबाद की बात करें तो यहां ग्रीन बेल्ट का एरिया 113 एकड़ का है। सड़क किनारे चौड़ी चौड़ी ग्रीन बेल्ट की संख्या NIT इलाके में ज्यादा है। इन ग्रीन बेल्ट पर अतिक्रमण ज्यादा है। नीलम बाटा रोड पर सड़क के दोनों तरफ ग्रीन बेल्ट दिखाई ही नहीं देती है। नीलम रेलवे रोड पर ग्रीन बेल्ट के लिए जगह तो है, लेकिन वह पूरी तरह से डिवेलप नहीं है। NIT के पार्कों की स्थिति ग्रीन बेल्ट की तुलना में अच्छी है। यहां पार्कों की देखरेख लोग खुद करते है। इसी तरफ ओल्ड फरीदाबाद की बात की जाए तो यहां पर 224 एकड़ ग्रीन एरिया है। ग्रीन बेल्ट की जगह पर लोगों ने कब्जा किया हुआ है, जिसे हटाने के लिए नगर निगम प्रयास नहीं करता।

नगर निगम क्षेत्र में ग्रीन बेल्ट पर ज्यादा कब्ज़े नहीं है। दूसरे विभागों की ग्रीन बेल्ट पर अवैध कब्ज़े हो सकते हैं। हमारी ग्रीन बेल्ट पर छोटे कब्ज़े हैं, जिन्हें हटाने का काम नगर निगम लगातार कर रहा है।

बिरेंद्र कर्दम, चीफ इंजीनियर नगर निगम

नगर निगम ने पूरी तरह बंद कर दिया अभियान

शहर में ग्रीन बेल्ट पर सबसे ज्यादा अवैध निर्माण NIT इलाके में है। लोगों ने कमर्शल बिल्डिंग बनाने के साथ ही ग्रीन बेल्ट के हिस्से को पार्किंग के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। ग्रीन बेल्ट का अस्तित्व खत्म हो चुका है। हार्डवेयर चौक से बाटा चौकी तरफ जाएंगे तो उल्टी साइट में ग्रीन बेल्ट पर झुग्गी वालों का कब्ज़ा है। इससे पूरी ग्रीन बेल्ट खत्म हो चुकी है। इसी तरह से शहर के अन्य जगहों पर भी ग्रीन बेल्ट पर फूट स्टॉल व खोखे हैं। BK चौक से नीलम चौक की तरफ चलते वक्त फूड स्टॉल वालों का कब्ज़ा हो चुका है। इन्हें हटाने के लिए नगर निगम ने अभियान पूरी तरह से बंद कर दिया है।

NGT के आदेश भी भूल गए ज़िम्मेदार

नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के एक आदेश को मानें तो 27 मार्च 2019 को आदेश जारी कर नगर निगम को ग्रीन बेल्ट के ऊपर से अतिक्रमण हटाकर हरी घास लगाने के आदेश दिए थे। इसे लेकर नगर निगम ने पब्लिक नोटिस जारी कर सभी अतिक्रमण करने वालों को कहा था कि वह अपने आप ही सामान हटा लें, नहीं तो नगर निगम कार्रवाई शुरू करेगा। इस आदेश के तहत नगर निगम ने तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू की थी। कई जगहों से निगम ने अतिक्रमण हटा दिए थे पर कई महत्वपूर्ण जगह ऐसी हैं, जहां से नगर निगम ऑर्डर जारी होने के चार साल बीतने के बाद भी कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।

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