Delhi Pollution: दो-दो हफ्ते तक लोगों की खांसी नहीं हो रही है कम, एक्सपर्ट बोले- प्रदूषण से बीमारियां और गंभीर हुई

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Delhi Pollution: दो-दो हफ्ते तक लोगों की खांसी नहीं हो रही है कम, एक्सपर्ट बोले- प्रदूषण से बीमारियां और गंभीर हुई
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Delhi Pollution: दो-दो हफ्ते तक लोगों की खांसी नहीं हो रही है कम, एक्सपर्ट बोले- प्रदूषण से बीमारियां और गंभीर हुई

विशेष संवाददाता, नई दिल्लीः दिल्ली की आबोहवा में अभी सांस लेना दूभर हो गया है। हर सांस के साथ पल्यूशन के कण शरीर में पहुंच रहे हैं। पल्यूशन के ये कण बच्चों से लेकर युवाओं और बुजुर्गों को बीमार कर रहे हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि अभी वायरल भी चल रहा है। साथ में पल्यूशन भी है। इस वजह से खांसी लंबे समय तक परेशान कर रही है। दो दो हफ्ते तक खांसी नहीं जा रही है। कुछ लोगों में अस्थमा के अटैक के साथ निमोनिया हो रहा है। सांस लेने में दिक्कत हो रही है। ऐसे लोगों को इलाज के लिए एडमिट भी करना पड़ा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि अभी ओपीडी सांस के मरीजों से भरी पड़ी है। हर कोई परेशान हैं। बुजुर्गों के लिए यह मौसम काफी खतरनाक हो रहा है।

मरीज बढ़े और पलूशन से बीमारी भी हुई गंभीर

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एम्स के रेसपिरेटरी विभाग के एक्सपर्ट डॉक्टर करण मदान ने बताया कि सांस के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। आंखों में इरिटेशन के साथ साथ खांसी हो रही है। अस्थमा और सीओपीडी के मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है। इमरजेंसी में भी ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है। पिछले कुछ सालों से तुलना करें तो कोई बड़ी कमी नहीं आई है। अभी भी पल्यूशन की वजह से लोग काफी बीमार पड़ रहे हैं। इन दिनों मौसम में बदलाव की वजह से वायरल का अटैक भी हो रहा है। ऐसे लोगों में खांसी काफी लंबी चल रही है।

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मरीजों से भरी हुई है ओपीडी

आकाश हॉस्पिटल के रेसपिरेटरी विभाग के एक्सपर्ट डॉक्टर अक्षय बुद्धराजा ने बताया कि बच्चे हो या युवा या फिर बुजुर्ग। ओपीडी पूरी तरह से ऐसे मरीजों से भरी हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 दिनों में यह बदलाव देखा जा रहा है। अस्थमा के अटैक काफी बढ़ गए हैं। औसतन रोज दो से तीन मरीज वह खुद एडमिट कर रहे हैं। कुछ लोगों में निमोनिया भी हो रहा है। डॉक्टर ने कहा कि अभी न केवल मरीजों की संख्या बढ़ी है, बल्कि मरीजों में बीमारी की गंभीरता भी ज्यादा हो रही है। कुल मिलाकर अभी का मौसम खराब है और जितना संभव है इससे बचने की जरूरत है।

सांस लेने में दिक्कत, ऑक्सीजन लेवल कम

बीएलके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के रेसपिरेटरी विभाग के डॉक्टर संदीप नय्यर ने कहा मरीजों की संख्या काफी बढ़ी है। उनके वॉर्ड में अभी कई ऐसे मरीज एडमिट हैं, जिन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उनका ऑक्सीजन लेवल भी कम हो गया था। डॉक्टर ने कहा कि यह मौसम तो हर उम्र के लिए खतरनाक है, लेकिन बुजुर्गों के लिए तो सबसे अधिक परेशान करने वाला है। पहले से बीमार और अस्थमा के मरीजों का अटैक बढ़ हा रहा है। उनकी दवा काम नहीं कर रही है। दवा के डोज बढ़ाने पड़ रहे हैं। दो दो हफ्ते तक खांसी कम नहीं हो रही है। लंग्स में संक्रमण हो जा रहा है। इलाज भी लंबा चल रहा है।

​इंडोर पल्यूशन को लोग समझ नहीं रहे हैं

डॉक्टर अक्षय ने कहा कि सबसे बड़ी परेशानी यह है कि दिल्ली में इस समय इंडोर पल्यूशन भी कम नहीं है। उसका स्तर पर भी खतरनाक लेवल से ज्यादा है। जो लोग घर के अंदर हैं, वह भी सुरक्षित नहीं है। खिड़की बंद रखने चाहिएं। अभी बाहर की हवा जितना कम आएगी, उतना बेहतर होगा। किचन में चिमनी नहीं होती है, इसे लगाने की जरूरत है। किचन के अंदर का पल्यूशन इससे बाहर होता है। इसी प्रकार जिन घरों में एग्जॉस्ट नहीं है, उन्हें लगाना चाहिए। इससे घर के अंदर का पल्यूशन कम करने में मदद मिल सकती है। प्यूरीफायर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। डॉक्टर ने कहा कि इंडोर पौधे लगाना चाहिए, इससे बहुत फायदे होते हैं। उन्होंने कहा कि घर के अंदर का पल्यूशन कम रखने के लिए अगरबत्ती न जलाएं, हवन नहीं करें, मच्छर को मारने वाले रिप्लीकेंट न जलाएं। इससे घर के अंदर का पल्यूशन बढ़ता है। इस समय बुजुर्गों को घर से कम से कम बाहर निकलना चाहिए, वॉक पर जाने से भी बचना चाहिए।

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