हमीरपुर में खेड़ाशिलाजीत सबस्टेशन में मशीनों के फूंकने से 27 गांवों में बिजली सप्लाई ठप

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हमीरपुर में खेड़ाशिलाजीत सबस्टेशन में मशीनों के फूंकने के कारण करीब 27 गांवों में बिजली का संकट बना हुआ है. जब इस मामले की शिकायत ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से की उन्होंने इस मामले को सुलझाने का कार्य जल्द से जल्द शुरू करवा दिया. हमे मिली जानकारी के अनुसार  इस सबस्टेशन को संविदा कर्मी ओमप्रकाश की निगरानी में रखा गया था.

बता दें कि इस पॉवर स्टेशन का निर्माण साल 1975 में राजस्व मंत्री स्वामी प्रसाद के प्रयास से स्थापित किया था. बहरहाल, 43 साल पुराने इस स्टेशन की हालत काफी खराब है. जिसके कारण कई गांवों में बिजली की समस्या देखने को मिल रही है. हालांकि नए भवन के निर्माण का कार्य छह माह पहले से शुरू हो चुका है, जो अभी तक आधा-अधूरा  ही  पड़ा हुआ है.

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बता दें कि इस सोमवार मशीनों के फुकने के बाद से ही प्रशासन ने इस कार्य के लिए कुछ संविदा कर्मियों जैसे जुगलकिशोर, गंगा, रसीद वेग, राजेंदर कुमार, रविंदर कुमार, देव सिंह, पप्पू, और ओमप्रकाश को इन मशीनों को ठीक करने का ज़िम्मा सौंपा है. इस दौरान संविदा कर्मियों ने यह भी बताया कि मशीन के अंदर धगवां  फीडर सीटी जल चुकी है, और वायरिंग भी पूरी तरह से खराब हो गई है. जिसके कारण मशीनों को ठीक करने में समय लगा रहा है. बहरहाल हमनें इसकी खबर अधिकारियों को दें दी है. और हम जल्द से जल्द कोशिश करेंगें की सबस्टेशन में फुंकी हुई मशीनों को ठीक कर सकें ताकि इस समस्या से परेशान ग्रामीण को राहत मिले.

वहीं आये दिन मशीनों के खराब होने की वजह से ग्रामीणों को इस असुविधा का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. संविदा कर्मियों ने यह भी कहा है कि इस असुविधा के कारण 27 गांव इससे प्रभावित हुए है. एसडीओ सत्यप्रकाश मिश्रा ने बोला कि सबस्टेशन में काम सुचारू रूप से चल रहा है, दो दिन के उपरांत सभी फीडरों में बिजली चालू करा दी जाएगी. वही टूटे हुए खंभों को खड़ा करने में कर्मचारी लगे हुए है.

हर बार क्यों ग्रामीणों को ही करना पड़ता है सभी समस्यों का सामना

ऐसा क्यों हमेशा होता है कि शहरी लोगों से ज्यादा ग्रामीण लोगों को हर समस्यों से जूझना पड़ता है इसकी मुख्य वजह है उस प्रदेश की प्रशासन व्यवस्था क्योंकि वह प्रशासन व्यवस्था क्षेत्र की सामाजिक स्थितियों पर अपना ध्यान केन्द्रित  भी नहीं करती है जिसके कारण ग्रामीणों को इन समस्यायों को झेलना पड़ता है  और दूसरी वजह प्रशासन द्वारा की गई लापरवाही है.