ED के शिकंजे में फंसे महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री हसन मुश्रीफ और अनिल परब, बढ़ेंगी मुश्किलें? जानिए क्या है वजह
इधर मुश्रीफ की तरफ से खुद पर दर्ज गुनाह रद्द करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका पेश की गई थी। कोर्ट ने इस मामले में 24 मार्च तक किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया है कि बीजेपी नेता किरीट सोमैया को कोर्ट के आदेशों और एफआईआर की कॉपी कैसे मिल जाती है? हाईकोर्ट ने पुणे सत्र न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को इस मामले की जांच करने का आदेश दिया है।
अनिल परब पर भी कसेगा ईडी का शिकंजा
उद्धव ठाकरे गुट के नेता और पूर्व परिवहन मंत्री अनिल परब के करीबी माने जाने वाले सदानंद कदम को ईडी ने गिरफ्तार किया है। कदम की गिरफ्तारी के एक दिन बाद शनिवार को विशेष अदालत ने उन्हें 15 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया है। महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के दापोली में स्थित एक रिसॉर्ट से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कदम को गिरफ्तार किया गया है। कदम ने अदालत में दावा किया कि ‘ईडी किसी और पर निशाना साधने के लिए सिर्फ उनके कंधे पर बंदूक रख रही है।’ ईडी ने अनिल परब समेत अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के 10 करोड़ रुपये से ज्यादा के मामले में रत्नागिरी के दापोली में स्थित साईं रिसॉर्ट को इस साल जनवरी में जब्त किया था। मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला रिसॉर्ट निर्माण के दौरान सीआरजेड के प्रावधानों के उल्लंघन से जुड़ा हुआ है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में अनिल परब की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
क्या है मामला
मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला अनिल परब, साई रिसॉर्ट, सी कोंच रिसॉर्ट और अन्य के खिलाफ केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा पर्यावरण (संरक्षण) कानून के उल्लंघन के संबंध में दर्ज करायी गयी शिकायत से जुड़ा है। ईडी ने पहले दावा किया था कि पीएमएलए के तहत हुए इस अपराध से 10.2 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। वहीं, कदम के वकील निरंजन मुंदेर्गी ने हिरासत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि जांच एजेंसी ‘कदम के कंधे पर बंदूक रखकर किसी और पर निशाना साध रही है’। उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या पर्यावरण (संरक्षण) कानून के तहत प्रारंभिक अपराध के लिए पीएमएलए के प्रावधानों में मामला दर्ज किया जा सकता है।
वकील ने कहा, ‘राजनीतिक लाभ कमाना है। वे बस कहीं पहुंचना चाहते हैं, मैं तो बस सीढी हूं… कदम बलि का बकरा हैं… किसी और पर निशाना साधने के लिए ईडी के लिए बस एक कंधा हूं।’अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कदम को ईडी की हिरासत में भेज दिया।