जनादेश ने बदल दिया मलेशिया सरकार का फैसला, लोगों ने सोशल मीडिया के इस्तेमाल से माँगा हक़

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इन दिनों सोशल मीडिया की पैठ लोगों की जिंदगी में ही नहीं है बल्कि इसका प्रभाव सरकार को अपने आदेश को बदलने के लिए मजबूर कर रहा है. भारत में चाहें सोशल मीडिया के द्वारा बंद का आह्वान करने की बात हो या फिर मलेशिया में होने वाले चुनाव में आम लोगों को छुट्टी देने की बात, ये हर जगह अपनी मज़बूती दिखा रहा है.

मलेशिया में 9 मई को आम चुनाव होने हैं. यहाँ 20 साल में पहली बार वीकेंड की जगह बुधवार को चुनाव रखा गया था और इसबार इसदिन छुट्टी की घोषणा भी नहीं की गई थी. इसदी वजह से चुनाव की घोषणा के बाद से ही मलेशिया में सोशल मीडिया और सड़कों पर प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. फिर क्या था सोशल मीडिया पर सरकार के चुनाव का ऐसा विरोध शुरू हुआ कि सरकार को छुट्टी की घोषणा करनी पड़ गई. चुनाव की तारीख आते ही सोशल मीडिया पर ‘गो होम टू वोट’ ट्रेंड करने लगा.

यही नहीं कई निजी कंपनियों ने तो छुट्टी की घोषणा कर दी और अपने कर्मचारियों से कहा कि आपको वोट डालने के लिए घर जाने की छुट्टी दी जा रही है. जाइए, मतदान कीजिए. यही नहीं कंपनी ने यह भी कहा कि “आपकी यात्रा का खर्च भी सरकार खुद उठाएगी.”  इस मुहिम का असर भी हुआ और सरकार को आखिर वोटिंग वाले दिन छुट्टी की घोषणा करनी पड़ी. दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर भी लोग ज़रूरतमंद लोगों को फ्लाइट से लेकर शेयर टैक्सी तक ऑफर कर रहे हैं.

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गेटरेस्पांस कंपनी के हेड मेलीशा ली ने कहा कि हम इस दिन छुट्टी रखेंगे. लोगों को घर से काम पर लौटने का पूरा समय दिया जाएगा. गूगल मलेशिया के प्रवक्ता जेफरी युसूफ ने कहा कि हम वोट डालने के लिए घर के इच्छुक कर्मचारियों को पूरा साथ देंगे. वहीं एक पब्लिक रिलेशन फर्म चला रही  शेखिना ने कहा कि हम अपने कर्मचारियों को मतदान के दिन का पूरा यात्रा खर्च उठाएंगे. इस कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव क्रिस्टोफर ने कहा कि कर्मचारियों पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ को कम करने के लिए हमने यात्रा खर्च उठाने का फैसला लिया है.

टि्वटर पर लोगों ने सरकार की खूब खिंचाई की और कहा, मतदान करना आपका हक है. इसे कोई छीन नहीं सकता. ज़रूरतमंद लोग घर जाने के लिए हमसे संपर्क करें. उनकी यात्रा का खर्च हम सब मिलकर उठाएंगे. स्थानीय मीडिया के मुताबिक ज़रूरतमंद लोगों को घर भेजने के लिए कई संगठन और लोग सामने आए हैं. कई लोगों ने ऐसे लोगों को फ्लाइट या बस से घर भेजने के लिए 39 डॉलर से लेकर 260 डॉलर तक का भुगतान किया है. कई लोगों ने शेयर टैक्सी ऑफर की है.

मलेशिया में 222 संसदीय और 587 राज्य सीटों के लिए नामांकन 28 अप्रैल को होने हैं. यहां कुल 14,490,627 वोटर हैं. नजीब नौ साल से सत्ता में हैं. इस बार करोड़ों के घोटालों और बढ़ती महंगाई के चलते उनकी लोकप्रियता गिरी है. नजीब के सामने उनके सियासी गुरु और पूर्व पीएम महाथिर मोहम्मद भी खड़े हैं. महाथिर 92 साल के हो चुके हैं लेकिन राजनीति प्रेम और कुर्सी का लालच अभी खत्म नहीं हुआ है.  अगर महाथिर चुनाव जीतते हैं तो वह दुनिया के सबसे बुजुर्ग पीएम होंगे.