Exclusive: बिहार के किशनगंज में 19 नहीं, 37 सरकारी स्‍कूल जुमे को किए जाते हैं बंद, प्रखंडवार देखिए पूरी लिस्‍ट

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Exclusive: बिहार के किशनगंज में 19 नहीं, 37 सरकारी स्‍कूल जुमे को किए जाते हैं बंद, प्रखंडवार देखिए पूरी लिस्‍ट

Exclusive: बिहार के किशनगंज में 19 नहीं, 37 सरकारी स्‍कूल जुमे को किए जाते हैं बंद, प्रखंडवार देखिए पूरी लिस्‍ट

पटना/किशनगंज : अब तक आपको 19 स्‍कूलों की संख्‍या बताई गई थी, जिन्‍हें शुक्रवार यानी जुमे को बंद किया जाता है। मगर NBT आपको 19 नहीं 37 स्‍कूलों की जानकारी दे रहा है, वो भी प्रखंडवार। इन स्‍कूलों को जुमे के दिन बंद रखा जाता है। दरअसल, बिहार के किशनगंज जिले में आबादी नियमों पर भारी पड़ रही है। इन दिनों किशनगंज सुर्खियों में है। वो इसलिए क्योंकि यहां 80 फीसद मुस्लिम आबादी है और आबादी नियमों को प्रभावित कर रही है। इसका जीता जागता सबूत ये सरकारी दस्तावेज है, जिसमें साफ तौर पर लिखा है कि 37 स्‍कूलों को रविवार की जगह शुक्रवार को बंद किया जाता है। ये अपने आप में चौंकाने वाला दस्तावेज है कि पूरे किशनगंज जिले में जुमे के दिन स्‍कूलों को बंद कर रविवार को खोला जाता है।


सिर्फ किशनगंज ही नहीं अन्‍य जिलों में भी होती है शुक्रवार की बंदी : शिक्षा पदाधिकारी
रविवार की जगह शुक्रवार को स्‍कूल बंद करने का आदेश कहांं से आया? ये परंपरा कब से शुरू हुई? इसकी कोई जानकारी किशनगंज के जिला शिक्षा पदाधिकारी के पास नहीं है। उन्होंने NBT से सिर्फ इतना कहा कि उनके यहां पदस्थापित होने के पहले से ये परंपरा चल रही है। NBT ने इस खबर की तह तक जाने की कोशिश की और आंकड़ों की तलाश शुरू की तो जानकारी चौंकाने वाली सामने आए। आंकड़ों की मानें तो जिले में 19 नहीं 37 सरकारी स्कूलों को रविवार की जगह शुक्रवार को बंद किया जाता है। लेकिन स्‍कूलों को बंद करने का कोई सरकारी आदेश, अधिसूचना या दस्तावेज किसी के पास मौजूद नहीं है।

ये मदरसे और मुस्लिम स्‍कूल नहीं सामान्‍य स्‍कूल हैं जनाब
जब NBT.कॉम ने इन खबरों की और पड़ताल की तो यह जानकारी हासिल हुई कि जुमे के दिन नमाज पढ़ने के लिए बंद होने वाले स्‍कूल कोई मदरसे या मौलवियों के नहीं हैं। ये स्‍कूल सरकारी हैं और सरकार के पैसों से चलते हैं। आंकड़ों में चौकाने वाला एक और तथ्‍य निकल कर सामने आया है। NBT ने जब किशनगंज के जिला शिक्षा पदाधिकारी से बात की तो उन्होंने ये बात भी उजागर की कि शुक्रवार को बंद किए जाने वाले स्‍कूल मदरसे या मुस्लिम स्‍कूल नहीं हैं।‍ ये सामान्‍य सरकारी स्‍कूल हैं। इन स्कूलों में उर्दू की भी पढ़ाई होती है। जिनमें पढ़ने वाले बच्चे केवल मुस्लिम समुदाय के नहीं। इन स्कूलों में दूसरे धर्म के बच्‍चे भी पढ़ते हैं।

