EXCLUSIVE: सत्ता के बावजूद धरने-प्रदर्शनों में कांग्रेस ने बीजेपी को पीछे छोड़ा, औसतन हर सप्ताह एक प्रोटेस्ट | Rajasthan Congress is protesting every week in Rajasthan | Patrika News
इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सत्तारूढ़ कांग्रेस की ओर से औसतन हर सप्ताह एक विरोध प्रदर्शन किया गया है। विरोध-प्रदर्शन करने के मामले में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने विपक्षी दल भाजपा को ही बहुत पीछे छोड़ दिया है।
कांग्रेस नेताओं का दावा है कि जितने प्रदर्शन विपक्ष पार्टी के तौर पर बीजेपी ने नहीं किए हैं उससे 3 गुना प्रदर्शन कांग्रेस पार्टी केंद्र की नीतियों के विरोध में कर चुकी है। बड़ी बात तो यह है कि प्रदर्शनों में सत्तारूढ़ कांग्रेस के मंत्री-विधायकों के साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी कई बार सड़कों पर उतरना पड़ा है।
जून-जुलाई में ही कर डाले एक दर्जन प्रदर्शन
दिलचस्प बात तो यह है कि राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने अकेले जून-जुलाई माह में ही एक दर्जन प्रदर्शन कर कर डाले हैं, जिनमें ईडी, अग्निपथ, महंगाई, ईआरसीपी और खाद्य पदार्थों में जीएसटी के विरोध में प्रदर्शन भी शामिल हैं।
विरोध प्रदर्शनों से परहेज करती सत्तारूढ़ पार्टी
आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि सत्ता में आने के बाद सत्तारूढ़ पार्टी विरोध प्रदर्शनों से परहेज करती है, एक-दो अपवाद को छोड़कर विरोध प्रदर्शन से दूरी ही बनाई जाती है लेकिन कांग्रेस ने इस बार सत्ता में लौटने के बाद इस परिपाटी को बदला और लगातार केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया।
साल 2019 से ही शुरू हुआ प्रदर्शनों का दौर
दिसंबर 2018 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी लेकिन सत्तारूढ़ कांग्रेस का संघर्ष साल 2019 से ही शुरू हो गया था, जब लोकसभा चुनाव से पहले राफेल डील मामले को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश भर में आंदोलन किए थे, और लोकसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस ने राफेल डील के मामले को जोर-शोर से उठाया था।
साल 2021 विरोध प्रदर्शन में बीता
सत्तारूढ़ कांग्रेस लिए साल 2021 विरोध प्रदर्शनों में ही बीता। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में जनवरी 2021 से लेकर दिसंबर 2021 तक कांग्रेस ने प्रदेश स्तरीय आंदोलन किए। कृषि कानूनों के खिलाफ तो हर सप्ताह एक आंदोलन किया गया। वहीं 12 दिसंबर 2021 को जयपुर में महंगाई के खिलाफ राष्ट्रव्यापी रैली की गई, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी शामिल हुए।
इन मुद्दों के विरोध में कांग्रेस उतरी सड़कों पर
साढ़े तीन के शासन में सत्तारूढ़ कांग्रेस जिन मुद्दों को लेकर सड़कों पर उतरी उनमें राफेल डील मामला, सीएए-एनआरसी, युवा बेरोजगारी, सरकार गिराने का षड़यंत्र, कृषि कानून, महंगाई, पेट्रोल-डीजल, पेगासस जासूसी कांड, लखीमपुर कांड, अग्निपथ स्कीम, ईडी और खाद्य पदार्थों में जीएसटी का विरोध शामिल है।
सरकार के मुखिया भी नहीं रहे पीछे
सबसे बड़ी बात तो यह है कि सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के मंत्री-विधायक तो केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में सड़कों पर उतरे ही हैं खुद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी साढ़े 3 साल के शासन में करीब 9 बार सड़कों पर उतरे हैं।
