Faridabad News:कमी या पैसे बनाने के लिए एक और खेल? एक ही सड़क का दो बार टेंडर वो भी डबल रेट पर, जानिए

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Faridabad News:कमी या पैसे बनाने के लिए एक और खेल? एक ही सड़क का दो बार टेंडर वो भी डबल रेट पर, जानिए

Faridabad News:कमी या पैसे बनाने के लिए एक और खेल? एक ही सड़क का दो बार टेंडर वो भी डबल रेट पर, जानिए

फरीदाबाद: शहर में न जाने कितनी सड़कें, गलियां, पार्क और रास्ते हैं जो गड्ढों से भरे हुए हैं। लोग शिकायत करते-करते थक जाते हैं लेकिन अधिकारियों के कानों पर जूं नहीं रेंगती। हालांकि जहां इनके फायदे और जेब गर्म होने की बात हो वहां ये अफसर ऐसे कारनामे कर देते हैं कि लोग सुनकर भी हैरान हो जाते हैं। ऐसा ही एक मामला फिर से चर्चा में है। दरअसल एक ही सड़क को बनाने में एक नहीं बल्कि दो-दो विभाग के टेंडर जारी कर दिए। एक ही काम के लिए टेंडर में जो रेट दिया गया है वो एक से डबल है। यानी एक विभाग उस काम को आधे में करवा रहा है तो उसके लिए दूसरे ने दोगुने पैसे में करवाने के लिए टेंडर आमंत्रित किया है।

मामला सेक्टर 10-11 डिवाइडिंग रोड के निर्माण का है। नगर निगम ने काफी पहले इसका काम शुरू करा दिया था। अब इस सड़क को बनाने के लिए फरीदाबाद मेट्रोपॉलिटन डिवेलपमेंट अथॉरिटी (एफएमडीए) ने भी टेंडर आमंत्रित किए हैं। इसे अब दो विभागों में तालमेल की कमी कहें या किसी नए घोटाले की नींव। सड़क का निर्माण कर रही कंपनी के ठेकेदार ने एफएमडीए को टेंडर प्रक्रिया रोकने के लिए पत्र लिखा है। वहीं, नगर निगम की तरफ से भी इस विषय में एफएमडीए से पत्राचार किया गया है। मामला सामने आने पर एफएमडीए ने जांच बैठा दी है। पता किया जा रहा है कि ये किसकी गलती से हुआ है। उसके बाद इसमें कार्रवाई होगी।

थोड़ा हिस्सा बनने के बाद रुक गया है काम
सेक्टर 10/11 डिवाइडिंग रोड वाईएमसीए चौक से सर्वोदय अस्पताल की तरफ जाने वाली सड़क को सेक्टर 11/12 डिवाइडिंग रोड को जोड़ने का काम करती है। पहले यह सड़क नगर निगम के अंडर आती थी, लेकिन एफएमडीए का गठन होने के बाद यह सड़क अब उनके पास चली गई है। सड़क कई साल से खस्ताहाल है। पिछले दिनों नगर निगम ने इस सड़क का निर्माण कार्य शुरू किया था। एक तरफ से सड़क को सीमेंटेड बनाने का काम शुरू हुआ था। कुछ ही हिस्सा बनने के बाद काम रुक गया था और तब से काम बंद है। सड़क पर इस समय गहरे गड्ढे हो रहे हैं और लोगों को आवागमन में काफी परेशानी होती है। अब एफएमडीए ने इसके लिए दोबारा से टेंडर प्रक्रिया शुरू करा दी है।

पैसे का भुगतान न होने से रुका है काम
इस पर मंगला रेडिमिक्स प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से एफएमडीए अधिकारियों को पत्र लिख कर आपत्ति दर्ज कराई है। कंपनी की ओर से कहा गया है कि सेक्टर 10-11 डिवाइडिंग रोड का निर्माण करने की जिम्मेवारी नगर निगम ने उन्हें सौंपी हुई है। उन्होंने लगभग 1 करोड़ 10 लाख रुपये का काम कर दिया है और पैसे का भुगतान करने के लिए नगर निगम के अकाउंट डिपार्टमेंट में बिल भी दिए हुए हैं। अब ऐसे में एफएमडीए ने कैसे देाबारा इस सड़क का टेंडर आमंत्रित कर दिया है? उन्होंने कहा कि उन्हें 4 करोड़ 85 लाख रुपये का ठेका दिया गया था। समय पर पैसा जारी होता, तो अब तक सड़क काम पूरा हो जाता। अब इसका काम पूरा करने के लिए 30 नवंबर 2022 की डेट तय की हुई है। नगर निगम ने इस सड़क का निर्माण करने के लिए 4 करोड़ 85 लाख रुपये का काम अलॉट किया है, जबकि एफएमडीए ने इससे दोगुनी लागत लगभग 8 करोड़ 27 लाख रुपये के टेंडर आमंत्रित किए हैं।

सवालों के घेरे में टेंडर
कंपनी ने सवाल उठाया है कि जब वह नगर निगम के बजट में ही काम पूरा कर सकते हैं, तो इतनी अधिक कीमत का टेंडर आमंत्रित कर सरकार के पैसे का नुकसान क्यों कराया जा रहा है। उन्होंने एफएमडीए को पत्र लिखकर टेंडर प्रक्रिया रोकने व पोर्टल से टेंडर हटाने को कहा है। सवाल यह उठता है कि दोनों विभागों में आपसी तालमेल क्यों नहीं है और एक ही काम के लिए इतने बड़े अंतर के साथ रेट के टेंडर क्यों आमंत्रित किए गए हैं।

सड़क का निर्माण नगर निगम कर रहा है। हमने एफएमडीए को पत्र लिखकर पूछा है कि उन्होंने इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू क्यों की है, जब हम सड़क बनाने का काम पहले ही कम रहे हैं।

रामजी लाल, नगर निगम के चीफ इंजीनियर

पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले
एक ही काम के लिए दो बार टेंडर करने का मामला नया नहीं है। इससे पहले भी एक काम के लिए दो-दो बार टेंडर आमंत्रित किए जा चुके हैं। वाईएमसीए चौक से बाईपास रोड तक बनने वाली सड़क के लिए पहले एफएमडीए इसे सीमेंटेड बना रहा था और फिर नगर निगम ने भी इस सड़क को तारकोल से बनाने के लिए टेडर आमंत्रित कर दिया था।

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