Explainer: साउथ में औंधे मुंह गिरती हैं हिंदी फिल्में, लेकिन ‘दबंग’ हैं बॉलीवुड के कार्टून किरदार

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Explainer: साउथ में औंधे मुंह गिरती हैं हिंदी फिल्में, लेकिन ‘दबंग’ हैं बॉलीवुड के कार्टून किरदार


Explainer: साउथ में औंधे मुंह गिरती हैं हिंदी फिल्में, लेकिन ‘दबंग’ हैं बॉलीवुड के कार्टून किरदार

इन दिनों हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की हालत ऐसी है कि बड़े से बड़ा फिल्ममेकर और स्टार्स की फिल्में सिनेमा में आती-जाती दिख रही हैं। वहीं लोगों का भी कॉन्टेंट को लेकर नजरिया बदला है। अच्छा कॉन्टेंट ना होने की वजह से फिल्ममेकर्स के हाल बेहाल हैं। वहीं किड्स कार्टून इंडस्ट्री की बात करें तो ज्यादातर शोज हिंदी बेल्ट के बच्चों के लिए बनाए जाते हैं लेकिन पैन इंडिया कॉन्सेप्ट के कारण साउथ की भाषाओं में भी इन शोज को डब करके वहां दिखाया जाता है। जानकारों को कहना है कि साउथ की बच्चा ऑडियंस को हिंदी में बने ये डब शोज काफी पसंद आ रहे हैं, साथ ही बॉलीवुड और टीवी के कैरेक्टर से प्रभावित कुछ शोज साउथ में बच्चों के बीच काफी पॉपुलर हैं।

बॉलिवुड किरदारों पर बेस्ड कार्टून शोज साउथ में छाए
साउथ सिनेमा में बॉलीवुडवालों की हालत जरूर पतली है लेकिन बॉलीवुड बेस कार्टून शोज साउथ में हिट हैं। इस बारे में किड्स चैनल पोगो और कार्टून नेटवर्क के प्रवक्ता बताते हैं, ‘भारत को ध्यान में रख कर बनाए जाने वाले कार्टून शोज में स्थानीय फ्लेवर डालकर साउथ में दिखाया जाता है, वहां की किड्स ऑडियंस के बीच वो शोज काफी पसंद हैं। किड्स एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में बॉलीवुड जोन काफी पॉपुलर है क्योंकि बॉलिवुड के कई किरदार युवाओं में काफी पॉपुलर हैं, ऐसे में बच्चे भी उन किरदारों को एनिमेशन के रूप में कार्टून शोज में देखना पसंद करते हैं। हमारे यहां बॉलीवुड फिल्मों से इंस्पायर शो ‘स्मैशिंग सिंबा’ और ‘दबंग’ हिंदी बेल्ट के साथ-साथ साउथ में भी काफी पसंद किया जा रहा है।’

40 पर्सेंट है साउथ की व्यूवरशिप
हेड ऑफ किड्स क्लस्टर साउथ एशिया वार्नर ब्रदर्स, डिस्कवरी उत्तम पाल सिंह बताते हैं, ‘हमारे चैनल पर ‘सिंघम’ फ्रेंचाइजी को देखते हुए बनाया गया शो ‘लिटिल सिंघम’ जो एक सुपर कॉप है, बच्चों के बीच बहुत पॉपुलर है। अगर इस सीरीज की ही बात करें तो हमारी कुल व्यूवरशिप में से 40 प्रतिशत व्यूवरशिप साउथ से है।’ वहीं किड्स चैनल सोनी येय्य की बिजनेस हेड लीना लेले दत्ता बताती हैं, ‘हमारा एक शो ‘गुरु और भोले’ पुरानी फिल्म पड़ोसन के जो एक्टर रहे हैं किशोर कुमार और सुनील दत्त के रोल से प्रभावित है। इस शो में हमने अमित कुमार (किशोर कुमार के बेटे) से बैकग्राउंड के गाने गवाए थे। इस शो का किरदार या कुछ और भी साउथ से जुड़ा हुआ नहीं था, ये पूरा हिंदी मार्केट ओरिजन से लिया गया था। लेकिन जब हमने साउथ के लिए इस शो को लोकल तेलुगू राइटर से कहानी का ट्रांसलेशन कराया और वहां के मुहावरे या कहावतों को उसमें जोड़ा, तो इस हिंदी बेस शो को काफी पसंद किया गया।’