चाहे फिर वो सीएए-एनआरसी का विरोध हो या फिर कृषि कानून और ईडी से जुड़ा मामला हो। ऐसा पहली बार ही हुआ था जब सियासी संकट के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने विधायकों के साथ राजभवन का घेराव करने पहुंच गए थे और राजभवन के लोन में धरना दे दिया था।
जून-जुलाई में ही कर डाले एक दर्जन विरोध-प्रदर्शन
-13 जून————- पैदल मार्च और ईडी कार्यालय के बाहर धरना
-16 जून————– ईडी के विरोध में राजभवन का घेराव
-19 जून————- अग्निपथ के विरोध में जयपुर शहर में तिरंगा यात्रा
-27 जून———— अग्निपथ के विरोध में सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में प्रदर्शन
-21, 22 जुलाई——- दो दिन 400 ब्लॉक में अग्निपथ के विरोध में धरना
-6 जुलाई————- ईआरसीपी पर प्रदेश स्तरीय सम्मेलन
-16 व 17 जुलाई —— दो दिन खाद्य पदार्थों में जीएसटी के विरोध में प्रदर्शन
-21 जुलाई———— को ईडी के विरोध में ईडी कार्यालय पर धरना
-25 जुलाई————- ईडी के विरोध में शहीद स्मारक पर सत्याग्रह
-26 जुलाई————- – सभी जिलों में ईडी के खिलाफ प्रदर्शन
9 बार मुख्यमंत्री गहलोत उतरे सड़कों पर
-19 दिसंबर 2019——– सीए-एनआरसी के विरोध में अल्बर्ट हॉल से गांधी सर्किल तक पैदल मार्च
– 14 फरवरी 2020——– शहीद स्मारक पर सीएए-एनआरसी के विरोध में महिलाओं के धरने में पहुंचे
– 24 जुलाई 2020———- सियासी संकट के दौरान विधायकों के साथ राजभवन का घेराव
– 3 जनवरी 2021- ——–कृषि कानूनों के विरोध में शहीद स्मारक पर हुए धरने में शामिल
– 5 अक्टूबर 2021——– लखीमपुर खीरी कांड के विरोध में पीसीसी के बाहर धरने में शामिल
-12 दिसंबर 2021——– विद्याधर नगर स्टेडियम की राष्ट्रव्यापी महंगाई रैली में शामिल
– 21 जुलाई 2022———- सोनिया गांधी से ईडी के विरोध में हुए प्रदर्शन में शामिल हुए
-.19 जून 2022———— अग्निपथ के विरोध में जयपुर की तिरंगा यात्रा में शामिल हुए
-13 जून 2022———— राहुल गांधी पर ईडी की कार्रवाई के विरोध में दिल्ली में हिरासत में लिए गए
इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सत्तारूढ़ कांग्रेस की ओर से औसतन हर सप्ताह एक विरोध प्रदर्शन किया गया है। विरोध-प्रदर्शन करने के मामले में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने विपक्षी दल भाजपा को ही बहुत पीछे छोड़ दिया है।
कांग्रेस नेताओं का दावा है कि जितने प्रदर्शन विपक्ष पार्टी के तौर पर बीजेपी ने नहीं किए हैं उससे 3 गुना प्रदर्शन कांग्रेस पार्टी केंद्र की नीतियों के विरोध में कर चुकी है। बड़ी बात तो यह है कि प्रदर्शनों में सत्तारूढ़ कांग्रेस के मंत्री-विधायकों के साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी कई बार सड़कों पर उतरना पड़ा है।
जून-जुलाई में ही कर डाले एक दर्जन प्रदर्शन
दिलचस्प बात तो यह है कि राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने अकेले जून-जुलाई माह में ही एक दर्जन प्रदर्शन कर कर डाले हैं, जिनमें ईडी, अग्निपथ, महंगाई, ईआरसीपी और खाद्य पदार्थों में जीएसटी के विरोध में प्रदर्शन भी शामिल हैं।
विरोध प्रदर्शनों से परहेज करती सत्तारूढ़ पार्टी
आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि सत्ता में आने के बाद सत्तारूढ़ पार्टी विरोध प्रदर्शनों से परहेज करती है, एक-दो अपवाद को छोड़कर विरोध प्रदर्शन से दूरी ही बनाई जाती है लेकिन कांग्रेस ने इस बार सत्ता में लौटने के बाद इस परिपाटी को बदला और लगातार केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया।
साल 2019 से ही शुरू हुआ प्रदर्शनों का दौर
