कांग्रेस नेता पी चिदंबरम और उनके बेटे के घर छापामारी

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पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के चेन्नई व दिल्ली के आवास पर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने छापेमारी की है. ईडी ने ये रेड एयरसेल-मेक्सेस डील के मामले में की है. जिस वक़्त रेड पड़ी उस वक़्त पी चिदंबरम और कार्ति अपने घर पर मौजूद नहीं थे. इस छापेमारी पर सफाई पेश करते हुए चिदंबरम ने कहा कि इस मामले में सीबीआई या किसी एजेंसी ने कोई एफआईआर दर्ज नहीं की है.

चिदंबरम ने कहा इस रेड से कुछ हासिल नही

चिदंबरम के बयानों से लग रहा है कि उन्हें इस रेड से कोई फर्क नही पड़ा. उन्होंने कहा कि चेन्नई के घर में छापेमारी अपेक्षित थी, लेकिन दिल्ली के जोरबाग स्थित घर पर रेड मारना हास्यास्पद है. अधिकारियों को लगा कि कार्ति जोरबाग स्थित घर में मौजूद हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. कार्ति को घर में ना पा कर छापेमारी करने वाले अधिकारी घबरा गए. इस जांच में अधिकारियों ने चिदंबरम के कमरों और उनके तक की किचन तलाशी ली. उनका कहना है कि ईडी अधिकारियों ने छापा मारा और उन्हें कुछ नहीं मिला, लेकिन खुद को सही साबित करने के लिए वे कुछ पेपर्स ले गए हैं. चिदंबरम ने बताया कि वे जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) को PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत जांच करने का अधिकार नहीं है.

ईडी और सीबीआई से सुप्रीम कोर्ट ने जवाब तलब किया

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कल ही ईडी और सीबीआई को नोटिस जारी कर सवाल किया था कि जब चिदंबरम खिलाफ कोई FIR नहीं है तो वे उनके ठिकानों पर किस आधार पर जांच-पड़ताल कर रहे हैं. हालांकि कोर्ट ने इस मामले में कोई आदेश जारी नहीं किया है, वरना ईडी की इस कार्रवाई को कोर्ट की अवमानना कहा जा सकता था.

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मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी हैं कीर्ती

ईडी ने मई 2017 में पूर्व वित्त मंत्री के बेटे के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था. सन 2007 में आईएनएक्स मीडिया के लिए विदेशी निवेश में कथित अनियमितता संबंधी मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय ने कार्ति चिदंबरम को गुरुवार को ताजा समन जारी किया था. दूसरी तरफ सीबीआई भी इस मामले की अलग से जांच कर रही है. उसकी प्राथमिकी में भी आईएनएक्स मीडिया के निदेशकों, पीटर और इंद्राणी मुखर्जी नामज़द हैं. पीटर और इंद्राणी दोनों शीना बोरा हत्याकांड के आरोपी हैं.

ये है पूरा घोटाला

पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम के कार्यकाल के दौरान आईएनएक्स मीडिया के लिए एफआईपीबी की मंजूरी दिलाने में कार्ति की कथित भूमिका की जांच हो रही है. कथित तौर पर कार्ति को इसके एवज में मुंबई स्थित आईएनएक्स मीडिया से 3.5 करोड़ रुपये मिले. आईएनएक्स मीडिया अब 9 एक्स मीडिया के नाम से जाना जाता है. उस समय इस कंपनी को मुखर्जी दंपति चला रहे थे.

इस मामले में वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही ईडी का कहना है कि मुखर्जी दंपति ने नौ करोड़ पाउंड की राशि में हेर-फेर की और इस रकम को हवाला के जरिए विदेश भेज दिया. एफआईपीबी की मंजूरी मिलने के बाद आईएनएक्स मीडिया ने कहा कि कंपनी में 4.620 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ, लेकिन वास्तव में अगस्त 2007 से मई 2008 के बीच कंपनी में 305.36 करोड़ रुपये का निवेश आया था.