Eknath Shinde: विधायकों में नाराजगी नहीं, कई दल समर्थन देने को तैयार, शिंदे गुट के दीपक केसरकर का उद्धव ठाकरे पर हमला

142
Eknath Shinde: विधायकों में नाराजगी नहीं, कई दल समर्थन देने को तैयार,  शिंदे गुट के दीपक केसरकर का उद्धव ठाकरे पर हमला

Eknath Shinde: विधायकों में नाराजगी नहीं, कई दल समर्थन देने को तैयार, शिंदे गुट के दीपक केसरकर का उद्धव ठाकरे पर हमला

मुंबई: पहले एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के साथ बगावत की और फिर बीजेपी से हाथ मिलाकर महाराष्ट्र में नई सरकार की स्थापना की। शिंदे सरकार के बीते मंत्रिमंडल विस्तार के बाद से ही लगातार सियासी गलियारों में यह चर्चा आम है कि एकनाथ शिंदे गुट के कई विधायक मंत्री पद न मिलने की वजह से नाराज बताए जा रहे हैं। इसको लेकर अक्सर नाराजगी की खबरें भी सामने आती रहती हैं। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट के प्रवक्ता और स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर (Deepak Kesarkar) ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमारा कोई भी विधायक नाराज नहीं है। बीजेपी (BJP) और बालासाहेब की शिवसेना के बीच संवाद की भी कोई कमी नहीं हैं। इसलिए नाराजगी का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। दीपक केसरकर ने कहा कि हमारी सरकार के पास जल्द फैसला लेने की क्षमता है। जो भी नेता या विधायक हमारे साथ जुड़ना चाहते हैं उनकी पृष्ठभूमि देखकर ही उन्हें अपने साथ आने का मौका दिया जाएगा। महाराष्ट्र (Maharashtra) के कई राजनीतिक दल हमें अपना समर्थन देने को तैयार हैं। दीपक केसरकर ने कहा कि हमारा भविष्य उज्जवल है।

दीपक केसरकर ने कहा कि जिन लोगों के हाथ से सत्ता जा चुकी है। वह अब यह कहने में व्यस्त हैं कि शिंदे गुट में विधायकों के बीच नाराजगी है। आखिर कब तक सुनेंगे हम अपना काम कर रहे हैं और करते रहेंगे। हमारे ऊपर आरोप लगाने वाले लोगों ने जनता के हित में कितने फैसले लिए हैं, पहले वह यह बताएं। काम करने वाले लोगों पर हमेशा टिप्पणी की जाती है।

CM का नया प्लान
एकनाथ शिंदे सरकार को अस्तित्व में आए हुए 4 महीने पूरे होने वाले हैं। बावजूद इसके अभी तक सरकार का दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हो पाया है। सरकार में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को मिलाकर कुल 20 मंत्रियों का मंत्रिमंडल है। जिसमें से 9 मंत्री शिंदे एकनाथ शिंदे गुट की तरफ से हैं तो 9 मंत्री सहयोगी भारतीय जनता पार्टी की तरफ से हैं। सूत्रों की मानें तो फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है। ऐसे हालात में नाराज विधायकों को मनाने के लिए महाराष्ट्र की शिंदे- फडणवीस सरकार ने एक प्लान तैयार किया है। इस प्लान के मुताबिक कई नाराज विधायकों को महाराष्ट्र सरकार के अंतर्गत आनेवाले महामंडल(निगम) की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। इस तरह से विधायकों की नाराजगी भी दूर हो जाएगी और निगमों को चेयरमैन भी मिल जाएंगे।

‘सीएम पद की उतार ली जाएगी वर्दी’
सामना ने दावा किया, ‘मुख्यमंत्री पद पर शिंदे, यह भाजपा की अस्थाई व्यवस्था है। उनके मुख्यमंत्री पद की वर्दी कभी भी उतार ली जाएगी, ये अब सभी समझ चुके हैं। शिंदे के तोतया गुट से अंधेरी (पूर्व) के उप चुनाव में उम्मीदवार खड़ा किया जाना चाहिए था लेकिन भाजपा ने इसे टाल दिया। महाराष्ट्र की ग्राम पंचायत, सरपंच चुनाव में शिंदे गुट की सफलता का दावा झूठा है। शिंदे गुट के कम-से-कम 22 विधायक नाराज हैं। इनमें से ज्यादातर विधायक खुद को भाजपा में विलीन कर लेंगे, ऐसा साफ दिख रहा है। उसके बाद शिंदे का क्या होगा? ऐसा जब मैंने उनके एक नेता से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, `शिंदे का रामदास आठवले होगा।’ यह कथन सही है।

राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News