Driverless Metro: दिल्ली मेट्रो को 19वीं सालगिरह पर मिलेगा खास तोहफा, अगले महीने से पिंक लाइन पर ‘बिना ड्राइवर’ के चलेगी मेट्रो
हाइलाइट्स
- 19 साल पूरे होने के इस मौके को खास बना सकती है DMRC
- 4-5 घंटे तक चले इंस्पेक्शन के दौरान कोई खास दिक्कत नहीं आई
- अगले महीने से इस दूसरी लाइन पर भी ड्राइवरलेस ट्रेनें चलने लगेंगी
विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
दिल्ली मेट्रो की सबसे लंबी पिंक लाइन पर ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेनों का परिचालन शुरू करने का रास्ता लगभग क्लियर हो चुका है। सोमवार को कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी (CMRS) ने मजलिस पार्क से मौजपुर के बीच बने इस 58.4 किमी लंबे मेट्रो सेक्शन पर ड्राइवरलेस ट्रेन ऑपरेशन के लिए जरूरी सुरक्षा मानकों और तकनीकी इंतजामों की जांच की। सूत्रों के मुताबिक, करीब 4-5 घंटे तक चले इस इंस्पैक्शन के दौरान कहीं कोई खास दिक्कत देखने में नहीं आई। माना जा रहा है कि इस हफ्ते के अंत तक सीएमआरएस पिंक लाइन पर ड्राइवरलेस ट्रेनों के परिचालन के लिए ग्रीन सिग्नल दे सकते हैं, जिसके बाद डीएमआरसी औपचारिक रूप से इस लाइन पर भी अनअटेंडेड ट्रेनों का परिचालन शुरू कर सकेगी। उम्मीद है कि इसी महीने के अंत तक या फिर अगले महीने से दिल्ली मेट्रो की इस दूसरी लाइन पर भी ड्राइवरलेस ट्रेनें चलनी शुरू हो जाएंगी। 25 दिसंबर को दिल्ली मेट्रो को शुरू हुए 19 साल पूरे होने जा रहे हैं। ऐसे में डीएमआरसी पिंक लाइन पर उसी दिन ड्राइवरलेस ट्रेन ऑपरेशन शुरू करके भी इस अवसर को और खास बना सकती है। इस संबंध में आगे की प्लानिंग की जा रही है।
दिल्ली मेट्रो ने फेज-3 में मजलिस पार्क से मौजपुर और जनकपुरी वेस्ट से बॉटनिकल गार्डन के बीच जो दो बिल्कुल नई मेट्रो लाइनें बनाई थीं, उन्हीं पर इस नई तकनीक का इस्तेमाल करते हुए अनअटेंडेट ट्रेन ऑपरेशन सिस्टम लगाया गया था, ताकि इसकी मदद से ज्यादा सुरक्षित तरीके से मेट्रो ट्रेनें चलाई जा सकें। इनमें से 37.5 किमी लंबी मजेंटा लाइन पर जनकपुरी वेस्ट से बॉटनिकल गार्डन के बीच तो ड्राइवरलेस ट्रेनों का ऑपरेशन पिछले साल दिसंबर में ही शुरू हो गया था, लेकिन त्रिलोकपुरी इलाके में मेट्रो का काम अधूरा रह जाने की वजह से पिंक लाइन पर डीएमआरसी इस सिस्टम को अभी तक शुरू नहीं कर पाई थी।
इसी साल अगस्त में त्रिलोकपुरी सेक्शन पर मेट्रो का परिचालन शुरू होने के बाद ही पिंक लाइन पर भी ड्राइवरलेस ट्रेन ऑपरेशन शुरू करने का रास्ता साफ हो पाया था। चूंकि इस दौरान डीएमआरसी मयूर विहार पॉकेट-1 से त्रिलोकपुरी-संजय झील के बीच बने नए सेक्शन पर ड्राइवरलेस ट्रेन ऑपरेशन के लिए जरूरी सिग्नलिंग सिस्टम भी लगा रही थी, इसी वजह से इस सेक्शन पर ट्रेनें भी नियंत्रित स्पीड से गुजर रही थीं, लेकिन चूंकि अब सिग्नल सिस्टम लगाने का काम पूरा हो गया है, तो उसी के साथ त्रिलोकपुरी के आस-पास से भी मेट्रो सामान्य स्पीड में गुजर सकेगी। साथ ही अब यह पूरा रूट ड्राइवरलेस ट्रेनों के परिचालन के लिए तैयार हो गया है।
फेज-4 में डीएमआरसी पिंक लाइन को एक्सटेंड करते हुए मजलिस पार्क से मौजपुर के बीच भी नया कॉरिडोर बनाने जा रही है। उस पर भी इसी तकनीक का इस्तेमाल करते हुए मेट्रो लाइन बिछाई जाएगी। ऐसे में फेज-4 के बाद दिल्ली मेट्रो का 100 किमी से ज्यादा हिस्सा ड्राइवलेस ट्रेन ऑपरेशन के तहत आ जाएगा और यह दुनिया में ड्राइवरलेस मेट्रो के कुल परिचालन का करीब 9 फीसदी हो जाएगा, जो अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।
