Do organic farming to maintain soil fertility – मिट्टी की उर्वरा शक्ति बरकरार रखने के लिए करें जैविक खेती , बेगुसराय न्यूज
खोदावन्दपुर, निज प्रतिनिधि। मिट्टी की उर्वरा शक्ति बरकरार रखने के लिए किसान जैविक खेती पर बल दें। यह बात 5 दिसंबर विश्व मृदा दिवस के अवसर पर मंगलवार को कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर के परिसर में…
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,बेगुसरायTue, 05 Dec 2023 08:30 PM
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खोदावन्दपुर, निज प्रतिनिधि। मिट्टी की उर्वरा शक्ति बरकरार रखने के लिए किसान जैविक खेती पर बल दें। यह बात 5 दिसंबर विश्व मृदा दिवस के अवसर पर मंगलवार को कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर के परिसर में आत्मा व केवीके के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कृषक गोष्ठी के अवसर पर वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ. रामपाल ने कही। उन्होंने कहा कि इस बार विश्व मृदा दिवस का विषय “मिट्टी की लवणता को रोकें, मिट्टी की उर्वरता उत्पादकता को बढ़ावा दें” पर किसानों को जागरूक किया गया। कृषि वैज्ञानिक डाक्टर सुषमा टम्टा कृषकों को संतुलित उर्वरक के प्रयोग के साथ-साथ रासायनिक उर्वरक के कम प्रयोग एवं जैविक उत्पाद के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रेरित किया। डा. पाटिल ने मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन के अंतर्गत किसान भाई बहन को मृदा जांच के आधार पर द्वितीयक एवं लघु पोषक तत्व सहित उर्वरकों का प्रयोग, फसल अवशेष को नहीं जलाने, फसल अवशेषों को मिट्टी में मिलाने एवं न्यूनतम जुताई के नवीनतम तकनीक की जानकारी दी गई। इस अवसर पर कार्यक्रम सहायक (लैब टेक) अंशुमान द्विवेदी ने मिट्टी के ऑर्गेनिक कार्बन का रखरखाव के साथ-साथ कंपोस्ट, हरी खाद एवं जैव उर्वरकों के प्रयोग की जानकारी दी। कार्यक्रम का उदघाटन डॉक्टर रामपाल, मनोज कुमार तथा शालिग्राम सिंह ने संयुक्त रूप से किया। मौके पर बेगूसराय जिले के दर्जनों किसान व नवादा जिला के 10 किसान मौजूद थे।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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खोदावन्दपुर, निज प्रतिनिधि। मिट्टी की उर्वरा शक्ति बरकरार रखने के लिए किसान जैविक खेती पर बल दें। यह बात 5 दिसंबर विश्व मृदा दिवस के अवसर पर मंगलवार को कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर के परिसर में…
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खोदावन्दपुर, निज प्रतिनिधि। मिट्टी की उर्वरा शक्ति बरकरार रखने के लिए किसान जैविक खेती पर बल दें। यह बात 5 दिसंबर विश्व मृदा दिवस के अवसर पर मंगलवार को कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर के परिसर में आत्मा व केवीके के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कृषक गोष्ठी के अवसर पर वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ. रामपाल ने कही। उन्होंने कहा कि इस बार विश्व मृदा दिवस का विषय “मिट्टी की लवणता को रोकें, मिट्टी की उर्वरता उत्पादकता को बढ़ावा दें” पर किसानों को जागरूक किया गया। कृषि वैज्ञानिक डाक्टर सुषमा टम्टा कृषकों को संतुलित उर्वरक के प्रयोग के साथ-साथ रासायनिक उर्वरक के कम प्रयोग एवं जैविक उत्पाद के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रेरित किया। डा. पाटिल ने मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन के अंतर्गत किसान भाई बहन को मृदा जांच के आधार पर द्वितीयक एवं लघु पोषक तत्व सहित उर्वरकों का प्रयोग, फसल अवशेष को नहीं जलाने, फसल अवशेषों को मिट्टी में मिलाने एवं न्यूनतम जुताई के नवीनतम तकनीक की जानकारी दी गई। इस अवसर पर कार्यक्रम सहायक (लैब टेक) अंशुमान द्विवेदी ने मिट्टी के ऑर्गेनिक कार्बन का रखरखाव के साथ-साथ कंपोस्ट, हरी खाद एवं जैव उर्वरकों के प्रयोग की जानकारी दी। कार्यक्रम का उदघाटन डॉक्टर रामपाल, मनोज कुमार तथा शालिग्राम सिंह ने संयुक्त रूप से किया। मौके पर बेगूसराय जिले के दर्जनों किसान व नवादा जिला के 10 किसान मौजूद थे।
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