Dutee Chand Struggle Story: पुरुष होने का आरोप और लेस्बियन लव स्टोरी के बाद ‘बहिष्कार’, यूं ही नहीं कहते दुती चंद को फाइटर
बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 का आगाज हो चुका है। इसमें भारत के लगभग 300 एथलीटों का दल मेडल के लिए जी जान लगाएंगे। उन्हीं में से एक हैं फर्राटा धाविका दुती चंद। दुती चंद कॉमनवेल्थ गेम्स में 4×100 मीटर रिले में हिस्सा लेंगी। दुती का यह इवेंट 6 अगस्त होगा। इसके लिए वह कड़ी मेहनत कर रही है ताकि देश के लिए मेडल जीत सके लेकिन उनके लिए यहां तक पहुंचना इतना भी आसान नहीं रहा है।
गरीब परिवार से निकली एक महिला एथलीट, जिस पर पुरुष होने का आरोप और फिर बैन… हालांकि वह हार नहीं मानी और वापसी के बाद नैशनल रिकॉर्ड अपने नाम किया। देश ही नहीं, परिवार और गांव भी उन पर गर्व गर्व कर रहा था लेकिन इसी बीच उन्होंने अपने लेस्बियन लव स्टोरी का खुलासा। इसके बाद सभी अपने हुए बेगाने से हो गए। एक झटके में परिवार और गांव उनके खिलाफ हो गया, लेकिन देश सपोर्ट करता रहा। दुती भी फाइटर निकली और हार नहीं मानी। इसी बीच उन्होंने तोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया। एक नजर में यह रुपहले पर्दे की सुपर डुपर हिट फिल्म की स्टोरी लगती है, लेकिन यह दुती चंद की अपनी कहानी है।
गरीबी से लड़कर बनीं महिला धावक दुती चंद
अब बात करते हैं दुती चंद के एक गांव अनजान से निकलकर नैशनल प्राइड बनने के सफर की। पूरी कहानी का लब्बोलुआब यह है कि वह स्वाभाविक रूप से काफी बहादुर हैं। एक गरीब परिवार में जन्म लेकर और नौ सदस्यों के बीच रहकर उन्होंने अपना भविष्य बेहतर करने की ठान ली थी और पागलों की तरह लगातार ट्रेनिंग करती थीं। वह ब्राह्मणी नदी के किनारों पर प्रैक्टिस करती थीं और गांव की कच्ची सड़कों पर ही जॉगिंग करती थीं। उन्हें पता था कि यही एक रास्ता है गरीबी से बाहर आने का।
पुरुष होने का लगा था आरोप
हालांकि यह सब उनके लिए इतना आसान नहीं था। 2014 में जब दुती ने एशियन इवेंट में गोल्ड जीता था, एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफआई) ने उन्हें अनौपचारिक रूप से आखिरी मौके पर कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लेने के लिए ड्रॉप कर दिया था। उन पर पुरुष होने का आरोप लगा था जिसे साइंटिफिक टर्म में हाइपरएंड्रोजेनिज्म कहते हैं।
वापसी के बाद बनाया नैशनल रेकॉर्ड
आईएएएफ द्वारा दुती पर लगाए गए बैन का काफी विरोध हुआ था। इस बैन के खिलाफ दुती कोर्ट तक गई थीं जहां कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन ऑफ स्पोर्ट्स (CAS) ने उन्हें बड़ी राहत दी थी और आईएएएफ के स्टैंड को निराधार बताया और दुती को खेल के लिए योग्य बताया था। इसके बाद 2016 में दुती ने नई दिल्ली में फेडरेशन कप में हिस्सा लिया और नैशनल रेकॉर्ड बनाया था।
लव लाइफ के खुलासे के बाद मचा बवाल
पिछले दिनों दुती ने बताया था कि 2017 में उनके जीवन में एक लड़की आई जिसे उन्होंने अपना जीवनसाथी बनाने का फैसला किया। दुती ने बताया, ‘हम चारों लोग (लड़की का भाई भी) भुवनेश्वर में एक घर में रहते हैं। मैंने उसे अपने स्ट्रगल के बारे में बताया और उसने मुझे समझा। इस तरह हम करीब आए।’ इसके बाद उन्हें पलकों पर बिठाने वाली फैमिली और गांव के लोग खिलाफ हो गए थे। अब जब बिटिया के पास ओलिंपिक में इतिहास रचने का मौका है तो उनकी फैमिली और गांव उन्हें एक बार फिर पलकों पर बिठाएगा।
