Eknath Shinde: मंत्रिमंडल विस्तार के पहले कामाख्या देवी के दर्शन क्यों करना चाहते हैं एकनाथ शिंदे, जानिए

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Eknath Shinde: मंत्रिमंडल विस्तार के पहले कामाख्या देवी के दर्शन क्यों करना चाहते हैं एकनाथ शिंदे, जानिए

Eknath Shinde: मंत्रिमंडल विस्तार के पहले कामाख्या देवी के दर्शन क्यों करना चाहते हैं एकनाथ शिंदे, जानिए

मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के कैबिनेट विस्तार की तारीख लगभग तय हो चुकी है। हालांकि, सूत्रों की मानें तो कैबिनेट विस्तार पहले एकनाथ शिंदे अपने पचास समर्थक विधायकों के साथ गुवाहाटी (Guwahati) जाकर कामाख्या देवी माता के दर्शन करेंगे। उसके बाद महाराष्ट्र (Maharashtra) वापस लौटने पर वह अपनी सरकार में दूसरे चरण के मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। जानकारी के मुताबिक विधायकों संग शिंदे का यह गुवाहाटी दौरा दो दिन का होगा। दरअसल एकनाथ शिंदे जब विधायकों के साथ गुवाहाटी में थे तब उन्होंने अकेले कामाख्या देवी के दर्शन किये थे। शिंदे ने उस समय यह भी कहा था कि वे जल्द ही दोबारा अपने सभी विधायकों के साथ माता के दर्शन के लिए आएंगे। सूत्र यह भी बताते हैं कि इस मंत्रिमंडल विस्तार (Maharashtra Governement Cabinet Expansion) में नए चेहरों को मौका दिया जाएगा।

वहीं मंत्री पद न मिलने से नाराज विधायकों को भी खुश करने का प्लान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने तैयार कर रखा है। नाराज विधायकों को राज्य के निगमों की जिम्मेदारी दी जा सकती है। शिंदे सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार दिसंबर महीने के पहले सप्ताह में होने की संभावना है।फिलहाल सरकार में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को मिलाकर बीस मंत्रियों का मंत्रिमंडल है। पहले चरण में दोनों एकनाथ शिंदे की तरफ से नौ और बीजेपी की तरफ से नौ मंत्रियों ने ली थी शपथ। पहले मंत्रिमंडल विस्तार के समय ही प्रहार जनशक्ति पार्टी के मुखिया बच्चू कडू (Bachchu Kadu) की नाराजगी सामने आई थी। उन्हें उम्मीद थी कि शिंदे सरकार के मंत्रिमंडल में उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलेगा लेकिन उन्हें कोई मंत्रालय नहीं मिला।

रावसाहेब दानवे के बयान ने बढ़ाई शिंदे की मुसीबत!
बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे के एक बयान ने शिंदे-फडणवीस सरकार की मुसीबत को बढ़ा दिया है। यूं कहें तो दानवे के बयान से एक प्रकार के भ्रम का माहौल तैयार हो गया है। राज्य में कब क्या होगा कुछ कह नहीं सकते। पहले महाविकास अघाड़ी सरकार गिरेगी ऐसा नहीं लगता था लेकिन ऐसा जादू हुआ कि ढाई साल में ही सरकार गिर गई। लिहाजा कल महाराष्ट्र में कैसी राजनीतिक परिस्थिति निर्माण होगी इसका अंदाज अभी लगाना मुश्किल है।

मौजूदा हालात में सिर्फ संघर्ष नजर आ रहा है कल क्या होगा कह नहीं सकते। अब दानवे के बयान ने महाविकास अघाड़ी के नेताओं को संजीवनी दे दी है। अब एमवीए का हर नेट शिंदे सरकार के गिरने की भविष्यवाणी कर रहा है।

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