Exclusive: देश के हवाई अड्डों को खतरे में डालकर जेट की डील क्यों? खुलासा पार्ट-1

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Exclusive: देश के हवाई अड्डों को खतरे में डालकर जेट की डील क्यों? खुलासा पार्ट-1
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(अमित प्रकाश/ब्रजेश कुमार)
नई दिल्ली: घाटे के चलते बंद हो चुकी जेट एयरवेज (Jet Airways) को टेकओवर करने की कोशिशें तेज हो गई हैं. बोली जीतने वाला जालान कैलरॉक कंसोर्टियम है, जिसके मालिक दुबई में रहने वाले भारतीय मूल के कारोबारी मुरारी लाल जालान (Murari Lal Jalan) हैं. जालान ग्रुप का मुख्य काम बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन का है. जालान कैलरॉक कंसोर्टियम ने जेट एयरवेज को टेकओवर करने के लिए एक रेजोल्यूशन प्लान तैयार किया और अक्टूबर 2020 में जेट एयरवेज के CoC यानी Committee of Creditors (लेनदारों) को सौंपा. CoC ने कंपनी के इस प्लान को मंजूरी भी दे दी. 

जेट एयरवेज खरीदने वाले जालान के पीछे कौन ?

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Zee News को जानकारी मिली है कि कंपनी की तरफ से सौंपे गए रेजोल्यूशन प्लान में जेट एयरवेज (Jet Airways) के CoC को आधी-अधूरी जानकारी दी गई है. ये भी बात सामने आ रही है कि जालान कैलरॉक कंसोर्टियम के पीछे असली चेहरा विवादित और चर्चित कारोबारी गुप्ता बदर्स हैं. मुरारी लाल जालान का पारिवारिक और कारोबारी रिश्ता साउथ अफ्रीका के अजय, अतुल और राजेश गुप्ता भाइयों से है. दरअसल, मुरारी लाल जालान की भतीजी शिवांगी जालान की शादी अतुल गुप्ता के बेटे शशांक सिंघल से 2019 में हुई. शिवांगी जालान के पिता विशाल जालान, मुरारी लाल जालान (Murari Lal Jalan) के भाई हैं. गुप्ता भाइयों पर साउथ अफ्रीका में भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगे हुए हैं. यहां तक कि अमेरिका में इस बात की पाबंदी है कि वहां का कोई नागरिक या कोई कंपनी गुप्ता बंधुओं के साथ किसी तरह की बिजनेस डील या समझौता नहीं कर सकती.

साल 2018 में जालान परिवार और गुप्ता परिवार के बीच एक कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने और बेचने का करार हुआ था. यही नहीं गुप्ता भाइयों के रिश्तेदार आकाश गर्ग के साथ मुरारी लाल जालान (Murari Lal Jalan) ग्रुप की एक दूसरी कंपनी के बीच लोन के लेनदेन के दो एग्रीमेंट भी हुए थे.  Zee News के पास मौजूद दस्तावेज इस बात की पुष्टि करते हैं.

गुप्ता भाइयों के करप्शन के सबूत…

गुप्ता बंधुओं पर साउथ अफ्रीका में मनमाने तरीके से सरकारी ठेके लेने, रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लग चुके हैं. तो सवाल है कि इतने गंभीर आरोप झेल रहे गुप्ता बंधुओं का नाम जालान कैलरॉक कंसोर्टियम के मुरारी लाल जालान से जुड़ने के बाद, क्या कोई बैंक या एयरक्राफ्ट लीजिंग कंपनी उसके साथ काम करेगी?

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1 हजार करोड़ की कंपनी, 17 हजार करोड़ की डील?

