दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कालेज में लड़कियां माल हो गई हैं? मामला समझिये तो सही

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ये हम नहीं कह रहे हैं ये तो हिंदू कॉलेज के फ्रेशर पार्टी में वहां के कार्यक्रम आयोजकों ने लिखित रूप से कहा है, ये जो तस्वीर आप देख रहे हैं वो सच्ची है और ये सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रही है।

सालों से पितृसत्तात्मक समाज में लड़कियों को वस्तुओं की तरह देखा जाता रहा है। कुछ मौके ऐसे भी होते हैं जब लड़के अनजाने में ही लड़की को अपने अफेक्शन, इच्छाओं और ज़रूरत के हिसाब से सामान की तरह समझ लेते हैं। ऐसा ही एक मामला दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज में देखने में आया। हिंदू कॉलेज की फ्रेशर पार्टी में बुलावे के लिए जो साइन बोर्ड लगाए गए उनमें लिखा था ‘हिंदू में ‘माल’ और ‘माल’ दोनों मिलता है’। सोशल मीडिया पर साइन बोर्ड का ये फोटो वायरल हो रहा है।

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पिंजड़ा तोड़ : ब्रेक द हॉस्टल लॉक्स नाम के फेसबुक पेज पर एक पोस्ट लिखी गई है जिसे कई लोग शेयर कर रहे हैं। इस पोस्ट में ब्रजेश तिवारी – हिंदू कॉलेज प्राइम मिनिस्टर नाम के पेज का लिंक दिया गया है। इस पेज पर सबसे पहले इस साइन बोर्ड के बारे में लिखा गया।

पिंजड़ा तोड़ ने ब्रजेश तिवारी की फेसबुक पोस्ट को शेयर करते हुए उसके साथ में लिखा है –

यह एक साइन है जो दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी कैम्पस के ‘फेमस’ कॉलेज की फ्रेशर पार्टी में छात्रों के स्वागत के लिए लगाया गया है। कई तरह से पितृसत्ता हर दिन हमारे कैम्पस में खुद को पुष्ट करती है, हम भले ही एक विश्वविद्यालय में पढ़ रहे हों, क्लास में एक साथ बैठते हों, लेकिन पुरुषों के बीच महिलाओं को सेक्सुअल ऑब्जेक्ट्स की ही तरह देखा जाता है।

हर रोज़ इसके लिए लड़ना थका देने वाला है लेकिन फिर भी हम लड़ रहे हैं और लड़ेंगे, साथ में लड़ेंगे।

पितृ सत्ता की खोल दे पोल, पिंजरा तोड़, पिंजरा तोड़

इसके नीचे फेसबुक पेज पिंजरा तोड़ ने ब्रजेश तिवारी नाम के फेसबुक पेज पर लिखी गई पोस्ट को शेयर किया है। इस पोस्ट में लिखा है –

हिंदू कॉलेज पार्लियामेंट (बृजेश तिवारी – हिंदू कॉलेज प्राइम मिनिस्टर) इस पोस्टर की निंदा करते हैं –

यह पोस्ट हिंदू कॉलेज परिसर में फ्रेशर्स डे पर “यहां ‘माल’ और ‘माल’ दोनों मिलता है” पोस्टर के संदर्भ में है। हिंदू कॉलेज पार्लियामेंट लैंगिकतावादी और महिलाओं के प्रति घृणा भरे पोस्टरों को कैम्पस में या कहीं भी और लगाने की निंदा करती है। हिंदू कॉलेज की पार्लियामेंट लैंगिक समानता के स्तर पर पहुंचना अपना पहला और ज़रूरी काम मानती है। महिलाओं के प्रति दुर्व्यवहारवादी रवैये को खत्म करके सभी लोगों के लिए समानता को लाना ही हमारा प्रयास है। हमें लगता है कि इस तरह की बात लिखे हुए पोस्टरों का इस्तेमाल महिलाओं के प्रति समानता को लाने में एक बाधा बन जाते हैं। पार्लियामेंट यकीन दिलाती है कि वह इस तरह के सभी कामों को खत्म करने की पूरी कोशिश करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के खिलाफ छात्रों का अभियान कभी कमज़ोर नहीं होना चाहिए।

हम इस मुद्दे से प्रभावित होने वाले सभी लोग इन प्वाइंट को समझें और इनका पालन करें –

  1. महिलाओं के साथ होने वाले गलत व्यवहार को रचने वाले जो इस तरह की बातों को लिखते हैं वे बहुत गहराई तक इसमें घुसे हुए हैं और इतने विवेकपूर्ण ढंग से ये काम करते हैं कि हमारे परिसर में आने वाले स्टूडेंट्स मुश्किल से ही इस तरह से लिखी गई बातों से जुड़ी क्रूरता को समझ पाएंगे। दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह की बातें सदियों से होती आ रही हैं, इनमें कुछ भी नया नहीं है। हम इस पर पूरा काम करेंगे कि इस तरह की बातें जो फैशन बनती जा रही हैं, उन्हें खत्म कर सकें और कोई भी इनका इस्तेमाल न करे।
  2. यह आयोजकों के हिस्से पर प्रशासनिक चूक का मुद्दा है। हमने सही समय पर ये देख लिया और पोस्टरों को हटा दिया। भविष्य में इस संबंध में हिंदू कॉलेज की पार्लियामेंट सतर्क रहे, इसका प्रयास किया जाएगा।
  3. हम हिंदू कॉलेज की स्टूडेंट बॉडी पर गर्व करते हैं, लड़के और लड़कियां जिन्होंने हमें चुना है, और जिन्होंने इन पोस्टरों का विरोध किया है, जिन्होंने हिंदू कॉलेज की पार्लियामेंट को प्रत्यक्ष रूप से ये बताने को अपना फर्ज माना, जिसे उन्होंने चुना है, हमें उन सब पर गर्व है।

अपने छात्र निकाय की मदद से, बिना रुके और साहसपूर्वक महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार के खिलाफ हम प्रदर्शन करते रहेंगे।