दिल्ली पुलिस ने भारतीय वायुसेना के एक अफसर को खुफिया जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने और उसको गोपनीय दस्तावेज मुहैया कराने के आरोप में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह (51 साल) को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. सूत्रों के अनुसार कुछ माह पहले आईएसआई के एक एजेंट ने लड़की बनकर मारवाह से संपर्क किया था.
हनी ट्रैप में फंसा कैप्टेन
पुलिस उपायुक्त (विशेष सेल) प्रमोश कुशवाहा ने अरुण की गिरफ्तारी की पुष्टि की है. जानकारी के मुताबिक़ अरुण अपने स्मार्टफोन के जरिए भारतीय वायुसेना मुख्यालय में चल रहे युद्धाभ्यास से जुड़े वर्गीकृत दस्तावेजों की तस्वीरें लेकर उन्हें व्हाट्सएप के जरिए भेज रहे थे. ग्रुप कैप्टन की गतिविधियां संदिग्ध पाए जाने के बाद 31 जनवरी को उन्हें वायुसेना ने हिरासत में ले लिया था. एक अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि पिछले साल दिसंबर-मध्य में अरुण को आईएसआई ने दो फेसबुक अकाउंट्स के जरिए हनी-ट्रैप में फंसाया. मॉडल्स की प्रोफाइल के पीछे आईएसआई एजेंट काम कर रहे थे. एक-दो सप्ताह तक गर्मागर्म बातचीत के बाद, अरुण वायुसेना के अभ्यास से जुड़ी जानकारी देने को तैयार हो गए.
सूत्रों के अनुसार कुछ माह पहले आईएसआई के एक एजेंट ने लड़की बनकर मारवाह से संपर्क किया था. इसके बाद दोनों में फोन पर लगातार चैटिंग होने लगी. दोनों एक दूसरे को अश्लील मैसेज भेजते थे. लड़की के रूप में पूरी तरह अपने जाल में फंसाने के बाद आईएसआई एजेंट ने उनसे कई गोपनीय दस्तावेज की मांग की. आरोप है कि उन्होंने कुछ गोपनीय दस्तावेज उसे मुहैया करा दिए. कुछ हफ्ते पहले एयरफोर्स के वरिष्ठ अधिकारी को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने आंतरिक जांच बैठा दी. जांच में मारवाह की जासूसी में संलिप्तता पाए जाने पर एयरफोर्स के वरिष्ठ अधिकारी ने दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक से इसकी शिकायत की. पटनायक ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्पेशल सेल को इसकी जांच सौंप दी.
कई अहम जानकारियाँ बांटी
पुलिस का कहना है कि अभी तक किसी तरह के वित्तीय लेन-देन के सबूत नहीं मिले हैं. पुलिस यही कह रही है कि अरुण सेक्स चैट के बदले खुफिया जानकारी दे रहे थे. अधिकतर दस्तावेज ट्रेनिंग और युद्ध से जुड़े हवाई अभ्यास के हैं. एक सूत्र ने कहा कि अरुण ने ‘गगन शक्ति’ नाम के अभ्यास की जानकारी आईएसआई को दी. छानबीन में पता चला है कि मामले की शुरुआत फेसबुक चैटिंग से हुई थी. पाकिस्तानी एजेंट उससे फेक अकाउंट के जरिए बातचीत करती थी. पाकिस्तानी महिला एजेंट ने रंजीत को जॉब ऑफर करने के बहाने संपर्क किया था. दोनों के बीच बातचीत फेसबुक, स्काइप और व्हाट्सएप पर हुई थी. इस दौरान रंजीत ने ऐसी कई गुप्त जानकारियां एजेंट को दे दीं, जो सेना के लिहाज से अहम थीं. उसने विमानों की सटीक संख्या का खुलासा कर दिया था.
पुलिस को और खुलासों की उम्मीद
पुलिस ने इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं बताया मगर जानकारी है कि स्पेशल सेल ने बृहस्पतिवार सुबह मुकदमा दर्ज कर मारवाह को गिरफ्तार कर लिया. अरुण को पटियाला हाउस स्थित मुख्य महानगर दंडाधिकारी दीपक सहरावत की कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें विशेष सेल द्वारा 5 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया गया. अरुण से लोधी कॉलोनी में सेल के मुख्यालय में पूछताछ की जा रही है. यह भी जांचा जा रहा है कि क्या अरुण के साथ कोई और भी आईएसआई के जाल में फंसा. स्पेशल सेल उनसे पूछताछ कर रही है लड़की बनकर भेंट करने वाले आईएसआई एजेंट को कौन-कौन से गोपनीय दस्तावेज मुहैया कराए गए हैं.
पुलिस की नज़र अब पाकिस्तानी हैंडलर्स और भेजे गए दस्तावेजों के बारे में ज्यादा जानकारी जुटाने पर है. वायुसेना अधिकारी के खिलाफ ऑफिशियल्स सीक्रेट्स एक्ट की धारा 3 और 5 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. स्पेशल सेल ने अरुण का फोन सीज कर फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है. उन्होंने वायुसेना मुख्यालय में अपनी पोस्टिंग के चलते कई खुफिया दस्तावेजों व योजनाओं तक पहुंच होने की बात स्वीकार की है.
हथियार बन गया है हनीट्रैप
गौरतलब है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI भारत में जासूसी करने के लिए हनीट्रैप का सहारा ले रही है. इसमें जवानों को मोहरा बनाया जा रहा है. साल 2015 में रंजीत केके नाम के एक एयरमैन को अरेस्ट किया गया था. बर्खास्त होने से पहले वह बठिंडा बेस पर तैनात था. उसे दिल्ली पुलिस के अपराध शाखा, सैन्य खुफिया और वायुसेना यूनिट ने ज्वाइंट ऑपरेशन चलाकर पकड़ा था. उसे एक पाकिस्तानी लेडी एजेंट ने अपने जाल में फंसाया था.