Delhi Population: 1.4 की फर्टिलिटी रेट के साथ स्थिर जनसंख्या की ओर बढ़ रही है दिल्ली, होगा यह फायदा

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Delhi Population: 1.4 की फर्टिलिटी रेट के साथ स्थिर जनसंख्या की ओर बढ़ रही है दिल्ली, होगा यह फायदा

Delhi Population: 1.4 की फर्टिलिटी रेट के साथ स्थिर जनसंख्या की ओर बढ़ रही है दिल्ली, होगा यह फायदा

नई दिल्ली:दिल्ली की आबादी स्थिर होने के संकेत मिल रहे हैं। दिल्ली में औसतन एक महिला अपने फर्टिलिटी पीरियड (प्रजनन अवधि) में सिर्फ 1.4 बच्चे को जन्म दे रही है, जो देश की प्रजनन दर 2.1 से काफी कम है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह बहुत अच्छे संकेत हैं। रिसोर्स का बेहतर इस्तेमाल होगा, इकॉनमी ग्रोथ में इजाफा होगा और इससे जनसंख्या नियंत्रण में भी बड़ी मदद मिलेगी। हालांकि, एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि दीर्घकाल में इसका असर कैसा होगा, इस पर अभी से योजना बनाने की जरूरत है।

दिल्ली सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, प्रजनन दर में लगातार गिरावट दर्ज हुई है। 2012 में दिल्ली की प्रजनन दर 1.8 थी, जो 2013 से लेकर 2017 के बीच लगातार तीन साल यह दर 1.7 रही। 2016 में यह कम होकर 1.6 दर्ज हुई। 2017 तक यह और कम होकर 1.5 पाई गई, तो 2020 में कम होकर 1.4 पर आ गई। सर्वे से साफ हो रहा है कि 2012 से लगातार इसमें कमी ही हो रही है।

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हेल्थ एक्सपर्ट और दिल्ली मेडिकल काउंसिल के प्रेजिडेंट डॉक्टर अरुण गुप्ता ने कहा कि यह बहुत राहत की बात है, क्योंकि पूरे देश की प्रजनन दर 2.1 है, जबकि दिल्ली की 1.4 रही है। साधारण शब्दों में समझें तो इसका मतलब यह है कि एक आम महिला अपनी प्रजनन अवधि में औसतन सिर्फ 1.4 बच्चे को जन्म दे रही है। आमतौर पर 2 बच्चे को जनसंख्या के अनुसार स्थिर माना जाता है, लेकिन दिल्ली में यह उससे भी कम है।

गायनी एक्सपर्ट डॉक्टर अर्चना धवन बजाज ने कहा कि यह डेटा बता रहा है कि दिल्ली में जनसंख्या नियंत्रण की स्थिति बेहतर हो रही है। आबादी स्टेबल हुई है। एक समय था कि एक महिला कई बच्चे को जन्म देती थी, लेकिन अब इसमें कमी आनी शुरू हो गई है। इसका फायदा यह है उपलब्ध रिसोर्स का बेहतर इस्तेमाल होगा। लोगों की आमदनी बढ़ेगी। वहीं, डॉक्टर अरुण ने कहा कि पश्चिमी देशों में फर्टिलिटी दर कम होती है, वहां इसकी वजह देर से शादी, महिलाओं का अपने पैरों पर खड़ा होना, बेहतर फैमिली प्लानिंग आदि है।

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उन्होंने कहा कि पहले जन्म के बाद बच्चों की मौत की दर काफी ज्यादा होती थी। इसलिए कुछ लोग कई बच्चे पैदा करते थे। उन्हें डर था कि कोई मर जाए तो क्या होगा? अब छोटे बच्चे की मौत की दर में भी कमी आई है, इसलिए लोग भी कम बच्चों को जन्म दे रहे हैं। दुनिया में सबसे कम फर्टिलिटी दर साउथ कोरिया और जापान की है। लेकिन अभी भारत उससे कहीं दूर है। अभी भारत के ग्रोथ के लिए यह बहुत ही बेहतर रिपोर्ट है।

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