Eknath Shinde: नासिक से पड़ेगी एकनाथ शिंदे गुट में फूट? CM के आने से पहले कहां गए थे नाराज विधायक सुहास कांदे

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Eknath Shinde: नासिक से पड़ेगी एकनाथ शिंदे गुट में फूट? CM के आने से पहले कहां गए थे नाराज विधायक सुहास कांदे

Eknath Shinde: नासिक से पड़ेगी एकनाथ शिंदे गुट में फूट? CM के आने से पहले कहां गए थे नाराज विधायक सुहास कांदे

मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आज नासिक जिले के दौरे पर थे। माना जा रहा था कि इस दौरे के दौरान वह कुछ दिनों से नाराज चल रहे विधायक सुहास कांदे (Suhas Kande) को समझा-बुझाकर मना लेंगे। हालांकि, एकनाथ शिंदे गुट (Eknath Shinde Faction) में विधायकों के बीच बढ़ती हुई नाराजगी किसी भी तरह से कम होती हुई नजर नहीं आ रही है। आलम यह है कि मुख्यमंत्री के नासिक (Nasik) पहुंचने के पहले ही नाराज सुहास कांदे अपने चुनाव क्षेत्र नांदगांव की तरफ रवाना हो गए थे। बाद में खबर यह आई कि वह अपने चुनाव क्षेत्र में भी नहीं पहुंचे। ऐसे में अब यह बात चर्चा का विषय बनी हुई है कि सुहास कांदे कहां गए थे? खैर शाम पांच बजे जब मुख्यमंत्री हवाईअड्डे पर पहुंचे तो उनको रिसीव करने कांदे भी पहुंचे थे। हालांकि, वहां भी सुहास कांदे और मंत्री दादा भूसे (Dada Bhuse) के बीच की दूरी चर्चा का केंद्र बनी रही।

कुछ दिनों पहले ही सुहास कांदे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह कहा था कि वह नाराज नहीं हैं। जबकि पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के करीबी मंत्री दादा भूसे के खिलाफ अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की थी। कांदे ने यह कहा था कि नासिक जिले में होने वाली पार्टी मीटिंग में उन्हें नहीं बुलाया जाता। शहर में शिंदे गुट की कार्यकारिणी बनाई जाती है। पदाधिकारियों को निर्वाचित किया जाता है लेकिन इस बारे में भी उन्हें कोई सूचना नहीं दी जाती है।

बगावत के दौर के पहले सिपाही थे सुहास कांदे
सुहास कांदे नासिक जिले में एकनाथ शिंदे की बगावत के दौर के पहले सिपाही थे। जिन्होंने खुलकर उद्धव ठाकरे के खिलाफ एकनाथ शिंदे का झंडा बुलंद किया था। कांदे की नाराजगी का सबब यह भी है कि जब एकनाथ शिंदे को बगावत के दौर में सबसे ज्यादा समर्थन की जरूरत थी। तब सबसे पहले वह उनके साथ खड़े हुए थे। उसके बाद मौजूदा मंत्री दादा भूसे और सांसद हेमंत गोडसे शामिल हुए थे। बावजूद इसके मंत्रिमंडल विस्तार में कांदे को जगह नहीं मिली। नासिक जिले की सियासत में इस बात की भी चर्चा है कि सुहास कांदे को एकनाथ शिंदे के मंत्रिमंडल में जगह चाहिए थी। अगर उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलती तो कम से कम किसी निगम की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए थी।

आखिर क्यों नाराज हैं सुहास कांदे
कुछ दिन पहले नासिक जिले में एक प्रेस मीट के दौरान सुहास कांदे ने अपनी नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि मुझे जिले में होने वाली पार्टी की मीटिंग में नहीं बुलाया जाता। शहर में पार्टी के नए कार्यालय खोले गए हैं लेकिन मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। शहर में पार्टी के भीतर नई नियुक्तियां की गई जिसके जिसके बारे में सुहास कांदे को जरा भी विश्वास में नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में एकनाथ शिंदे गुट को पार्षद, विधायक और सांसद जैसे चुनाव जीतने हैं तो एक पार्टी के भीतर एक बेहतर तालमेल की जरूरत है जो फिलहाल नदारद है।

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