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सवाल इस पर भी है कि क्या मुरारी लाल जालान (Murari Lal Jalan) की आर्थिक स्थिति एक एयरलाइन चलाने लायक है? क्योंकि जानकारी के मुताबिक मुराली लाल जालान की कुल संपत्ति करीब 1000 करोड़ रुपये की है. जब जेट एयरवेज (Jet Airways) बंद हुई थी, उस वक्त एयरलाइन चलाने का खर्च इतना ज्यादा था कि कंपनी पर करीब 17,000 करोड़ रुपये का बकाया हो गया था. सवाल ये भी है कि एविएशन कारोबार में कोई तजुर्बा न रखने वाला जालान ग्रुप जेट एयरवेज को कैसे चलाएगा? एविएशन कारोबार की दिग्गज कंपनियों के लिए भी कारोबार चलाने में कई चुनौतियां हैं. ऐसे में शुरू से पेपर इंडस्ट्री और कंस्ट्रक्शन बिजनेस से जुड़ा रहने वाला जालान ग्रुप, एविएशन सेक्टर में बिना किसी अनुभव के इस कारोबार को अगर चलाएगा भी तो कैसे? वो भी तब, जब कोविड संकट के कारण दुनिया भर की एयरलाइंस कंपनियां बेहद बुरे दौर से गुजर रही हैं.

Jet Airways Deal

क्या मंत्रालय सिक्योरिटी क्लीयरेंस देगा?

जेट एयरवेज (Jet Airways) को टेकओवर करने के लिए जालान कैलरॉक कंसोर्टियम की तरफ से दिया गया रेजोल्यूशन प्लान अभी National Company Law Tribunal के पास है. Tribunal की मंजूरी के बाद ही जेट एयरवेज जालान कंसोर्टियम को सौंपा जाएगा, लेकिन सवाल ये भी है कि क्या NCLT से मंजूरी ही जेट एयरवेज को चलाने के लिए काफी होगी. या फिर नए मैनेजमेंट में शामिल लोगों का बैकग्राउंड भी चेक करवाया जाएगा? अगर भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के आरोपी पर्दे के पीछे रहकर जेट एयरवेज को खरीदने की कोशिश कर रहे हैं तो क्या ऐसा होने दिया जाएगा? सरकारी नियमों के मुताबिक जेट एयरवेज के नए मैनेजमेंट में अहम पदों पर आने वाले लोगों की सिक्योरिटी क्लीयरेंस जरूरी होगी, जिसका अप्रूवल नागरिक उड्डयन मंत्रालय और गृह मंत्रालय देगा. इसके बाद ही नई कंपनी को सरकार से एयरलाइन ऑपरेटर परमिट और दूसरी मंजूरी मिल पाएंगी. तो सवाल है कि इस सच्चाई के सामने आने के बाद क्या मंत्रालय सिक्योरिटी क्लीयरेंस देगा?

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Jet Airways Deal

मुरारी लाल जालान का पक्ष

इस मामले पर हमने मुरारी लाल जालान (Murari Lal Jalan) का पक्ष भी जानना चाहा. हमने ये पूछा कि क्या जालान कैलरॉक कंसोर्टियम के पीछे गुप्ता परिवार है. हमने ये भी पूछा कि जालान और गुप्ता परिवार के बीच रिश्ता क्या है? हमें जवाब में बताया गया कि ‘साउथ अफ्रीका के गुप्ता भाइयों के साथ जालान परिवार का कोई कारोबारी रिश्ता नहीं है. ऐसे में जालान और उनके कारोबार को गुप्ता परिवार से जोड़ना गलत है.’ जवाब में ये भी कहा गया कि ‘ये कहना गलत होगा कि मुराली लाल जालान किसी और के मुखौटे के तौर पर काम करेंगे, इसलिए ऐसे शब्दों का उपयोग न किया जाए.’

Zee Media को भेजे गए जवाब में ये भी बताया गया कि ‘मुरारी लाल जालान के भाई का गुप्ता परिवार के साथ रिश्ता है न कि मुरारी लाल जालान का. उनके निजी रिश्ते का कारोबारी गतिविधियों से कोई संबंध नहीं है. मुरारी लाल जालान को इसकी कोई जानकारी नहीं है कि गुप्ता भाइयों का भारत में या दूसरी जगह क्या कारोबार है. ऐसे में जालान को गुप्ता बंधुओं से जोड़ना गलत होगा. हम ये बात जोर देकर कहना चाहते हैं कि गुप्ता भाइयों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से जेट एयरवेज को खरीदने से कोई लेना देना नहीं है.’

हालांकि Zee Media के पास मौजूद दस्तावेज ये साबित करते हैं कि जेट एयरवेज (Jet Airways) की इस डील में गड़बड़ियां हैं, उस आधार पर हमारी पड़ताल आगे भी जारी रहेगी.





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