बांस का पेड़ भारत में 25-30 मीटर तक ऊंचा होता है। इसके पत्ते लम्बे होते हैं। इसका तना बहुत मजबूत होता है। इसका अन्दाजा इस बात से लगाया जा सकता कि अचानक तोप से वार करने पर भी इस पर कोई असर नहीं होता है। जब बांस 60 वर्ष का हो जाता है तो इसमें बीज आने लगते हैं। प्रत्येक बांस में थोड़ी-थोड़ी दूर पर बीजों के झुण्ड लगते हैं।
बीजों के पक जाने पर बांस सूखने लगता है। एक बांस के सूखने से कई बांस सूख जाते हैं। बीस पच्चीस वर्ष बाद नये बीज आ जाते हैं। इसके बीज गेहूं के बीज के समान होते हैं। गरीब और आदिवासी लोग उसकी रोटी बनाकर खाते हैं।
बांस को लोग उसकी लम्बाई के लिए जानते हैं जो टिम्बर और सजावट के कामों में प्रयोग किया जाता है, लेकिन बांस में इसके अलावा भी बहुत गुण हैं। बांस औषधीय गुणों की खान भी है। बांस को खाने के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है, इसका अचार बनाया जा सकता है जो सर्दी में काफी कारगर साबित होता है। इस सबके अलावा बांस के सेवन से नाटे लोग भी लम्बे हो सकते हैं। कद बढ़ाने के लिए बांस का उपयोग किया जा सकता है।
वन अनुसंधान केन्द्र में खाने वाले बांस की प्रजाति विकसित की गई है। इस बांस की कोपलों को खाने से बच्चों की लम्बाई बढ़ती है। इतना ही नहीं इस बांस में कैल्सियम भी खासी मात्रा में पाया जाता है। बांस की कोपलों को खाने से हड्डियां भी मजबूत होती हैं।
Disclaimer-यह खबर इंटरनेट से ली गयी है। डॉक्टर से सुझाव के बिना खुद से कोई कार्य ना करें अन्यथा इसके जिम्मेदार आप खुद होंगे। इसलिए हम यह खबर की पुष्टि नहीं करते।
यह भी पढ़े:वृश्चिक राशि को सबसे शक्तिशाली राशि क्यों माना जाता है?
साभार-hindi.news18.com