DEO : मान्यता निरस्त हुई तो स्कूल संचालकों ने खोला मोर्चा | DEO: Recognition canceled, school operators opened front | Patrika News

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DEO : मान्यता निरस्त हुई तो स्कूल संचालकों ने खोला मोर्चा | DEO: Recognition canceled, school operators opened front | Patrika News
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DEO : मान्यता निरस्त हुई तो स्कूल संचालकों ने खोला मोर्चा | DEO: Recognition canceled, school operators opened front | Patrika News

इंदौर जिले में निजी स्कूलों की मान्यता को लेकर लंबे समय से असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। लोक सेवा गारंटी के दायरे में मान्यता नवीनीकरण होने से तय समय सीमा में आवेदनों का निराकरण किया जाना था। वहीं अपील का भी प्रावधान है। इंदौर जिले के 296 स्कूलों की मान्यता नवीनीकरण जिला शिक्षा अधिकारी ने बीआरसी की अनुशंसा के बाद भी निरस्त कर दी। मान्यता निरस्त किए जाने से स्कूल में पढ़ाई कर रहे छात्रों के भविष्य संकट छा गया है।

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कलेक्टर करेंगे अपील की सुनवाई एमपी बोर्ड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के एक प्रतिनिधि मंडल ने 296 स्कूलों की मान्यता निरस्त होने के मामले व अन्य विषयों के संबंध में शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार और राज्य शिक्षा केंद्र आयुक्त के धनराजू से मुलाकात कर मामले से अवगत कराया। एसोसिएशन प्रदेश उपाध्यक्ष गोपाल सोनी, नगर अध्यक्ष अरुण खरात ने बताया कि उन्होंने आश्वासन दिया है कि सभी की मान्यता बहाल होगी। कमिश्नर के धनराजू ने कहा है कि प्रदेश के सभी कलेक्टरों को वह चिठ्ठी लिखकर सूचित करेंगे कि विद्यालयों के प्रथम अपील की सुनवाई शीघ्र शुरू की जाए। एसोसिएशन की ओर से 18-19, 19-20 की फीस प्रतिपूर्ति का प्रपोजल दोबारा खोलने की मांग रखी गई है।

डीईओ कार्यालय पर प्रदर्शन दूसरी ओर इंदौर सहयोग अशासकीय विद्यालय संघ ने भी मान्यता निरस्त किए जाने के मामले में मोर्चा खोला। सोमवार को विरोध स्वरूप जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ ) कार्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन देकर एकपक्षीय कार्रवाई का विरोध किया। संघ ने कहा कि नियमानुसार मान्यता निरस्ती के बाद अपील का प्रावधान है, जिसका अवसर संस्थाओं को नहीं दिया गया है। जिनकी मान्यता निरस्त की गई, वे विद्यालय लम्बे समय से संचालित हैं और इनमें से अधिकतर हाई स्कूल व हायर सेकंडरी मान्यता प्राप्त हैं।

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संस्था के अजय कुशवाह व आशीष तिवारी ने बताया कि आरटीई मान्यता अधिनियम के अनुसार राज्य शिक्षा केन्द्र के आदेश थे कि विद्यालयों को मान्यता संबंधी किसी भी प्रकार के दस्तावेज हार्ड कॉपी में जमा नहीं करना हैं, मान्यता संबंधी समस्त प्रक्रिया ऑनलाइन रहेगी। जिसके उपरांत भी दस्तावेज अप्राप्त होने की वजह बता कर मान्यताओं को निरस्त किया गया है। ऐसी मान्यताओं को भी निरस्त कर दिया गया है जिनकी अनुशंसा विकासखंड अधिकारी ने भौतिक सत्यापन उपरांत की थी। संघ ने मांग की है कि मान्यताओं को तुरंत बहाल कर इन स्कूलों को आरटीई प्रवेश के लिए दूसरे चरण में अवसर दिया जाए। नहीं तो संस्था हाईकोर्ट में जाने के लिए बाध्य होगी।



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