Divya Kala Mela: दिव्यांग कलाकारों का हुनर देख दांतों तले दबा लेंगे उंगली, 19 राज्यों से 108 कलाकार आए हैं भोपाल
दिव्य कला मेले में घर सज्जा, लाइफस्टाइल, कपड़े, स्टेशनरी और पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद, खाद्य और जैविक उत्पाद, खिलौने और उपहार, व्यक्तिगत उपकरण, आभूषण आदि उपलब्ध हैं। यहां पर आने वाले लोग जमकर खरीदी कर रहे हैं। यहां जम्मू-कश्मीर और उत्तर पूर्व राज्यों सहित देश के विभिन्न हिस्सों के उत्पादों के साथ-साथ हस्तशिल्प, हथकरघा, कढ़ाई कार्यों और खाद्य पदार्थों का प्रदर्शन किया जा रहा है।
पेन से लिखो फिर गमले में डाल दो
एक स्टॉल में ऐसे पेन की बिक्री की जा रही है जो पूरी तरह कागज से बना है। इससे किसी भी तरह का पर्यावरण को नुकसान नहीं होता। इसे इस्तेमाल करने के बाद इसे मिट्टी में लगा दिया जाये तो वहां पौधा उग आता है। यहां पर ई-वेस्ट को रिसाइकिल करके भी उत्पाद बनाए गए हैं।
पाश्मीना कलाकारी मोह रही मन
यहां पर जम्मू-कश्मीर से आए कलाकार की तरफ से कपड़ों में शॉल भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। दोनों पैरों से दिव्यांग कलाकार इन कपड़ों को बनाए हैं। इन कपड़ों और शॉलों को देखकर कोई भी मुग्ध हो सकता है।
केंद्र सरकार कर रही है पहल
दिव्यांगजन को उद्यमी और शिल्पकार के रूप में गढ़ने के लिए केंद्र सरकार की तरफ इस मेले में दिव्यांगजनों को नि:शुल्क स्टॉल आवंटित किए गए हैं। इसका लक्ष्य यह है कि दिव्यांगजन कलाकार अपनी प्रतिभा को बड़े शहर और बड़े मंच में प्रदर्शित कर सकें। यहां पर प्रदर्शित किये जा रहे सभी उत्पाद पर्यावरण संरक्षण करने वाले हैं।
आयोजकों ने बताया कि भारत सरकार के केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की तरफ दिव्यांगजनों को हर संभव सहायता प्रदान करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य ये ऐसे मेले आयोजित किये जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने विशेष रूप से दिव्यांगजनों के बीच उद्यमिता और शिल्प कौशल को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं तैयार की हैं। इसी के तहत दिव्यांग भाइयों और बहनों को प्रशिक्षण, कौशल और वित्त प्रदान करने के उद्देश्य से यह आयोजन किया जा रहा है।
रिपोर्ट: दीपक राय
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