Elon Musk: चीन में छूटने लगे हैं एलन मस्क की Tesla के पसीने, अब हो रहा होगा भारत नहीं आने का मलाल

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Elon Musk: चीन में छूटने लगे हैं एलन मस्क की Tesla के पसीने, अब हो रहा होगा भारत नहीं आने का मलाल

Elon Musk: चीन में छूटने लगे हैं एलन मस्क की Tesla के पसीने, अब हो रहा होगा भारत नहीं आने का मलाल


नई दिल्ली: दुनिया की सबसे वैल्यूएबल ऑटो कंपनी टेस्ला (Tesla) ने चीन में बड़ा निवेश किया है। एलन मस्क (Elon Musk) की इस कंपनी का चीन में सबसे बड़ा प्लांट है और चीन उसके लिए दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। लेकिन मस्क को लगता है कि दुनिया में टेस्ला को अगर कहीं सबसे तगड़ी चुनौती मिल रही है तो वह चीन है। टेस्ला को चीन में घरेलू कंपनियों से तगड़ी चुनौती मिल रही है। इनमें Xpeng, Nio और BYD Co Ltd. शामिल है। बुधवारको फाइनेंशियल रिजल्ट जारी करते हुए टेस्ला ने कहा कि घरेलू कंपनियां इलेक्ट्रिक कारों पर भारी छूट दे रही हैं। इस कारण टेस्ला को भी अपनी कॉस्ट में कमी करनी पड़ रही है।

मस्क ने कहा कि वह चीन की कार कंपनियों का सम्मान करते हैं लेकिन चीन का बाजार दुनिया में सबसे कंप्टीटिव है। हालांकि मस्क ने चीन की किसी कंपनी का नाम नहीं बताया। उन्होंने कहा, ‘चीन की कंपनियां कड़ी मेहनत करती हैं और स्मार्ट तरीके से काम करती हैं। आने वाले दिनों में चीन की कोई कंपनी इलेक्ट्रिक कार मार्केट में टेस्ला को कड़ी चुनौती दे सकती है।’ उन्होंने कहा कि चीन में अभी टेस्ला नंबर वन है और वहां का बेस्ट टैलेंट टेस्ला के साथ जुड़ रहा है। टेस्ला ने हाल में चीन में अपने चीफ टॉम झू को प्रमोट करके अमेरिकी फैक्ट्रियों का हेड बनाया है। साथ ही नॉर्थ अमेरिका और यूरोप में सेल्स की कमान भी सौंपी है।

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भारत नहीं आने का मलाल

घटती मांग को देखते हुए टेस्ला ने हाल में अपनी गाड़ियों की कीमत में कमी की है। टेस्ला ने पहले अमेरिका और दूसरे बाजारों में ग्राहकों को छूट दी थी और फिर चीन में भी ऐसा किया था। मस्क पहले भी कई बार चीन के वर्कर्स और वहां की कंपनियों की तारीफ कर चुके हैं। साल 2021 में उन्होंने चीन की ऑटो कंपनियों को दुनिया में सबसे कंप्टीटिव बताया था। साथ ही उन्होंने कहा कि चीन के वर्कर्स कोरोना लॉकडाउन के दौरान टेस्ला की फैक्ट्री में दिनरात काम कर रहे थे। पिछले साल टेस्ला ने रेकॉर्ड गाड़ियां बेची थीं लेकिन यह संख्या अनुमान से कम थी।

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मस्क ने सबसे पहले साल 2016 में ही ‘Model 3’ को भारत में लॉन्च करने की घोषणा की थी। यह एक सिडैन कार थी जिसकी भारत में कीमत 70 से 90 लाख रुपये रहने की उम्मीद की जा रही थी। उसी साल कुछ समय के लिए इसकी प्री-बुकिंग्स भी हुई थी। लेकिन कंपनी ने आखिरी वक्त पर अपने प्लान को ड्रॉप कर दिया था। कंपनी को भारत की आयात नीति से समस्या थी। मस्क सरकार से इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती की मांग कर रहे थे। लेकिन सरकार चाहती थी कि टेस्ला भारत में ही कार बनाए। आखिरकार मस्क ने भारत में एंट्री नहीं करने का फैसला किया। भारत में इलेक्ट्रिक कारों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। इसलिए आज मस्क को अपने फैसले पर अफसोस हो रहा होगा।

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