हिंदी के कॉमिडी स्क्रिप्ट राइटर जिस नजरिए से कार्टून शोज के लिए स्क्रिप्ट लिखते हैं, उस हिसाब से हिंदी में बने कॉमिडी शो को डबिंग में कम पसंद किया जाता है।

लीना लेले दत्ता, सोनी येय्य (बिजनेस हेड)

हिंदी शोज का एक्शन साउथ वालों को आ रहा खूब पसंद
देखने में ये भी आया है कि हिंदी फिल्मों में किसी भी जॉनर की फिल्म हो, उसका साउथ में कोई खास रिस्पॉन्स नहीं मिला है। लेकिन हिंदी बेस ऐक्शन से भरपूर कार्टून शोज साउथ में बच्चों को काफी पसंद आ रहे हैं। बकौल लीना लेले दत्ता, ‘साउथ में देसी और इंटरनेशनल दोनों तरह के कॉन्टेंट पसंद किए जाते हैं। साउथ में देसी कार्टून शोज को लेकर भी अपनी एक पसंद है। वहां ज्यादातर ऐसे शो पसंद किए जाते हैं जो एक्शन पैक हों। जैसे हमारे चैनल की बात करें तो जो हमारा कॉमिडी कॉन्टेंट है, वह साउथ में उतना पॉपुलर नहीं है, लेकिन जो एक्शन से भरपूर देसी शो हैं, वो साउथ में डब करने के बाद फेमस होते हैं। जैसे हमने एक शो ‘कीको एंड सुपर स्पीडो’ लॉन्च किया था, वो एक एक्शन शो था, तो साउथ में काफी पसंद किया गया था। वहां बच्चे उस शो के गाने को गाते थे। वहीं जापानी एनिमेटिड शोज ‘डोरेमॉन’, ‘शिनचैन’ जैसे शो भी उनके फेवरेट हैं। लेकिन साउथ में देसी कॉन्टेंट विदेशी शो को भी अच्छी टक्कर दे रहे हैं।’

लोकल लोगों की पसंद से किए जाते हैं डब
इस बारे में कार्टून नेटवर्क के प्रवक्ता बताते हैं, ‘किड्स शो को दर्शकों की संख्या, उनकी रुचि के हिसाब से बनाया जाता है। हालांकि स्थानीय रूप से शो को अच्छा बनाने के लिए लोकल पुट भी देना होता है। हमने कुछ शो को लॉन्च किया था, जिसकी डबिंग के दौरान हमने उसमें कई स्थानीय चीजें जोड़ीं, ताकि बच्चों को वो शो पसंद आएं। हमने कई इंटरनेशनल शोज को भी स्थानीय फ्लेवर देने की कोशिश की है।’

सिंघम फ्रेंचाइजी को देखते हुए बनाया गया शो लिटिल सिंघम बच्चों के बीच बहुत पॉपुलर है। हमारी कुल व्यूवरशिप में से 40 प्रतिशत व्यूवरशिप साउथ से है।

उत्तम पाल सिंह, हैड ऑफ किड्स क्लस्टर साउथ एशिया, वार्नर ब्रदर्स, डिस्कवरी

साउथ में बनेंगे कार्टून, हिंदी में होंगे डब
हिंदी में साउथ की डब फिल्में काफी पॉपुलर हैं, तो क्या साउथ में भी किड्स शो बनाने और उसे हिंदी में डब करने की दिशा में भी कुछ काम हो रहा है? बकौल लीना लेले दत्ता, ‘साउथ के बच्चों और हिंदी बेल्ट में रहने वाले बच्चों की पसंद में काफी अंतर है। आज पेन इंडिया कॉन्सेप्ट चल रहा है लेकिन स्थानीय ऑडियंस के लिए वहां की पसंद को ध्यान में रखते हुए कॉन्टेंट बनाने की जरूरत है। जैसे हमने कीको को हिंदी में बनाया है और फिर साउथ का फ्लेवर उसकी डबिंग में प्रयोग किया। लेकिन हमने ऐसा कभी नहीं किया है कि साउथ के राइटर को लेकर साउथ का शो बनाएं और उसे हिंदी में डब करें। हम इस दिशा में काम कर रहे हैं और एक नया शो प्लान कर रहे हैं। क्योंकि साउथ की फिल्में डबिंग में हिंदी बेल्ट में अच्छा काम कर रही हैं, तो हम भी इसी कॉन्सेप्ट पर काम कर रहे हैं कि साउथ का एक शो वहां की ऑडियंस के हिसाब से बनाएं और फिर उसे हिंदी में डब करें।’



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