खेल रत्न के लिए भी नामांकित
ओलिंपिक कोटा हासिल करने से ठीक एक दिन पहले यानी 29 जून को ओडिशा सरकार ने दुती को खुशखबरी दी। उन्हें देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामांकित किया। दुती के अलावा ओडिशा सरकार ने खेल मंत्रालय को पांच और नाम भेजे हैं। दुती ने ट्वीट किया, ‘मैं खेल रत्न पुरस्कार के लिए मेरा नाम भेजने पर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की शुक्रगुजार हूं। आपका आशीर्वाद हमेशा बना रहे।’
गरीबी से लड़कर बनीं महिला धावक दुती चंद
अब बात करते हैं दुती चंद के एक गांव अनजान से निकलकर नैशनल प्राइड बनने के सफर की। पूरी कहानी का लब्बोलुआब यह है कि वह स्वाभाविक रूप से काफी बहादुर हैं। एक गरीब परिवार में जन्म लेकर और नौ सदस्यों के बीच रहकर उन्होंने अपना भविष्य बेहतर करने की ठान ली थी और पागलों की तरह लगातार ट्रेनिंग करती थीं। वह ब्राह्मणी नदी के किनारों पर प्रैक्टिस करती थीं और गांव की कच्ची सड़कों पर ही जॉगिंग करती थीं। उन्हें पता था कि यही एक रास्ता है गरीबी से बाहर आने का।
पुरुष होने का लगा था आरोप
हालांकि यह सब उनके लिए इतना आसान नहीं था। 2014 में जब दुती ने एशियन इवेंट में गोल्ड जीता था, एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफआई) ने उन्हें अनौपचारिक रूप से आखिरी मौके पर कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लेने के लिए ड्रॉप कर दिया था। उन पर पुरुष होने का आरोप लगा था जिसे साइंटिफिक टर्म में हाइपरएंड्रोजेनिज्म कहते हैं।
वापसी के बाद बनाया नैशनल रेकॉर्ड
आईएएएफ द्वारा दुती पर लगाए गए बैन का काफी विरोध हुआ था। इस बैन के खिलाफ दुती कोर्ट तक गई थीं जहां कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन ऑफ स्पोर्ट्स (CAS) ने उन्हें बड़ी राहत दी थी और आईएएएफ के स्टैंड को निराधार बताया और दुती को खेल के लिए योग्य बताया था। इसके बाद 2016 में दुती ने नई दिल्ली में फेडरेशन कप में हिस्सा लिया और नैशनल रेकॉर्ड बनाया था।
लव लाइफ के खुलासे के बाद मचा बवाल
पिछले दिनों दुती ने बताया था कि 2017 में उनके जीवन में एक लड़की आई जिसे उन्होंने अपना जीवनसाथी बनाने का फैसला किया। दुती ने बताया, ‘हम चारों लोग (लड़की का भाई भी) भुवनेश्वर में एक घर में रहते हैं। मैंने उसे अपने स्ट्रगल के बारे में बताया और उसने मुझे समझा। इस तरह हम करीब आए।’ इसके बाद उन्हें पलकों पर बिठाने वाली फैमिली और गांव के लोग खिलाफ हो गए थे। अब जब बिटिया के पास ओलिंपिक में इतिहास रचने का मौका है तो उनकी फैमिली और गांव उन्हें एक बार फिर पलकों पर बिठाएगा।
खेल रत्न के लिए भी नामांकित
ओलिंपिक कोटा हासिल करने से ठीक एक दिन पहले यानी 29 जून को ओडिशा सरकार ने दुती को खुशखबरी दी। उन्हें देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामांकित किया। दुती के अलावा ओडिशा सरकार ने खेल मंत्रालय को पांच और नाम भेजे हैं। दुती ने ट्वीट किया, ‘मैं खेल रत्न पुरस्कार के लिए मेरा नाम भेजने पर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की शुक्रगुजार हूं। आपका आशीर्वाद हमेशा बना रहे।’