58.4 किमी लंबे ट्रैक पर ड्राइवरलेस मेट्रो का हुआ निरीक्षण
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हाइलाइट्स
- 19 साल पूरे होने के इस मौके को खास बना सकती है DMRC
- 4-5 घंटे तक चले इंस्पेक्शन के दौरान कोई खास दिक्कत नहीं आई
- अगले महीने से इस दूसरी लाइन पर भी ड्राइवरलेस ट्रेनें चलने लगेंगी
दिल्ली मेट्रो की सबसे लंबी पिंक लाइन पर ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेनों का परिचालन शुरू करने का रास्ता लगभग क्लियर हो चुका है। सोमवार को कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी (CMRS) ने मजलिस पार्क से मौजपुर के बीच बने इस 58.4 किमी लंबे मेट्रो सेक्शन पर ड्राइवरलेस ट्रेन ऑपरेशन के लिए जरूरी सुरक्षा मानकों और तकनीकी इंतजामों की जांच की। सूत्रों के मुताबिक, करीब 4-5 घंटे तक चले इस इंस्पैक्शन के दौरान कहीं कोई खास दिक्कत देखने में नहीं आई। माना जा रहा है कि इस हफ्ते के अंत तक सीएमआरएस पिंक लाइन पर ड्राइवरलेस ट्रेनों के परिचालन के लिए ग्रीन सिग्नल दे सकते हैं, जिसके बाद डीएमआरसी औपचारिक रूप से इस लाइन पर भी अनअटेंडेड ट्रेनों का परिचालन शुरू कर सकेगी। उम्मीद है कि इसी महीने के अंत तक या फिर अगले महीने से दिल्ली मेट्रो की इस दूसरी लाइन पर भी ड्राइवरलेस ट्रेनें चलनी शुरू हो जाएंगी। 25 दिसंबर को दिल्ली मेट्रो को शुरू हुए 19 साल पूरे होने जा रहे हैं। ऐसे में डीएमआरसी पिंक लाइन पर उसी दिन ड्राइवरलेस ट्रेन ऑपरेशन शुरू करके भी इस अवसर को और खास बना सकती है। इस संबंध में आगे की प्लानिंग की जा रही है।
दिल्ली मेट्रो ने फेज-3 में मजलिस पार्क से मौजपुर और जनकपुरी वेस्ट से बॉटनिकल गार्डन के बीच जो दो बिल्कुल नई मेट्रो लाइनें बनाई थीं, उन्हीं पर इस नई तकनीक का इस्तेमाल करते हुए अनअटेंडेट ट्रेन ऑपरेशन सिस्टम लगाया गया था, ताकि इसकी मदद से ज्यादा सुरक्षित तरीके से मेट्रो ट्रेनें चलाई जा सकें। इनमें से 37.5 किमी लंबी मजेंटा लाइन पर जनकपुरी वेस्ट से बॉटनिकल गार्डन के बीच तो ड्राइवरलेस ट्रेनों का ऑपरेशन पिछले साल दिसंबर में ही शुरू हो गया था, लेकिन त्रिलोकपुरी इलाके में मेट्रो का काम अधूरा रह जाने की वजह से पिंक लाइन पर डीएमआरसी इस सिस्टम को अभी तक शुरू नहीं कर पाई थी।
इसी साल अगस्त में त्रिलोकपुरी सेक्शन पर मेट्रो का परिचालन शुरू होने के बाद ही पिंक लाइन पर भी ड्राइवरलेस ट्रेन ऑपरेशन शुरू करने का रास्ता साफ हो पाया था। चूंकि इस दौरान डीएमआरसी मयूर विहार पॉकेट-1 से त्रिलोकपुरी-संजय झील के बीच बने नए सेक्शन पर ड्राइवरलेस ट्रेन ऑपरेशन के लिए जरूरी सिग्नलिंग सिस्टम भी लगा रही थी, इसी वजह से इस सेक्शन पर ट्रेनें भी नियंत्रित स्पीड से गुजर रही थीं, लेकिन चूंकि अब सिग्नल सिस्टम लगाने का काम पूरा हो गया है, तो उसी के साथ त्रिलोकपुरी के आस-पास से भी मेट्रो सामान्य स्पीड में गुजर सकेगी। साथ ही अब यह पूरा रूट ड्राइवरलेस ट्रेनों के परिचालन के लिए तैयार हो गया है।
फेज-4 में डीएमआरसी पिंक लाइन को एक्सटेंड करते हुए मजलिस पार्क से मौजपुर के बीच भी नया कॉरिडोर बनाने जा रही है। उस पर भी इसी तकनीक का इस्तेमाल करते हुए मेट्रो लाइन बिछाई जाएगी। ऐसे में फेज-4 के बाद दिल्ली मेट्रो का 100 किमी से ज्यादा हिस्सा ड्राइवलेस ट्रेन ऑपरेशन के तहत आ जाएगा और यह दुनिया में ड्राइवरलेस मेट्रो के कुल परिचालन का करीब 9 फीसदी हो जाएगा, जो अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।
58.4 किमी लंबे ट्रैक पर ड्राइवरलेस मेट्रो का हुआ निरीक्षण