Explainer: ज्ञानवापी के बाद क्यों हो रहा आदिविश्वेश्वर मंदिर पर बवाल, BHU की परीक्षा में एक सवाल ने विवाद को दी हवा!

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Explainer: ज्ञानवापी के बाद क्यों हो रहा आदिविश्वेश्वर मंदिर पर बवाल, BHU की परीक्षा में एक सवाल ने विवाद को दी हवा!

Explainer: ज्ञानवापी के बाद क्यों हो रहा आदिविश्वेश्वर मंदिर पर बवाल, BHU की परीक्षा में एक सवाल ने विवाद को दी हवा!

वाराणसी: बीएचयू के इतिहास विभाग के एमए सेकंड सेमेस्टर की परीक्षा में पूछे गए सवाल पर बवाल बढ़ता जा रहा है। एमए के मध्य युगीन भारत के राजनीतिक इतिहास के प्रश्न पत्र में एक सवाल पूछा गया कि काशी के आदिविश्वेश्वर मंदिर को औरंगजेब द्वारा तोड़े जाने का जिक्र किस पुस्तक में किया गया है?

इस सवाल को लेकर अब संबधित विभाग के प्रफेसर और इतिहास विभाग के डीन से परीक्षा नियंत्रक ने पूछताछ की। बताया जा रहा था की आदिविश्वेश्वर मंदिर को तोड़े जाने संबंधी सवाल सिलेबस के बाहर से पूछा गया है। विभाग के डीन और संबंधि विषय के प्रॉफेसर ने अपना जवाब दे दिया है। लेकिन अब छात्र आक्रोशित है और कुलपति को निशाने पर ले रहे है कि आखिर स्थापित तथ्यों पर सवाल पूछने पर सवाल जवाब क्यों किया जा रहा है। इस मुद्दे के आड़ में अब विश्वविद्यालय के छात्र कुलपति सुधीर जैन को निशाने पर ले रहे है। जानिए क्या है पूरा मामला

ज्ञानवापी के वजुखाने में मिले कथित शिवलिंग को बताया जा रहा आदिविश्वेश्वर
24 सितंबर को बीएचयू एमए के सेकंड सेमेस्टर के मध्ययुगीन भारत के राजनीतिक इतिहास के पेपर में एक सवाल किया गया कि औरंगजेब ने काशी के आदिविश्वेश्वर मंदिर का विध्वंश किया। इस बात का जिक्र किस पुस्तक में किया गया है? इस सवाल के बारे में बीएचयू के ही कुछ छात्रों ने सोशल मीडिया पर आउट ऑफ सिलेबस बताया। साथ ही जून महीने में ही श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन मामले में ज्ञानवापी ममस्जिद के वजुखाने में मिले शिवलिंग से जोड़ने लगे।

पहली बार पूछा गया है आदिविश्वेश्वर मंदिर विध्वंश का सवाल
विवाद बढ़ता देख संबंधित विषय के प्रफेसर राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि जिसे आउट ऑफ सिलेबस बताया जा रहा है वो सिलेबस का हिस्सा है। मासिर-ऐ-आलमगीरी पुस्तक में आदिविश्वेश्वर मंदिर के तोड़े जाने का जिक्र है। ये पुस्तक औरंगजेब के ही साकी मुस्तकीद खान ने 1710 में लिखी थी। राजीव श्रीवस्तव ने कहा कि छद्म बुद्धिजीवी जो अब तक औरंगजेब को एक धर्मनिरपेक्ष शासक के तौर पर बताते रहे है उनके द्वारा ही इस तरह का व्यर्थ विवाद खड़ा किया जा रहा है। प्रश्न पत्र में कुछ भी आउट ऑफ सिलेबस नहीं पूछा गया है, हां इतना जरूर है कि आदिविश्वेश्वर मंदिर तोड़े जाने का सवाल जरूर पहली बार पूछा गया है।

विभाग के डीन से मांगा गया एक्सप्लेनेशन
सोशल मीडिया और मीडिया में प्रश्नपत्र के सवाल पर हुए बवाल के बीच इतिहास विभाग की डीन बिन्दा परांजपे से परीक्षा नियंत्रक ने पेपर में पूछे गए सवाल पर एक्सप्लेनेशन मांग लिया गया। इस बाबत एनबीटी ऑनलाइन ने जब डीन बिन्दा परांजपे से बात की तो उन्होंने बताया कि उनसे इस सवाल पर पूछा गया तो तो उन्होंने और संबंधित विषय के प्रॉफेसर राजीव श्रीवस्तब ने बता दिया कि सवाल आउट ऑफ सिलेबस नहीं है। साथ ही इस सवाल के ऑप्शन में एक और प्रश्न था जिसका जवाब छात्र दे सकते है। कमिटी बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने इसे कोरी अफवाह बताया और कहा कि कोई कमिटी नहीं बनाई गई गई। हालांकि प्रश्नपत्र के सवाल पर उनसे जवाब तलब जरूर किया गया है।

छात्रों ने कुलपति को घेरा
बीएचयू के छात्रों ने इतिहास विभाग के डीन और विभाग के प्रफेसर से जवाब तलब पर अब अपनी तीखी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर दे रहे हैं। इस मुद्दे के बहाने अब कैंपस के छात्र कुलपति सुधीर जैन पर सवाल खड़े कर रहे है। बीएचयू के शोध छात्र पतंजलि पांडे ने कहा कि कुलपति सुधीर जैन महामना के बनाए इस विश्वविद्यालय में गलत परंपराओं को शुरू कर रहे हैं। कुलपति ने आने के साथ ही इफ्तार का आयोजन किया। भगवान राम के गलत चित्रण करने वाले प्रॉफेसर के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की। काशी विश्वनाथ मंदिर के विध्वंश पर गलत बयानबाजी करने वाले प्रॉफेसर पर कोई कार्यवाही नहीं की। वहीं स्थापित तथ्य पर प्रश्न पूछने वाले प्रॉफेसरों से जवाब तलब किया जा रहा है। कुलपति भी छद्मबुद्धिविता का परिचय लगातार दे रहे है और परिसर का महौल खराब कर रहे हैं।

ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के बाद आदिविश्वेश्वर शब्द चर्चा में
श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन मामले में वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे का आदेश दिया। सर्वे में ज्ञानवापी मस्जिद के वजुखाने में एक शिवलिंग मिलने का दावा किया गया, जिसे प्राचीन आदिविश्वेश्वर का शिवलिंग बताया जा रहा है। इस पूरे परिसर को आदिविश्वेश्वर का मंदिर बताया जा रहा है। आम लोग के बीच भी सर्वे के बाद से आदिविश्वेश्वर शिवलिंग काफी चर्चा में हैं। बीएचयू के प्रश्नपत्र में पूछे गए सवाल के बाद एक बार फिर से आदिविश्वेश्वर शिवलिंग चर्चा में आ गया है।
रिपोर्ट – अभिषेक कुमार झा

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