DU Admission: डीयू में CUET कटऑफ लिस्ट नहीं बल्कि आएगी मेरिट लिस्ट

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DU Admission: डीयू में CUET कटऑफ लिस्ट नहीं बल्कि आएगी मेरिट लिस्ट

नई दिल्लीः दिल्ली यूनिवर्सिटी में इस बार अंडरग्रैजुएट कोर्सेज के लिए एडमिशन CUET (कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट) के आधार पर हो रहे हैं और इस बार कटऑफ लिस्ट की जगह स्टूडेंट्स मेरिट लिस्ट का इंतजार करेंगे। साथ ही, इस बार कॉलेज अपनी सीटों के मुकाबले 30% ज्यादा स्टूडेंट्स को एडमिशन दे सकेंगे ताकि कैंसिलेशन की स्थिति में उनकी सीटें खाली ना रह जाएं। CUET जुलाई पहले और दूसरे हफ्ते में होगा।

CUET रजिस्ट्रेशन जरूरी, डीयू करेगा बस काउंसलिंग
CUET रजिस्ट्रेशन में स्टूडेंट्स को डीयू और कोर्सेज को चुनना होगा। स्टूडेंट्स को डीयू में अलग से रजिस्ट्रेशन करने की जरूरत नहीं होगी। एंट्रेंस एग्जाम और इसके रिजल्ट के बाद एडमिशन प्रक्रिया शुरू होगा। डीयू की डीन एडमिशंस प्रो हनीत गांधी कहती हैं, सेंट्रलाइज्ड ई-काउंसलिंग के लिए हम अपने पोर्टल में लिंक देंगे। स्टूडेंट्स को अपने पसंद के कॉलेज और कोर्स चुनने होंगे। स्टूडेंट्स को CUET का फॉर्म भरते समय डीयू को चुनना जरूरी होगा। जिन कोर्सेज के लिए वो एडमिशन चाहते हैं, उन्हें भी जरूर चुनें। इसके लिए उन्हें डीयू के पोर्टल में एडमिशन पॉलिसी जरूर चेक करनी चाहिए, जिसमें हर कोर्स के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया और सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन दिए गए हैं। प्रो गांधी कहती हैं, CUET पहली बार हो रहा है तो हम कोशिश करेंगे कि अगर स्टूडेंट रजिस्ट्रेशन के वक्त कोई कोर्स छोड़ देता है तो हम काउंसलिंग के वक्त उसे वह कोर्स चुनने का मौका दें, मगर फिर भी स्टूडेंट्स अपने सभी पसंदीदा कोर्स CUET फॉर्म में हर हाल में भरें। CUET में कौन से सब्जेक्ट के एग्जाम देने हैं या एलिजिबिलिटी समेत सभी जानकारियां देने के लिए डीयू स्टूडेंट्स और पैरंट्स के लिए ओपन हाउस सेशन और वेबिनार रखेगा। साथ ही, वेबसाइट में एक चैटबॉक्स भी देगा।

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अब स्टूडेंट्स चुनेंगे कॉलेज
CUET रिजल्ट आने के बाद इसके स्कोर के आधार पर कोई कटऑफ लिस्ट जारी नहीं की जाएगी। प्रो गांधी कहती हैं, हम ई-काउंसलिंग रखेंगे। स्टूडेंट्स डीयू वेबसाइट पर अपने कॉलेज और कोर्स चुनेंगे। उनकी प्राथमिकता और स्कोर के आधार पर कॉलेज उन्हें एडमिशन देंगे। वे मेरिट लिस्ट जारी करेंगे। डीयू के वाइस चांसलर प्रो योगेश सिंह का कहना है कि नए सिस्टम में कॉलेज को स्टूडेंट्स नहीं चुनने हैं बल्कि स्टूडेंट्स को कॉलेज चुनना है। वे कितने भी कॉलेज पर टिक कर सकते हैं। मसलन, स्टूडेंट ने चार कॉलेज चुने हैं। जिस कॉलेज को वो सबसे ऊपर प्राथमिकता दे रहा है, उसमें अगर 50 सीटें हैं मगर उसके ऊपर के स्कोर वाले 50 स्टूडेंट हैं, तो उसे वहां एडमिशन नहीं मिल पाएगा। ऐसी स्थिति में वो दूसरे कॉलेज में अपनी पोजीशन देखेगा।

डीयू के कॉलेजों में यूजी के करीब 70 कोर्स के लिए 70 हजार सीटें हैं। कॉलेज में एडमिशन मिलना उस कॉलेज में ऐप्लिकेशन की संख्या, सीटों की संख्या और CUET स्कोर पर निर्भर करेगा। एक तौर पर सभी कॉलेज एक लेवल पर होंगे मगर जो कॉलेज नामी हैं, वहां ऐप्लिकेशन की संख्या ज्यादा होगी और एडमिशन उन्हें मिलेगा जिनका CUET स्कोर ज्यादा है।

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30% एक्स्ट्रा एडमिशन
डीयू में कटऑफ सिस्टम की वजह से कॉलेजों को कई कोर्सेज में सीटों से ज्यादा एडमिशन की स्थिति का सामना करना पड़ता था। अभी यह बदलेगा। डीयू की वाइस चांसलर कहते हैं, हम शुरुआत में काउंसलिंग के दो राउंड रखेंगे और इसका बाद एक स्पॉट राउंड रखेंगे। मगर कई स्टूडेंट्स दूसरी राउंड में कैंसिलेशन करेंगे ताकि दूसरा कॉलेज मिल सके। इस वजह से हम पहली काउंसलिंग में 30% ज्यादा सीटों पर एडमिशन करेंगे ताकि कॉलेज शिफ्ट करने की स्थिति में सीटें खाली ना हों। कॉलेज इस पर फैसला लेंगे। प्रो योगेश ने बताया, कुछ स्टूडेंट्स का अगर CUET स्कोर एक सा होता है तो इसके लिए टाई ब्रेकर फॉर्म्युला होगा। यह जल्द तय किया जाएगा।

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