Delhi News | गिरफ्तारी के बावजूद CM बने रहना अरविंद केजरीवाल का फैसला निजी, छात्रों के अधिकार रौंद नहीं सकते | Navabharat (नवभारत)

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Delhi News | गिरफ्तारी के बावजूद CM बने रहना अरविंद केजरीवाल का फैसला निजी, छात्रों के अधिकार रौंद नहीं सकते | Navabharat (नवभारत)

Delhi News | गिरफ्तारी के बावजूद CM बने रहना अरविंद केजरीवाल का फैसला निजी, छात्रों के अधिकार रौंद नहीं सकते | Navabharat (नवभारत)

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (सौजन्य: पीटीआई फोटो)

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि अरविंद केजरीवाल का गिरफ्तारी के बावजूद मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का फैसला निजी है। उनकी अनुपस्थिति में दिल्ली नगर निगम विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मुफ्त पाठ्यपुस्तकों, लेखन सामग्री और वर्दी के बिना पहला सत्र पूरा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

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नई दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि अरविंद केजरीवाल का गिरफ्तारी के बावजूद मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का फैसला ‘निजी’ है; लेकिन इसका अभिप्राय यह नहीं है कि स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों के मौलिक अधिकारों को रौंद दिया जाए। उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि केजरीवाल की अनुपस्थिति में एमसीडी (दिल्ली नगर निगम) विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मुफ्त पाठ्यपुस्तकों, लेखन सामग्री और वर्दी के बिना पहला सत्र पूरा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

अदालत ने कहा कि दिल्ली जैसी व्यस्त राजधानी ही नहीं किसी भी राज्य में मुख्यमंत्री का पद कोई औपचारिक पद नहीं है।यह एक ऐसा पद है जहां पदधारक को बाढ़, आग और बीमारी जैसी प्राकृतिक आपदा या संकट से निपटने के लिए 24 घंटे सातों दिन उपलब्ध रहना पड़ता है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति पी.एस.अरोड़ा की पीठ ने कहा, “राष्ट्रीय हित और सार्वजनिक हित की मांग है कि इस पद पर रहने वाला कोई भी व्यक्ति लंबे समय तक या अनिश्चित समय के लिए संपर्क से दूर या अनुपस्थित न रहे। यह कहना कि आदर्श आचार संहिता के दौरान कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय नहीं लिया जा सकता अनपुयक्त है।”

अदालत गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘सोशल जूरिस्ट’ की एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। एनजीओ का पक्ष अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने रखा। याचिका में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत के बाद भी एमसीडी के विद्यालयों में विद्यार्थियों को शैक्षिक सामग्री और अन्य वैधानिक लाभों की आपूर्ति न होने का मुद्दा उठाया गया है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि चूंकि एमसीडी स्कूलों के छात्र अपने संवैधानिक और वैधानिक अधिकारों के अनुसार मुफ्त पाठ्यपुस्तकों, लेखन सामग्री और वर्दी के हकदार हैं, और स्कूल जल्द ही गर्मी की छुट्टियों के लिए बंद होने वाले हैं, इसलिए एमसीडी आयुक्त को निर्देश दिया जाता है कि वे पांच करोड़ रुपये की व्यय सीमा से बाधित हुए बिना दायित्वों को पूरा करने के लिए आवश्यक व्यय करने के लिए कार्रवाई करें। (एजेंसी)

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