दिसंबर 2018 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी लेकिन सत्तारूढ़ कांग्रेस का संघर्ष साल 2019 से ही शुरू हो गया था, जब लोकसभा चुनाव से पहले राफेल डील मामले को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश भर में आंदोलन किए थे, और लोकसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस ने राफेल डील के मामले को जोर-शोर से उठाया था।
साल 2021 विरोध प्रदर्शन में बीता
सत्तारूढ़ कांग्रेस लिए साल 2021 विरोध प्रदर्शनों में ही बीता। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में जनवरी 2021 से लेकर दिसंबर 2021 तक कांग्रेस ने प्रदेश स्तरीय आंदोलन किए। कृषि कानूनों के खिलाफ तो हर सप्ताह एक आंदोलन किया गया। वहीं 12 दिसंबर 2021 को जयपुर में महंगाई के खिलाफ राष्ट्रव्यापी रैली की गई, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी शामिल हुए।
इन मुद्दों के विरोध में कांग्रेस उतरी सड़कों पर
साढ़े तीन के शासन में सत्तारूढ़ कांग्रेस जिन मुद्दों को लेकर सड़कों पर उतरी उनमें राफेल डील मामला, सीएए-एनआरसी, युवा बेरोजगारी, सरकार गिराने का षड़यंत्र, कृषि कानून, महंगाई, पेट्रोल-डीजल, पेगासस जासूसी कांड, लखीमपुर कांड, अग्निपथ स्कीम, ईडी और खाद्य पदार्थों में जीएसटी का विरोध शामिल है।
सरकार के मुखिया भी नहीं रहे पीछे
सबसे बड़ी बात तो यह है कि सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के मंत्री-विधायक तो केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में सड़कों पर उतरे ही हैं खुद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी साढ़े 3 साल के शासन में करीब 9 बार सड़कों पर उतरे हैं।
चाहे फिर वो सीएए-एनआरसी का विरोध हो या फिर कृषि कानून और ईडी से जुड़ा मामला हो। ऐसा पहली बार ही हुआ था जब सियासी संकट के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने विधायकों के साथ राजभवन का घेराव करने पहुंच गए थे और राजभवन के लोन में धरना दे दिया था।
जून-जुलाई में ही कर डाले एक दर्जन विरोध-प्रदर्शन
-13 जून————- पैदल मार्च और ईडी कार्यालय के बाहर धरना
-16 जून————– ईडी के विरोध में राजभवन का घेराव
-19 जून————- अग्निपथ के विरोध में जयपुर शहर में तिरंगा यात्रा
-27 जून———— अग्निपथ के विरोध में सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में प्रदर्शन
-21, 22 जुलाई——- दो दिन 400 ब्लॉक में अग्निपथ के विरोध में धरना
-6 जुलाई————- ईआरसीपी पर प्रदेश स्तरीय सम्मेलन
-16 व 17 जुलाई —— दो दिन खाद्य पदार्थों में जीएसटी के विरोध में प्रदर्शन
-21 जुलाई———— को ईडी के विरोध में ईडी कार्यालय पर धरना
-25 जुलाई————- ईडी के विरोध में शहीद स्मारक पर सत्याग्रह
-26 जुलाई————- – सभी जिलों में ईडी के खिलाफ प्रदर्शन
9 बार मुख्यमंत्री गहलोत उतरे सड़कों पर
-19 दिसंबर 2019——– सीए-एनआरसी के विरोध में अल्बर्ट हॉल से गांधी सर्किल तक पैदल मार्च
– 14 फरवरी 2020——– शहीद स्मारक पर सीएए-एनआरसी के विरोध में महिलाओं के धरने में पहुंचे
– 24 जुलाई 2020———- सियासी संकट के दौरान विधायकों के साथ राजभवन का घेराव
– 3 जनवरी 2021- ——–कृषि कानूनों के विरोध में शहीद स्मारक पर हुए धरने में शामिल
– 5 अक्टूबर 2021——– लखीमपुर खीरी कांड के विरोध में पीसीसी के बाहर धरने में शामिल
-12 दिसंबर 2021——– विद्याधर नगर स्टेडियम की राष्ट्रव्यापी महंगाई रैली में शामिल
– 21 जुलाई 2022———- सोनिया गांधी से ईडी के विरोध में हुए प्रदर्शन में शामिल हुए
-.19 जून 2022———— अग्निपथ के विरोध में जयपुर की तिरंगा यात्रा में शामिल हुए
-13 जून 2022———— राहुल गांधी पर ईडी की कार्रवाई के विरोध में दिल्ली में हिरासत में लिए गए