Devendra Fadnavis: शरद पवार के साथ मीटिंग के बाद ही अजित पवार के साथ बनी थी सरकार, देवेंद्र फडणवीस का बड़ा दावा

5
Devendra Fadnavis: शरद पवार के साथ मीटिंग के बाद ही अजित पवार के साथ बनी थी सरकार, देवेंद्र फडणवीस का बड़ा दावा

Devendra Fadnavis: शरद पवार के साथ मीटिंग के बाद ही अजित पवार के साथ बनी थी सरकार, देवेंद्र फडणवीस का बड़ा दावा


मुंबई: महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने आज एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि 23 नवंबर 2019 की सुबह हुई शपथ विधि एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार (Sharad Pawar) की सहमति से हुई थी। हालांकि, यह सरकार महज 72 घंटों के भीतर ही गिर गई थी। फडणवीस ने कहा कि शरद पवार से चर्चा के बाद मैंने और अजित पवार (Ajit Pawar) ने सुबह के समय मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। देवेंद्र फडणवीस के इस दावे के बाद महाराष्ट्र की सियासत में हड़कंप मचा हुआ है। एनसीपी (NCP) के नेता डिफेंसिव मोड में आकर बयानबाजी कर रहे हैं। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उस समय ऐसा माहौल चल रहा था कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray), कांग्रेस और एनसीपी के साथ मीटिंग और चर्चा कर रहे थे। तब तक यह समझ में आ चुका था कि उद्धव ठाकरे इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उसी दौरान हमें भी एनसीपी की तरफ से ऑफर आया। एनसीपी की तरफ से यह कहा गया कि हमें एक स्टेबल गवर्नमेंट की जरूरत है, इसलिए हम मिलकर सरकार बनाते हैं। जब राजनीति में कोई व्यक्ति आपको धोखा देता है तो आप एक-दूसरे का चेहरा देखते हुए नहीं बैठ सकते। इसलिए हमने भी उनके ऑफर को स्वीकार किया और उनसे इस विषय पर चर्चा की।

फडणवीस ने कहा कि मैं बड़े ही स्पष्ट शब्दों में यह कह रहा हूं कि यह सारी बातचीत एनसीपी प्रमुख शरद पवार से हुई थी। किसी निचले स्तर के नेता से यह बातचीत नहीं हुई थी। उनसे बातचीत के बाद ही सब कुछ तय हुआ था लेकिन बाद में यह तमाम चीजें कैसे पलट गईं, यह सब कुछ आपने भी देखा है। इस मुद्दे पर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस एक सुसंस्कृत और सभ्य इंसान हैं। बावजूद इसके इतनी बड़ी बात उन्होंने किस आधार पर कही, यह मुझे पता नहीं। वह इस तरह का बयान देंगे मुझे कभी लगा नहीं था।

एनसीपी के साथ भी विश्वासघात मिला
फडणवीस ने कहा कि इस तरह से हमें एनसीपी के साथ भी विश्वासघात मिला। हालांकि, पहले व्यक्ति ने हमें ज्यादा बड़ा धोखा दिया था क्योंकि वह कोई अनजान नहीं बल्कि अपना आदमी था। फडणवीस ने कहा कि आप इसे सुबह की शपथविधी कहें या फिर आधी रात की। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि अब यह गुजरे जमाने की बात हो चुकी है।

पवार के बचाव में आये अशोक चव्हाण
इस मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने शरद पवार का बचाव किया है। चव्हाण ने कहा कि शरद पवार कभी छुपकर राजनीति नहीं करते हैं, यह उनका स्वभाव नहीं है। अशोक चव्हाण ने कहा कि चुनाव के मौके पर देवेंद्र फडणवीस ने बयान दिया है। शरद पवार एक बेहद वरिष्ठ नेता है वह कभी इस तरह की बात नहीं कर सकते। उन्होंने आज तक हर काम खुलेआम किया है, छुपकर राजनीति करना उनका स्वभाव नहीं है।

सरकार बनाने का मामला क्या है?
साल 2019 में जब विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना और बीजेपी के बीच में मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद हो गया। उसके बाद उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मीटिंग का दौर शुरू किया था। इस मीटिंग में सरकार बनाने को लेकर चर्चाएं चल रही थी। इसी बीच अजीत पवार और देवेंद्र फडणवीस ने अचानक 23 नवंबर की सुबह-सुबह मुंबई के राज भवन में तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की मौजूदगी में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। बता दें कि जब सरकार बनाने के मुद्दे पर शिवसेना और बीजेपी के बीच में कोई बात बनती हुई नजर नहीं आई।

तब काफी समय बीत जाने के बाद केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र में 12 नवंबर 2019 को राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। हालांकि, कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के बीच में गठबंधन बनाने के संबंध में चर्चाओं का दौर शुरू था। बाद में शरद पवार ने इस बात की घोषणा की थी कि उद्धव ठाकरे की अगुवाई में सर्वसम्मति से महाविकास अघाड़ी सरकार का गठन किया जाएगा।

राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News