Dharbhanga Terror Connection : दंरभंगा पहले भी था आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन का सेफ जोन, यासीन भटकल यहीं से हुआ था गिरफ्तार
बेंगलुरु का चिन्नास्वामी स्टेडियम ब्लास्ट हो या फिर दिल्ली के धमाके हर मामले से दरभंगा से आतंकियों के कनेक्शन जुड़ने लगे। इसके बाद मामले की गहराई से जांच शुरू हुई तो इंडियन मुजाहिदीन के दरभंगा मॉड्यूल का खुलासा हुआ। भारत बांग्लादेश और नेपाल की सीमा के नजदीक का यह इलाका लंबे समय से आंतकियों के लिए सेफ जोन बना हुआ था।
दरभंगा : प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई (PFI) से कनेक्शन को लेकर दरभंगा सुर्खियों में रहा है। पटना के फुलवारीशरीफ थाने में दर्ज आतंकी साजिश की एफआईआऱ (FIR) में दरभंगा के नूरूद्दीन जंगी, मो. सनाउल्लाह और मो. मुस्तिकिन के नाम संदिग्ध के रूप में दर्ज हैं। इनके ठिकानों पर एनआईए लगातार रेड कर रही है। इसके पहले भी दरभंगा का आतंकी कनेक्शन रहा है। यहां कभी भारत के कुख्यात आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने अपनी जड़ें जमाई थीं। जिसके जरिए उसने यहां से साल 2011-12 से इंडियन मुजाहिद्दीन (IM) ने आतंकियों की भर्ती की और देश के कई इलाकों में धमाके कर तबाही मचाई थी। बाद में एनआईए ने यहां दबिश बनाकर उस नेटवर्क को खत्म किया। इंडियन मुजाहिदीन के सरगना यासीन भटकल को इसी इलाके से भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया गया था।
धमाके के बाद कान हुए थे खड़े
आम तौर पर बिहार का दरभंगा और बिहार के मिथिलांचल का दिल माने जाने वाला यह इलाका शांत माना जा था। इसलिए ये खास तौर पर आतंकियों की पनाहगार के रूप में निशाने पर आ गया। दरभंगा को इंडियन मुजाहिदीन ने कई सालों तक अपने सेफ जोन के रूप में इस्तेमाल किया। जब बंगलुरु, चेन्नई, वाराणसी और दिल्ली जैसे शहरों में धमाके होने लगे तब इंटेलिजेंस एजेंसियों के कान खड़े हुए। बेंगलुरु का चिन्नास्वामी स्टेडियम ब्लास्ट हो या फिर दिल्ली के धमाके हर मामले से दरभंगा से आतंकियों के कनेक्शन जुड़ने लगे। इसके बाद मामले की गहराई से जांच शुरू हुई तो इंडियन मुजाहिदीन के दरभंगा मॉड्यूल का खुलासा हुआ।
यासीन भटकल ने दरभंगा को बनाया था इंडियन मुजाहिद्दी का गढ़
इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक यासीन भटकल ने बहुत चालाकी के साथ दरभंगा को अपना अड्डा बनाया था। उसने यहां सबसे पहले कादिराबाद के एक साइकिल का पंक्चर बनाने वाले मो. कफील के घर होमियोपैथी के डॉक्टर के रूप में बैठना शुरू किया। वह मुफ्त में गरीबों का इलाज करता था। धीरे-धीरे जब उसकी पैठ बढ़ती गई। उसने यहीं एक लड़की से शादी कर ली। उसके बाद वह एक समुदाय विशेष के लोगों में घुल मिल गया। यासीन भटकल ने दरभंगा के केवटी, जाले, सिंहवाड़ा, हायाघाट और सीमा से लगे पड़ोसी जिले समस्तीपुर के कल्याणपुर इलाके के कई युवकों को इंडियन मुजाहिदीन में भर्ती की। इनके माध्यम से देश के कई शहरों में बम ब्लास्ट करने के आरोप लगे। इन मामलों में दर्जन भर से ज्यादा युवा गिरफ्तार हुए जिनमें से कई अब तक जेलों में बंद हैं। एनआईए समेत तमाम एजेंसियां उन मामलों की जांच कर रही हैं।
दरभंगा से NBT के लिए विजय कुमार की रिपोर्ट
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Web Title : Hindi News from Navbharat Times, TIL Network
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बेंगलुरु का चिन्नास्वामी स्टेडियम ब्लास्ट हो या फिर दिल्ली के धमाके हर मामले से दरभंगा से आतंकियों के कनेक्शन जुड़ने लगे। इसके बाद मामले की गहराई से जांच शुरू हुई तो इंडियन मुजाहिदीन के दरभंगा मॉड्यूल का खुलासा हुआ। भारत बांग्लादेश और नेपाल की सीमा के नजदीक का यह इलाका लंबे समय से आंतकियों के लिए सेफ जोन बना हुआ था।
आम तौर पर बिहार का दरभंगा और बिहार के मिथिलांचल का दिल माने जाने वाला यह इलाका शांत माना जा था। इसलिए ये खास तौर पर आतंकियों की पनाहगार के रूप में निशाने पर आ गया। दरभंगा को इंडियन मुजाहिदीन ने कई सालों तक अपने सेफ जोन के रूप में इस्तेमाल किया। जब बंगलुरु, चेन्नई, वाराणसी और दिल्ली जैसे शहरों में धमाके होने लगे तब इंटेलिजेंस एजेंसियों के कान खड़े हुए। बेंगलुरु का चिन्नास्वामी स्टेडियम ब्लास्ट हो या फिर दिल्ली के धमाके हर मामले से दरभंगा से आतंकियों के कनेक्शन जुड़ने लगे। इसके बाद मामले की गहराई से जांच शुरू हुई तो इंडियन मुजाहिदीन के दरभंगा मॉड्यूल का खुलासा हुआ।
यासीन भटकल ने दरभंगा को बनाया था इंडियन मुजाहिद्दी का गढ़
इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक यासीन भटकल ने बहुत चालाकी के साथ दरभंगा को अपना अड्डा बनाया था। उसने यहां सबसे पहले कादिराबाद के एक साइकिल का पंक्चर बनाने वाले मो. कफील के घर होमियोपैथी के डॉक्टर के रूप में बैठना शुरू किया। वह मुफ्त में गरीबों का इलाज करता था। धीरे-धीरे जब उसकी पैठ बढ़ती गई। उसने यहीं एक लड़की से शादी कर ली। उसके बाद वह एक समुदाय विशेष के लोगों में घुल मिल गया। यासीन भटकल ने दरभंगा के केवटी, जाले, सिंहवाड़ा, हायाघाट और सीमा से लगे पड़ोसी जिले समस्तीपुर के कल्याणपुर इलाके के कई युवकों को इंडियन मुजाहिदीन में भर्ती की। इनके माध्यम से देश के कई शहरों में बम ब्लास्ट करने के आरोप लगे। इन मामलों में दर्जन भर से ज्यादा युवा गिरफ्तार हुए जिनमें से कई अब तक जेलों में बंद हैं। एनआईए समेत तमाम एजेंसियां उन मामलों की जांच कर रही हैं।
दरभंगा से NBT के लिए विजय कुमार की रिपोर्ट
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