ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं करने पर खफा हुए CM Gehlot, कहा- सौतले व्यवहार का जवाब देगी जनता

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ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं करने पर खफा हुए CM Gehlot, कहा- सौतले व्यवहार का जवाब देगी जनता

ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं करने पर खफा हुए CM Gehlot, कहा- सौतले व्यवहार का जवाब देगी जनता


Union Budget reaction by CM Ashok Gehlot : केंद्रीय बजट को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जुमले वाला बजट बताया है। साथ ही उन्होंने ईस्टर्न कैनाल परियोजना यानी ERCP के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरा है। सीएम गहलोत ने राजस्थान पर सौतला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश की जनता इन्हें समय आने पर जवाब देगी।

 

जयपुर: केंद्र सरकार की ओर से बुधवार को यूनियन बजट की घोषणा की गई। इस लेकर सीएम अशोक गहलोत ने भी अपनी प्रतिक्रिया दे दी है। गहलोत ने केंद्र से बजट को जुमलों का बजट बताया है। उन्होंने कहा कि बजट में केवल मीडिया में हेडलाइन बनाने वाले जुमलों का प्रयोग किया गया है। इसके साथ ही मनरेगा योजना के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा है। सीएम ने कहा है कि गरीब लोगों के लिए कोरोना काल में संजीवनी साबित हुई महात्मा गांधी नरेगा योजना में केन्द्र सरकार की ओर से वर्ष 2023-24 का बजट प्रावधान 33 प्रतिशत (लगभग राशि रुपये 30,000 करोड) कम करना साबित करता है कि यह बजट गरीब, भूमिहीन किसान और आमजन विरोधी है।

ईआरसीपी के मुद्दे पर सरकार को घेरा

सीएम गहलोत ने राजस्थान के लिहाज से भी इस बजट को निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान राज्य के विकास से संबंधित महत्वपूर्ण परियोजना ERCP को राष्ट्रीय दर्जा देने की हमारी वाजिब मांग को केन्द्र सरकार की ओर से स्वीकार नहीं किया। इससे प्रदेशवासियों को घोर निराशा हुई है। जबकि चुनावों को ध्यान में रखते हुए कर्नाटक राज्य को उपरी भद्रा परियोजना के लिए अतिरिक्त सहायता के रूप में राशि रुपये 5,300 करोड़ उपलब्ध कराया जाना केन्द्र का राजस्थान के प्रति मोदी सरकार के सौतेले व्यवहार को दिखाता है। राजस्थान की जनता इस सौतेले व्यवहार का समय आने पर माकूल जवाब देगी।

किसानों के मुद्दे पर भी बोले गहलोत

सीएम गहलोत ने कहा कि इस बजट में कृषि और कृषक कल्याण से संबंधित बहुत सारी थोथी घोषणाएं की गई है। लेकिन कृषि और कृषक कल्याण मंत्रालय के बजट में पिछले वर्ष से लगभग 6 प्रतिशत (लगभग राशि रुपये 7,500 करोड़) कम राशि का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार यूरिया सब्सिडी मद में गत वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत (लगभग राशि रुपये 23,000 करोड़) की उल्लेखनीय कमी कर दी है।

मंहगाई दूर करने के लेकर कोई पॉलिसी नहीं

केन्द्र सरकार की ओर से शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय, महिला और बाल विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की उपेक्षा की गई है। उन्होंने कहा कि इन सभी सेक्टर्स में गत वर्षों की तुलना में इस बजट में नगण्य वृद्धि की गई है। पूरा देश विगत वर्षों से मंहगाई से त्रस्त है, आम आदमी के प्रतिदिन काम में आने वाले आटा, दालों, तेल, साबुन आदि की कीमतों में काफी वृद्धि हुई। इससे आम आदमी का जीवनयापन दूभर हुआ। मंहगाई को कम करने के संबंध में कोई पॉलिसी स्टेटमेंट नहीं आने से आम आदमी का जीवन और भी मुश्किल होगा।

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