99 फीसद स्‍कूलों को शुक्रवार को किया जाता है बंद
जिस तरह से आबादी के हिसाब से शिक्षण संस्‍थानों के नियम और कानून बदले जा रहे हैं, व्यवस्थाओं को बदला जा रहा है, वो दिन दूर नहीं जब संविधान में भी बदलाव देखने को मिल सकता है। ये कहना उस पीड़ि‍त का है, जिसने इस किशनगंज में उन धार्मिक मान्‍यता के न होने का दंश झेला है। दरअसल, किशनगंज के एक उर्दू विद्यालय, जिसमें उर्दू केवल विषय के रूप पढ़ाई जाती है। इसे मुस्लिम स्कूल घोषि‍त कर दिया गया है। इस विद्यालय में एक प्रिंसिपल की पोस्टिंग के बाद उनकी ज्‍वाइनिंग पर जमकर हंगामा मचा था। स्कूल में बतौर प्रिंसिपल ज्‍वाइनिंग के विरोध में यहां के स्‍थानीय लोग, स्थानीय विधायक और मेयर सहित तमाम नेता उतर आए थे। उनका कहना था कि उर्दू स्‍कूल में हिंदू प्रिंसिपल की बहाली नहीं होनी चाहिए। मगर यह स्‍कूल सरकारी विद्यालय था।

परंपराओं के आधार पर कैसे बंद कर दिए जा रहे स्‍कूल?
NBT ने स्कूलों को रविवार की जगह शुक्रवार को बंद किए जाने की घटना तमाम अधिकारियों से बात करने की कोशिश की। जिसमें सभी जिलाधिकारी से लेकर, जिला शिक्षा पदाधिकारी और डीपीओ तक ने किशनगंज में स्‍कूलों को शुक्रवार को बंद करने की परंपरा बताई। बड़ा सवाल ये उठता है कि बिना सरकारी आदेश के ये परंपरा कब से शुरू हो गई? इसका भी कोई सरकारी दस्‍तावेज प्रशासनिक अधिकारियों के पास मौजूद नहीं है।

स्‍कूलों को जुमे के दिन बंद करने का आदेश कहां?
जिला शिक्षा पदाधिकारी का कहना है कि यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। जिसे अब तक बदला नहीं गया। उन्‍होंने NBT से बातचीत में कहा कि वो इन दस्तावेजों को तलाश रहे हैं। उन्‍होंने NBT को बताया कि अब जब यह मामला सामने आया है तो इस बात की जानकारी ली जाएगी कि स्‍कूलों को बंद करने का आदेश पहले कब दिया गया। लेकिन उन्‍होंने ये बात जरूर कही ये स्‍कूलों को शुक्रवार को बंद करने का कोई अधिकारिक दस्तावेज उनके पास नहीं है।
किशनगंजशुक्रवार को बंद रहने वाले स्‍कूल

  1. मध्य विद्यालय लाईन उर्दू
  2. उ०म०वि० लाईन करबला
  3. उ०म०वि० महेशबधना
  4. उ०म०वि० हालामाला
  5. उ०म०वि० मोतीहारा पश्चिम
  6. प्रा०वि० अंधाकोल आदिवासी टोला

पोठिया मेंशुक्रवार को बंद रहने वाले स्‍कूल

  1. म0वि0 सोहागीडांगी
  2. म०वि० छत्तरगाछ
  3. उ०म०वि० बोचनई
  4. आजाद नगर गोआबाड़ी प्रा०वि०
  5. प्रा०वि० महाटगछ
  6. उ०म०वि० कालासिंघिया
  7. उ०म०वि० बेलपोखर
  8. उ०म०वि० देहलबाड़ी
  9. उ०म०वि० मिलिकवस्ती
  10. उ०म०वि० बगलबाड़ी-1
  11. 17 उ०म०वि० बगलबाड़ी-2
  12. उ०म०वि० विशानी
  13. उ०म०वि० फूलहारा बक्सा
  14. उ०म०वि० रमनियापोखर
  15. उ०म०वि० चनामना

बहादुरगंज प्रखंड में

  1. प्रा०वि० डोहर मलानी
  2. उ०म०वि० टंगटंगी

ठाकुरगंज प्रखंड में

  1. उ०म०वि० गुलशनभीठा
  2. उ०म०वि० पटेश्वरी

कोचाधामन प्रखंड

  1. उ०म०वि० टेना
  2. प्रा०वि० शाहनगरा
  3. उ०म०वि० चूनामारी
  4. उ०म०वि० हसनडुमरिया उ०म०वि० डेगा
  5. उ०म०वि० हाटगाछी महुआ प्रा०वि० नककली हाट
  6. प्रा०वि० बूटीमारी
  7. नया प्रा०वि० मंसूरा
  8. प्रा०वि० रसूलगंज
  9. उ०म०वि० नेहालभाग सोन्था

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